गत कांग्रेस सरकार ने शैक्षणिक अराजकता फैला दी - शिक्षा मंत्री सराफ
गत कांग्रेस सरकार राजस्थान की जनता के लिए इतने गड्डे खोद कर गई है की उसे भरने में ही सैलून लग जाएँ
Thursday, 17 July | 04:50:53 AM IST
इनके जवाब में सराफ ने बताया कि पूर्व सरकार ने प्रदेश में शैक्षणिक अराजकता फैला दी। जिसके चलते प्रदेश में हालात यह हैं कि 8164 स्कूलों में बच्चों की संख्या प्रति स्कूल 15 भी नहीं है, लेकिन शिक्षक यहां 14655 लगे हैं। ऐसे ही 19 हजार 760 स्कूल ऐसे हैं जहां टीचर्स तो 42150 हैं, लेकिन बच्चे तीस से कम हैं। बावजूद इसके द्वितीय श्रेणी शिक्षकों के 11,492 पद, तृतीय श्रेणी शिक्षकों के 39,718 एवं शारीरिक शिक्षकों के 1,017 पद रिक्त हैं। हमारी सरकार अब स्कूलों का एकीकरण कर रही है। आपस में स्कूलों को समाहित करने से शिक्षकोंं की कमी भी नहीं रहेगी और शैक्षणिक गुणवत्ता भी बढ़ेगी।
राजस्व गांव के स्कूल ही होंगे एकीकृत
सराफ ने सदन को बताया कि एकीकरण के नियमों में इस तरह का प्रावधान किया गया है कि राजस्व गांव के स्कूलों को ही एक दूसरे में समाहित किया जाएगा। अगर संख्या मुताबिक बच्चों के लिए भवन छोटे पड़े तो वर्तमान में उपलब्ध अलग-अलग भवन में स्कूल चलेंगे, लेकिन प्रबन्धन एक ही होगा।
शिक्षकों की कमी पर प्रतिनियुक्ति नहीं
इससे पहले शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति को लेकर विधायक केसाराम चौधरी ने सवाल उठाया था। इस पर भाजपा के सुरेन्द्र गोयल, जोगाराम पटेल, देवेन्द्र कटारा ने शिक्षकों की कमी के चलते उनकी अन्य कार्यों के लिए प्रतिनियुक्ति नहीं करने की मांग की। इसके जवाब में सराफ ने घोषणा की कि प्रदेश में जहां-जहां स्कूलों में शिक्षकों की कमी होगी वहां के शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति अन्यत्र कार्य के लिए नहीं की जाएगी। केसाराम ने सोजन में डीईओ के श्यामलाल शिक्षक को ब्लॉक शिक्षा अधिकारी में सक्षम नहीं होने का मुद्दा उठाया तो उन्होंने उसकी जांच कराके कार्रवाई का आश्वासन दिया।
सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापस लेंगे
राज्य में बीस हजार थर्ड ग्रेड शिक्षकों के सुप्रीम कोर्ट में अटके मामले को भी सरकार शीघ्र निपटाने जा रही है। शिक्षा मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान बीस हजार थर्ड ग्रेड शिक्षकों के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी को वापस लेने की घोषणा की है। जिसका सदन में राजपा विधायक किरोड़ी लाल मीणा ने विरोध करते हुए इसे एससी-एसटी के अभ्यर्थियों पर कुठाराघात करने का आरोप लगाया और एसएलपी वापस नहीं लेने की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने कहा कि एससी-एसटी के अभ्यर्थियों पर कोई कुठाराघात नहीं होगा।
Thursday, 17 July | 04:50:53 AM IST
28 हजार स्कूलों में तीस-तीस बच्चे भी नहीं
