मणिपुर में विपक्ष का दौरा, एंटी मोदी पोलटिक्स मात्र - अरविन्द सिसोदिया manipur


मणिपुर में विपक्ष का दौरा, एंटी मोदी पोलटिक्स मात्र - अरविन्द सिसोदिया

 मणिपुर में वहां की स्थानीय हिन्दू जनजाति जिसे मैतेइ के नाम से जाना जाता है, जिनका मणिपुर पर राज्य भी रहा है। जिसकी 1951 की जनगणना में जनसंख्या में 59 प्रतिशत थी, विशेष कर मयंमार से घुसपैठ के कारण जनसंख्या घनत्व घट गया और 2011 की जनगणना में 44 प्रतिशत रह गई। अपनी मातृभूमि और हितों की रक्षा के लिए लगभग 10 वर्ष से मैतेइ जनजाति संघर्षरत है, इसी क्रम में उच्च न्यायालय नें एक आदेश दिया।

मूलतः मणिपुर के भारत में विलय से पूर्व भी हिन्दू मैतेइ जनजाति को जनजाति स्टेट्स प्राप्त था। जिसे नेहरू सरकार नें विलय के पश्चात समाप्त कर दिया, जो कि गलत था, अन्याय था। इससे इनकी पैतृक भूमि अधिपत्य, मूल संस्कृति, मूल भाषा और मूल परंपराओं के संरक्षण समाप्त ही गया और बाहरी जनजातीयां कुकी व नागा हावी हो गये। चिन जाती के लोग भी काफ़ी संख्या में घुस आये।

कुल मिला कर मणिपुर हिंसा के पीछे चर्च है जो विदेशी ताकतों के बल पर हिन्दू जनजाति को उसके अधिकारों से बंचित रखना चाहता हैं और इसीक्रम में बीबीसी के समाचारों में लगातार एक तरफा व्यवहार देखा गया, यूरोपीय संसद में भी एक तरफा व्यवहार देखा गया। ईसाई हित चिंतन के कारण ही भारत में कांग्रेस की विशेष उछल कूद है।

भारत का विपक्ष और यूरोप सहित विदेशी ताकतें चाहती हैं कि हिन्दू जनजाती को उसके अधिकार नहीं मिलें। इस हेतु बहुत बड़े बड़े और व्यापक तैयारी से योजनागत टूलकिट आधारित कार्यक्रम चल रहे हैं। इसी का एक पार्ट विपक्ष का मणिपुर दौरा है। 

इस शिष्टमंडल में सम्मिलित कांग्रेस सांसद सैयद नासीर हुसैन ने बताया कि 29 और 30 जुलाई को विपक्षी दलों का गठबंधन मणिपुर में हिंसा प्रभावित राहत शिविरों में जाएगा। इसमें 16 पार्टियों के 21 सांसद शामिल हैं। प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेता हालातों का जायजा लेंगे और पीड़ितों से बातचीत करेंगे।

सैयद नासीर हुसैन ने कहा, "हम मणिपुर की जनता को मैसेज देंगे कि हम उनके साथ खड़े हैं, हम उस क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए अपनी क्षमता में सब कुछ करेंगे। 30 जुलाई को सुबह 10 बजे विपक्षी गठबंधन के सांसद महामहिम राज्यपाल से भी मुलाकात करेंगे। "

प्रतिनिधिमंडल में इन सासंदों का नाम शामिल -  कांग्रेस की तरफ से अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई, के सुरेश और फूलो देवी नेतम, जेडीयू की तरफ से अनिल प्रसाद हेगड़े और राजीव रंजन, टीएमसी से सुष्मिता देव, डीएमके से कनिमोझी करुणानिधि, सीपीआई से सन्दोश कुमार पी, सीपीआई(एम) से एए रहीम. एनसीपी से पीपी मोहम्मद फैजल, आईयूएमएल से ईटी मोहम्मद बशीर, आरएसपी से एनके प्रेमचंद्रन, आप से सुशील गुप्ता, शिवसेना से अरविंद सावंत, वीसीके से डी रविकुमार और थिरु थोल थिरुमावलवन, आरएलडी से जयंत सिंह, सपा से जावेद अली खान और जेएमएम से महुआ माजी।

यह दौरा मात्र दिखावा है, पॉलिटिकल  टूरिज्म  मात्र है जिसका मकसद सिर्फ और सिर्फ मोदीजी के विरुद्ध कुछ न कुछ कहना होता है। यदी ये ईमानदार होते तो पहले राजस्थान फिर बंगाल और अंत में मणिपुर जाते, मगर तय सुदा एजेंडे पर मणिपुर पहुंचा यह समूह सिर्फ वहाँ प्रशासन को परेशानी ही खड़ा करेगा।

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