20 दिसंबर से धर्मांतरण के विरुद्ध , विहिप का देशव्यापी अभियानvhp--campaign-against-conversion

 

 

 

 


20 दिसंबर से होगा धर्मांतरण के विरुद्ध देशव्यापी अभियान का शंखनाद – आलोक कुमार

11 दिनों के अभियान में खोलेंगे जिहादियों व मिशनरियों की पोल

नई दिल्ली. विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने कहा कि कुछ मिशनरियों व मौलवियों द्वारा अवैध धर्मांतरण के व्यापक तथा आक्रामक षड्यंत्रों के कारण विश्व हिन्दू परिषद ने निर्णय लिया है कि 20 दिसंबर से 31 दिसंबर तक संपूर्ण देश में व्यापक धर्म रक्षा अभियान चलाया जाएगा. धर्मांतरण की देशव्यापी विभीषिका को देखते हुए राज्य व केंद्र सरकारें अवैध धर्मांतरण को रोकने हेतु कठोर कानून बनाकर हिन्दू-द्रोही कुकर्मों पर लगाम लगाएं. अब समय आ गया है कि लालच, भय या धोखे से धर्मांतरण करवाने वालों पर कठोर दण्ड की व्यवस्था हो.

उन्होंने कहा कि परावर्तन के पुरोधा स्वामी श्रद्धानंद जी के बलिदान दिवस, 23 दिसंबर को हम पहले से ही ‘धर्म रक्षा दिवस’ के रूप में मनाते आए हैं. परंतु, अवैध धर्मांतरण के षड्यंत्रों की भीषणता को देखते हुए इस वर्ष अभियान को विस्तार दिया गया है. अभियान के अंतर्गत इनके षड्यंत्रों को उजागर करने के लिए साहित्य का वितरण, जन-सभाओं, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से जन-जागरण किया जाएगा. जिससे हिन्दू समाज इनके हिन्दू विरोधी और राष्ट्र विरोधी कृत्यों को समझे तथा आगे बढ़कर इन पर रोक लगाए.

उन्होंने प्रेस वार्ता में कहा कि कोरोना की भीषण आपदा के समय जब संपूर्ण देश कोरोना से जूझ रहा था और अधिकांश सामाजिक-धार्मिक संगठन सेवा कार्यों में लगे थे. तब मौलवी और पादरी आक्रामक रूप से धर्मांतरण के कार्य कर रहे थे. कोरोना के शांत होते ही ये सब षड्यंत्र उजागर होने शुरू हो गए. चर्च चंगाई सभा जैसे धोखाधड़ी भरे षड्यंत्रों के माध्यम से खुलेआम अवैध धर्मांतरण कर रहा है. भोले-भाले वनवासियों, ग्राम वासियों और पिछड़ी बस्ती के निवासियों को विशेष रूप से लक्ष्य किया जा रहा है. मिशनरी स्वयं स्वीकार कर रहे हैं कि जितनी चर्च कोरोना काल में खोली गई, उतनी गत 25 वर्षों में नहीं खोली गई.

उन्होंने कहा कि लव जिहाद से पीड़ित हिन्दू महिलाओं की प्रताड़ना व हत्या के सुनियोजित षड्यंत्रों के समाचार देश के किसी न किसी क्षेत्र से प्रतिदिन आ रहे हैं. बढ़ती हुई इस्लामिक आक्रामकता स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर हो रही है. हिन्दुओं के प्रति घृणा, खाद्य सामग्री पर थूक या अन्य माध्यमों के समाचारों से प्रकट हो रही है. अवैध धर्मांतरण के कारण भारत विभाजन, करोड़ों हिन्दुओं के नरसंहार, आतंकवाद व दंगों की पीड़ा को झेल चुका हिन्दू समाज अब इस नए परिदृश्य को किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं कर सकता.

