कांग्रेस की गहलोत सरकार जनमत खो चुकी है और भाजपा आ रही हैrajasthan-want-bjp-govt-अरविन्द सिसौदिया
कांग्रेस की गहलोत सरकार जनमत खो चुकी है और भाजपा आ रही है - अरविन्द सिसौदिया
यूं तो अशोक गहलोत सरकार के तीन साल हो गये है। गहलोत सरकार इस अवसर को समारोह पूर्वक न मना कर सादगी से ही वर्षगांठ मना रही है। क्यों कि बतानें को कुछ है ही नहीं। गिनाने को राहुल बाबा 10 तक गिनती गिन गये, अब जनता भी अपनी गिनती गिनने के इंतजार में बैठी है।
यूं भी अशोक गहलोत कभी सरकार रिपीट नहीं कर पाये है। पिछली बार जब गहलोत साहब मुख्यमंत्री थे तब भी 2013 सरकार रिपीट नहीं कर पाये थे । उनके कामकाज से मात्र 21सीटें ही कांग्रेस की आईं थीं। तब सचिन - गहलोत विवाद नहीं था। अब चूनाव चाहे गहलोत के नेतृत्व में हों या सचिन के नेतृत्व में विवाद के बीच ही अगला चुनाव होना है। अतः अबकी बार दो अंक का भी टोटा न पढ जाये!
दैनिक भास्कर ने गहलोत सरकार के तीन साल पूरे होने पर पाठकों के बीच सरकार के कामकाज को लेकर एक सर्वे कराया था। वह भी साफ साफ इशारा कर रहा है कि गहलोत सरकार जा रही है। भाजपा आ रही है।
भास्कर के ऑनलाइन पोल में 94,600 लोगों ने हिस्सा लिया। वहीं पक्ष-विपक्ष के कामकाज को लेकर 10 सवालों वाले सर्वे में 14 हजार से ज्यादा लोगों ने वोटिंग की। महंगाई और बेरोजगारी ऐसे बड़े मुद्दे हैं जिन पर आज चुनाव हों तो जनता वोट करेगी।
इनमें से आठ सवाल गहलोत सरकार से संदर्भित हैं जिनका कुल मिला कर इशारा है कि गहलोत सरकार जा रही है।
इस सर्वे में :-
1- जनता मुख्यतः 56 प्रतिशत लोग भाजपा को अगला राज देना चाहते है। जबकि कांग्रेस को मात्र 34 प्रतिशत पर ही जनता ने रोक दिया है।
2- वर्तमान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जनता के बीच अपना बहूमत खो चुके हैं उन्हे मात्र 21 प्रतिशत लोग चाहतें हैं जबकि पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलेट को 48 प्रतिशत , मुख्यमंत्री गहलोत से लगभग दो गुने लोग पूर्व उपमुख्यमंत्री को चाहते है।
3- गहलोत सरकार के तीन साल पूरे होनें पर अधिकतम पांच अंक देकर जनता से पूछा गया था कि आप कितने अंक देंगे तो मात्र 1 अंक देनें वाले ही 46 प्रतिशत और 2 अंक देनें वाले 20 प्रतिशत हैं अर्थात सरकार पूरी तरह फैल घोषित हो चुकी है।
4- गहलोत-सचिन विवाद से कांग्रेस को बडा नुकसान पहुंचा है। 77 प्रतिशत जनता ने इस बात पर मोहर लगाई है।
5- मंहगाई के लिये राजस्थान की जनता ने गहलोत सरकार को भी नाकाम माना है। 65 प्रतिशत लोगों ने गहलोत सरकार को दोषी माना है। अर्थात मंहगाई रोकनें की कोशिशों में राज्य सरकार ने लापरवाही बर्ती है।
6- रोजगार उपलब्ध करवानें में भी गहलोत सरकार फैल साबित हुई है। 66 प्रतिशत लोगों ने उसे नाकाम माना है।
7- किसान की कर्ज माफी को भी जनमत में छल माना है। राजस्थान सरकार से 65 प्रतिशत ना खुश है।
8- कोरोना मेनेजमेंट को आम जनता ने लगभग सही माना है 41 प्रतिशत ने सही 20 प्रतिशत ने लगभग सही और 39 प्रतिशत ने नहीं संभल पाई माना है। इसमें बडा रोल केन्द्र की मोदी सरकार का भी था।
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