हिंदुओं एकता सभी समस्याओं का समाधान : परम पूज्य डा. मोहन भागवत जी




हिंदुओं की एकता सभी समस्याओं का समाधान : सरसंघचालक परम पूज्य डा. मोहन भागवत जी

ककाडकुई (भरूच). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत ने कहा है कि हिंदुओं को संगठित करने का कार्य यदि इसी गति से चलता रहा तो वर्ष 2025 तक भारतीय समाज और भी संगठित हो जायेगा.
उन्होंने कहा, “भारत में हिंदुओं की एकता, देश की सभी आंतरिक और बाह्य समस्याओं का समाधान है. दुनिया के जिस किसी भी देश की धरती पर हिंदू गये, उन्होंने शांति व सौहार्द का प्रचार किया. दूसरी ओर, जिन्होंने भारत माता से अलग रहने का निर्णय लिया, वे आज कष्टमय जीवन जी रहे हैं. पाकिस्तान, तिब्बत, म्यांमार, श्री लंका, नेपाल और बंगलादेश की स्थिति से हम सभी अवगत हैं. इन देशों के लोगों की बेहतरी के लिये उनको भारत के निकट आने की आवश्यकता है.”
सरसंघचालक ने उक्त विचार 29 जून को भरूच जिले में नेत्रांग तालुका के ककाडकुई ग्राम में विद्या भारती के नवनिर्मित छात्रवास भवन के उद्घाटन से पूर्व कुछ लोगों से बातचीत के दौरान व्यक्त किये. भरूच और सूरत से सरसंघचालक से मिलने आए इन लोगों ने उनसे समान नागरिक संहिता, संविधान के अनुच्छेद 370 और पूर्वोत्तर की वर्तमान समस्याओं पर बातचीत की.
वनवासी परिवारों के लगभग 300 छात्रों को संबोधित करते हुए डा. भागवत ने वनवासी बंधुओं की दक्षता की सराहना की और कहा, “जब हम आज की शिक्षा पर दृष्टि डालते हैं, तो स्थिति बहुत सुखद दिखाई नहीं देती. वे विज्ञान एवं प्रगति पढ़ाते हैं, लेकिन भारतीय मूल्य व राष्ट्रवाद के बारे में शिक्षा नहीं देते. यही वह रिक्त स्थान है जिसे विद्याभारती को भरना है.”
पूर्वोत्तर में विद्याभारती के विद्यालय स्थापित करने पर जोर देते हुए डा. भागवत ने कहा, “पांच वर्ष पूर्व हमने नगालैण्ड में विद्याभारती का विद्यालय प्रारम्भ किया था. वहां आज, बच्चे हिंदी में बोलते हैं और हमें प्रसन्नता है कि हम राष्ट्रवाद की भावना फैलाने में सफल रहे. कल, वे भयमुक्त होकर देश की हर इंच भूमि की रक्षा करेंगे. हमारी दृष्टि केवल इन्हीं क्षेत्रों तक सीमित नहीं है. यह हमारा देश है और यहां जो कुछ हो रहा है, उसके प्रति हमें संवेदनशील रहना होगा.”
स्त्रोत : vskbharat.com

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

Veer Bal Diwas वीर बाल दिवस और बलिदानी सप्ताह

जन गण मन : राजस्थान का जिक्र तक नहीं

अटलजी का सपना साकार करते मोदीजी, भजनलालजी और मोहन यादव जी

इंडी गठबन्धन तीन टुकड़ों में बंटेगा - अरविन्द सिसोदिया

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग

स्वामी विवेकानंद और राष्ट्रवाद Swami Vivekananda and Nationalism