विहिप कार्याध्यक्ष ने कहा कि इस तथ्य से सभी परिचित हैं कि संविधान में अनुसूचित जातियों के विकास के लिए कुछ सुविधाओं के प्रावधान किए गए जो मतांतरित होने के बाद स्वाभाविक रूप से समाप्त हो जाते हैं. परंतु, अनुसूचित जनजातियों द्वारा धर्मांतरण करने के बाद उनके विशेषाधिकार पूर्ववत रहते हैं. इस संवैधानिक चूक का फायदा मिशनरी लेते हैं. यह जनजातियों के अपने धर्म के प्रति अटूट विश्वास का ही परिणाम है कि गत ढाई सौ वर्षों से हजारों मिशनरियों के सतत षड्यंत्र व अरबों डॉलर खर्च करने के बावजूद वे केवल 18% को ही धर्मांतरित कर पाए हैं. जबकि अमेरिका, दक्षिण अमेरिकी देश, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड आदि में इनके षड्यंत्र के परिणाम स्वरुप लगभग शत प्रतिशत मतांतरित हो गए या समाप्त हो गए. पिछले दिनों चर्च द्वारा भारत की जनजातियों में विभेद निर्माण करने व अवैध धर्मांतरण के नए -नए षड्यंत्रों की रचना की गई है. जिसमें चर्च को धाम / मंदिर कहना, भगवा वस्त्र धारण करना, जीसस को कृष्ण रूप में प्रस्तुत करना आदि धोखाधड़ी वाले काम हैं. अपने ऊपर हमलों का झूठा प्रचार कर हिन्दू समाज व देश को बदनाम करने के इनके षड्यंत्र कई बार उजागर हो चुके हैं.

आलोक कुमार ने कहा कि इन सब परिस्थितियों से मुस्लिम व ईसाई जगत के कई प्रबुद्ध व्यक्ति त्रस्त होकर अपने परिवर्तित पंथ को छोड़ हिन्दू धर्म स्वीकार भी कर रहे हैं. भारत में मतांतरण ज्यादातर बलपूर्वक, धोखे व लालच से हुआ है. इसलिए, धर्मांतरण को रोकने व इनको अपने मूल पंथ में लौट कर लाने का प्रयास हिन्दू महापुरुषों ने हमेशा से किया है. देवल ऋषि, स्वामी विद्यारण्य, रामानुजाचार्य, रामानंद, चैतन्य महाप्रभु, स्वामी दयानंद, स्वामी श्रद्धानंद आदि द्वारा प्रारंभ किए गए परावर्तन के सतत प्रयास जारी हैं.

विहिप हिन्दू समाज का आह्वान करती है कि वह अपनी गौरवशाली मूल परंपरा के महत्व को समझें तथा तदनुसार अपने व्यक्तिगत जीवन व परिवार जीवन की रचना करें. घर वापस आने वालों का हमें खुले हृदय से स्वागत करना चाहिए और रोटी बेटी के सहज संबंध स्थापित करने चाहिए.

इन षडयंत्रों के चलते राज्य सरकारें व केंद्र सरकार अपने संविधान प्रदत्त दायित्वों से विमुख नहीं रह सकती. अत: विहिप का निवेदन है कि —

१. जिन राज्यों में अवैध धर्मांतरण व लव जेहाद को रोकने के लिए सशक्त कानून नहीं है, देश हित व समाज हित को ध्यान रखते हुए वे अविलंब कानून बनाएं.

२. अवैध धर्मांतरण के राष्ट्रव्यापी स्वरूप व आतंकी संगठनों से इनके संबंधों को देखते हुए केंद्र सरकार को इनके षड्यंत्रों पर रोक लगाने के लिए एक सशक्त कानून शीघ्र लाना चाहिए.

३. अनुसूचित जनजातियों के जिन व्यक्तियों ने मतांतरण किया है, वह अपने पूर्वजों की परम्परा, श्रद्धा और पूजा पद्धति से अलग हो जाते हैं. उनको जनजातियों को मिल रहे लाभों से वंचित करने के लिए भी आवश्यक संविधान संशोधन अतिशीघ्र करना चाहिए.

४. विहिप देश के सभी साधु-संतों व सामाजिक-धार्मिक नेतृत्व करने वाले महापुरुषों से निवेदन करती है कि वे इन षड्यंत्रकारी शक्तियों के विरोध में समाज में व्यापक जन जागरण करें, अवैध धर्मांतरण को रोकें व मतांतरित हुए व्यक्तियों को पुनः अपनी जड़ों के साथ जोड़ें.
 

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

Veer Bal Diwas वीर बाल दिवस और बलिदानी सप्ताह

अटलजी का सपना साकार करते मोदीजी, भजनलालजी और मोहन यादव जी

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

रामसेतु (Ram - setu) 17.5 लाख वर्ष पूर्व

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

सफलता के लिए प्रयासों की निरंतरता आवश्यक - अरविन्द सिसोदिया

हम ईश्वर के खिलोने हैँ वह खेल रहा है - अरविन्द सिसोदिया hm ishwar ke khilone

माता पिता की सेवा ही ईश्वर के प्रति सर्वोच्च अर्पण है mata pita ishwr ke saman

हमारा शरीर, ईश्वर की परम श्रेष्ठ वैज्ञानिकता का प्रमाण