जयपुर। शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ ने सदन में पिछली सरकार पर शैक्षणिक माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में स्कूलों के हालात यह है कि 28 हजार स्कूलों में शिक्षक तो 57 हजार से ज्यादा हैं, लेकिन बच्चों की संख्या प्रति स्कूल तीस भी नहीं है। प्रदेश के 142 स्कूल तो ऐसे हैं जहां 251 शिक्षक लगे हैं, लेकिन बच्चा एक भी नहीं हैं। शिक्षक यहां केवल अखबार पढ़ने आते हैं। उन्होंने कहा कि एकीकरण करने से स्कूलों में शिक्षक पूरे उपलब्ध हो सकेंगे वहीं शिक्षा स्तर भी सुधरेगा। प्रश्नकाल के दौरान टोडाभीम विधायक घनश्याम ने स्कूलों के एकीकरण का मुद्दा उठाया था। इस पर अन्य विधायको ने भी कई सवाल किए।इनके जवाब में सराफ ने बताया कि पूर्व सरकार ने प्रदेश में शैक्षणिक अराजकता फैला दी। जिसके चलते प्रदेश में हालात यह हैं कि 8164 स्कूलों में बच्चों की संख्या प्रति स्कूल 15 भी नहीं है, लेकिन शिक्षक यहां 14655 लगे हैं। ऐसे ही 19 हजार 760 स्कूल ऐसे हैं जहां टीचर्स तो 42150 हैं, लेकिन बच्चे तीस से कम हैं। बावजूद इसके द्वितीय श्रेणी शिक्षकों के 11,492 पद, तृतीय श्रेणी शिक्षकों के 39,718 एवं शारीरिक शिक्षकों के 1,017 पद रिक्त हैं। हमारी सरकार अब स्कूलों का एकीकरण कर रही है। आपस में स्कूलों को समाहित करने से शिक्षकोंं की कमी भी नहीं रहेगी और शैक्षणिक गुणवत्ता भी बढ़ेगी।
राजस्व गांव के स्कूल ही होंगे एकीकृत
सराफ ने सदन को बताया कि एकीकरण के नियमों में इस तरह का प्रावधान किया गया है कि राजस्व गांव के स्कूलों को ही एक दूसरे में समाहित किया जाएगा। अगर संख्या मुताबिक बच्चों के लिए भवन छोटे पड़े तो वर्तमान में उपलब्ध अलग-अलग भवन में स्कूल चलेंगे, लेकिन प्रबन्धन एक ही होगा।
शिक्षकों की कमी पर प्रतिनियुक्ति नहीं
इससे पहले शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति को लेकर विधायक केसाराम चौधरी ने सवाल उठाया था। इस पर भाजपा के सुरेन्द्र गोयल, जोगाराम पटेल, देवेन्द्र कटारा ने शिक्षकों की कमी के चलते उनकी अन्य कार्यों के लिए प्रतिनियुक्ति नहीं करने की मांग की। इसके जवाब में सराफ ने घोषणा की कि प्रदेश में जहां-जहां स्कूलों में शिक्षकों की कमी होगी वहां के शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति अन्यत्र कार्य के लिए नहीं की जाएगी। केसाराम ने सोजन में डीईओ के श्यामलाल शिक्षक को ब्लॉक शिक्षा अधिकारी में सक्षम नहीं होने का मुद्दा उठाया तो उन्होंने उसकी जांच कराके कार्रवाई का आश्वासन दिया।
सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापस लेंगे
राज्य में बीस हजार थर्ड ग्रेड शिक्षकों के सुप्रीम कोर्ट में अटके मामले को भी सरकार शीघ्र निपटाने जा रही है। शिक्षा मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान बीस हजार थर्ड ग्रेड शिक्षकों के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी को वापस लेने की घोषणा की है। जिसका सदन में राजपा विधायक किरोड़ी लाल मीणा ने विरोध करते हुए इसे एससी-एसटी के अभ्यर्थियों पर कुठाराघात करने का आरोप लगाया और एसएलपी वापस नहीं लेने की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने कहा कि एससी-एसटी के अभ्यर्थियों पर कोई कुठाराघात नहीं होगा।
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