बच्चे को याद है पिछला जन्म



7 साल के बच्चे को याद है पिछला जन्म, पत्नी को पहचाना
अंकुर अवस्थी|Jul 16, 2014
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(स्कूल में टीचर्स के साथ रजनीश।)

अलवर. कुंडलका गांव का सात साल का रजनीश अचानक अपने आपको सवाईमाधोपुर के शेरपुर गांव का केदार कुम्हार बताने लगा और कहने लगा कि वहां पर मेरी पत्नी है, बच्चे है तो सब आश्चर्यचकित हो गए।

रजनीश ने यह बात घर पर पिता और स्कूल में क्लास टीचर को बताई। बात बढ़ी तो गांव वालों ने शेरपुर में भी संपर्क किया। वहां से भी लोग आए, उन्होंने दावा किया कि बच्चा जो भी बात बता रहा है वह सच है। उसने अपनी पत्नी कैलाशी और अन्य लोगों को भी पहचान लिया और उनसे बातें की।

जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर भर्तृहरि के समीप कुंडलका निवासी रामकरण गुर्जर का बेटा रजनीश गुर्जर खुद को पिछले जन्म का केदार बताता है जो कि सवाईमाधोपुर के शेरपुर रहता था परिजनों का कहना है कि दो साल की उम्र से ही रजनीश पिछले जन्म की बातें बताई पर किसी को यकीन नहीं हुआ और टाल गए।

पिछले दिनों जब बालक ने अपने गांव जाने की जिद की तो परिजनों ने शेरपुर गांव से जानकारी हासिल की। बालक द्वारा बताए गए तथ्यों का पता लगाने के बाद रजनीश के पिता और परिवार के अन्य सदस्य उसे आठ जुलाई को शेरपुर-बिलचीपुर ले गए। जहां पर बालक ने जोगी महल और गणेश मंदिर को पहचाना और अपने पिछले जन्म के परिजनों की पहचान भी कर ली। इसके बाद से गांव में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया।
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{माता-पिता और भाइयों के साथ बैठा रजनीश (नीली शर्ट में)}
पत्नी कैलाशी और बेटी को पहचान गया रजनीश

पिछले जन्म में खुद को केदार बता रहे रजनीश से मिलने के लिए 12 जुलाई को शेरपुर से केदार की पत्नी कैलाशी और परिजन आए। रजनीश सभी को पहचान गया और उनसे बातचीत करने लगा। इसके बाद जाते समय रजनीश ने अपनी बेटी को गिफ्ट देने की जिद की।

रजनीश अगले माह शेरपुर में लगने वाले गणेश मेले में जाने की भी जिद कर रहा है। बालक की इन हरकतों से परिजन हैरान हैं और पूरे गांव के लिए यह बालक अनोखा बना हुआ है। गांव के सरकारी स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ रहा रजनीश स्कूल में भी अपने पूर्वजन्म की बातें बताता रहता है।
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{भाई के साथ रजनीश (नीली शर्ट में)}
उम्र सात साल गंभीरता युवा जैसी

महज सात साल की उम्र में काफी गंभीर दिखाई देने वाला रजनीश हमउम्र बच्चों की तरह शरारतें नहीं करता। पिता रामकरण का कहना है कि कोई गलती होने पर रजनीश तुरंत माफी मांग लेता है और खुद ही अपनी गलती बता देता है।

इसकी पुष्टि करते हुए स्कूल की अध्यापिका निहारिका सैनी और उषा सैनी ने बताया कि स्कूल समय में रजनीश शरारतें कम ही करता हैं और एक बार समझाई बात को लंबे समय तक याद रखता है और अक्सर अपने पुनर्जन्म की बातें बताता रहता है। रजनीश की मां वीरवती ने बताया कि रजनीश अन्य तीनों भाई बहनों के मुकाबले गंभीर है।

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(स्कूल में रजनीश का हाथ पकड़कर कुछ समझाते हुए टीचर।)

रजनीश ने क्या बताया पूर्वजन्म के बारे में

रजनीश गुर्जर खुद को सवाई माधोपुर के शेरपुर-बिलचीपुर का निवासी केदार कुम्हार बताता है। बालक ने भास्कर से बातचीत में कहा कि शेरपुर में उसके पास दो गधे थे, जिससे किले पर मिट्टी ले जाने का काम करता था। इसके अलावा रजनीश ने पूर्वजन्म की अपनी पत्नी, संतानों के नाम, स्थानीय जोगी किले गणेश मंदिर की जानकारी दी। बालक के परिजनों का दावा है कि सभी तथ्य जांच में सही पाए गए।

'भारतीय दर्शन और धर्म के अनुसार पुनर्जन्म हो सकता है, लेकिन मेडिकल साइंस में दोबारा जन्म जैसे घटना को प्रमाणित करने के कोई ठोस तथ्य नहीं हैं। ऐसे में पुनर्जन्म को नकारना और स्वीकारना दोनों ही मुश्किल हैं।'

डॉ.जेएस शर्मा, कनिष्ठ विशेषज्ञ, मानसिक रोग विभाग, सामान्य चिकित्सालय

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