कांग्रेस की गहलोत सरकार में तालिवानी वहशीपन राजस्थान पहुंचा - अरविन्द सिसौदिया rti-activist-attack-

 कांग्रेस की गहलोत सरकार में तालिवानी वहशीपन राजस्थान पहुंचा

 

कांग्रेस की गहलोत सरकार में तालिवानी वहशीपन राजस्थान पहुंचा

 - अरविन्द सिसौदिया
राजस्थान में विशेषबात यह है कि गृह विभाग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ही पास है, इसके बावजूद नित्यप्रति शर्मनाक आपराधिक घटनायें सामनें आ रहीं है। दुर्भाग्य यह है कि पुलिस महकमें को भी शर्म नहीं आती कि उन्होने वर्दी पहनी हुई है,उसकी भी कोई लाज है इज्जत है।

वर्तमान में राजनैतिक व्यक्तियों को बहुत जल्दी अमीर बनना है। नौकर शाही को अपनी आमदनी जारी रखना है। न्याय और कानून व्यवस्था को काम अन्याय की क्षत्र छाया करना
बन गया है । इस तरह की विषम स्थिती में आम आदमी का क्या होगा । लोकतंत्र की विफलता और घूर्तता की पराकाष्ठा का सबूत है आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम !
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राजस्थान आर टी आई कार्यकर्ता पर जानलेवा हमला
राजस्थानः
अवैध शराब के धंधे का पर्दाफाश करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता पर हमला,
पैर तोड़कर कीलें ठोकी
गुरूवार, 23 दिसम्बर 2021 

Rajasthan: RTI कार्यकर्ता को “तालिबानी सजा”? 

डरावनी घटना के बाद उठा सवाल;- ‘ये राजस्थान में आखिर हो क्या रहा है?”

राजस्थान के बाड़मेर जिले में अज्ञात हमलावरों के एक समूह ने आरटीआई कार्यकर्ता को बेरहमी से पीटा। वह उसके पैरों को कीलों से छेद दिया। पीड़ित अमराराम जाट पर मंगलवार को उसके पैतृक गांव पारेयू में हमला किया गया। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस के मुताबिक अमराराम ने हाल ही में अवैध शराब कारोबार के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़ित फिलहाल जोधपुर के एक अस्पताल में भर्ती हैं।

बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) दीपक भार्गव ने कहा कि मंगलवार को कार सवार बदमाशों ने पहले अमराराम के दोनों पैरों को सरियों से तोड़ दिया। इसके बाद पैरों में लोहे की कीलें ठोक दी। वहीं सरिये को छह जगह पैर के आरपार घुसाकर मांस तक निकाल दिया। हाथ को भी तोड़ दिया। करीब एक घंटे की मारपीट के बाद गुंडे उसे वहीं छोड़कर भाग गए।

भार्गव ने कहा, ’गंभीर रूप से घायल अमराराम को जोधपुर रेफर कर दिया गया है।’ हम मेडिकल रिपोर्ट आने का इंतजार कर रहे हैं। राज्य मानवाधिकार आयोज के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गोपाल कृष्ण व्यास
ने मामले पर संज्ञान लेते हुए डीजीपी, आबकारी आयुक्त, बाड़मेर कलेक्टर और एसपी को नोटिस जारी कर 28 दिसंबर तक हमले की रिपोर्ट मांगी है।

क्यों किया हमला?
अमराराम जाट ने प्रशासन गांवों के संग के दौरान 15 दिसंबर को कुंपलिया पंचायत के नरेगा कार्यों में वित्तीय गड़बड़ी, घटिया सामग्री, आवास योजनाओं में अनियमितता के अलावा परेऊ में शराब की अवैध ब्रांच की शिकायत की थी। इसके बाद पुलिस ने छापा मारा था।

दरअसल मिली जानकारी के अनुसार, राजस्थान के बाड़मेर के गिड़ा थाना इलाके में कुछ बदमाशों ने आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम पर जानलेवा हमला कर दिया। हमलावरों ने अमराराम का अपहरण कर लिया, इसके बाद बाद उनकी निर्मम पिटाई की गई। इतना ही नहीं, पिटाई के साथ साथ RTI कार्यकर्ता को अमानवीय यातनाएं भी दी गईं। RTI कार्यकर्ता के साथ हुई निर्ममता का अंदाजा आप इसी बात से लगा लीजिये कि उनके दोनों पैर और एक हाथ तोड़ दिया, पैरों में कील ठोक दी। पांवों में सरिया डालकर घुमाया। यहां तक कि पेशाब भी पिलाया। इसके बाद सड़क के किनारे फेंककर अपराधी फरार हो गये।



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