लोकतंत्र का खून पी रही ममता सरकार बर्खास्त हो - अरविन्द सिसोदिया mamata sarkar barkhst ho
खून की होली खेलने की अनुमति नहीं दी जा सकती बंगाल के चुनाव और सरकार बर्खास्त हो - अरविन्द सिसोदिया
एक राज्य चुनाव में 50 लोग बेमौत मारे जाते हैं, हजारों घायल है, अरबों की संपत्ती को नुकसान पहुंचाया जाता हो, 50 हजार से अधिक बूथों पर धांधली का आरोप हो, 700 से ज्यादा बूथों पर पुनर्मतदान हुआ हो, हाईकोर्ट की निगरानी के बाद भी ये हालत हों, तब तो लोकतंत्र की रक्षा व भविष्य में पुनः यहाँ हो इसके लिए चुनाव के साथ - साथ सरकार भी बर्खास्त हो. विधानसभा भी भंग होकर राज्यपाल शासन लगाया जाना चाहिए.
हलाँकि उच्च न्यायलय नें राज्य चुनाव आयोग को कड़ी फटकार लगाई है व परिणामों को न्यायालय के निर्णय पर अंतिम होनें का भी कहा है। किन्तु बंगाल में खून की होली खेल कर सम्पन्न करवाये गये चुनावों और लुटे गये पदों पर राज्य सरकार को कतई शर्म नहीं आई है वह जश्न मना रही है। इन परिस्थितियों में संविधान व लोकतंत्र के रक्षक भारत के उच्चतम न्यायालय को स्वसंज्ञान लेना चाहिए और बंगाल के पंचायतीराज चुनाव तथा सरकार दोनों को बर्खास्त कर संविधान, लोकतंत्र व देश में शान्ति एवं व्यवस्था की उच्चतम सम्मान का संदेश देना चाहिए।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशीथ प्रामाणिक ने आरोप लगाया, ‘‘पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी पार्टी बैलेट पर नहीं बल्कि बुलेट पर भरोसा करती है इसलिए राज्य की यह स्थिति है. बाहरी घुसपैठिए, असामाजिक तत्त्व और तृणमूल के गुंडों को ममता बनर्जी पनाह दे रही हैं. आज बंगाल की स्थिति क्या हो गई है.’’
‘‘चुनाव गणतंत्र का महोत्सव होता है लेकिन बंगाल में इस बार का पंचायत चुनाव गणतंत्र का महोत्सव नहीं बल्कि मृत्यु का उत्सव बन गया है. जब से चुनावों की घोषणा हुई है तब से आज तक सरकार के पास भी मौत के सही आंकड़े नहीं होंगे.’’
‘‘यह पूरी तरह से लोकतंत्र की हत्या है. राज्य के एक चुनाव आयोग का किसी एक पार्टी के लिए काम करना, लोकतंत्र के सख्त ख़िलाफ़ है. बंगाल में चुनाव की घोषणा से लेकर नतीजे के एलान तक जितने लोगों की मौत होगी, उन सभी की ज़िम्मेदारी चुनाव आयोग और वहां की सरकार की होगी.’’
प्रामाणिक के अनुसार, ‘‘राज्य चुनाव आयोग ने जल्दबाजी में एक ही फेज में और बिना केंद्रीय बल की तैनाती के चुनाव कराने का निर्णय लिया था. हम इसके ख़िलाफ़ कोर्ट गए और कोर्ट ने भी इसे माना, लेकिन ज़मीनी हकीकत अलग है. केंद्रीय बल को सिर्फ पेट्रोलिंग ड्यूटी के लिए रखा गया और किसी भी बूथ पर केंद्रीय बल के जवानों को तैनात नहीं किया गया.’’
राज्यपाल ने क्या कहा...?
इससे पहले, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राज्य के उत्तर 24 परगना ज़िले के अपने दौरे के दौरान कहा, ‘‘मैं सुबह से ही फील्ड में हूं... लोगों ने मुझसे अनुरोध किया, रास्ते में मेरा काफिला रोका. उन्होंने मुझे अपने आसपास हो रही हत्याओं के बारे में बताया, गुंडों की ओर से रोके जाने की जानकारी दी. लोगों को मतदान केंद्रों पर जाना चाहिए... चुनाव गोलियों से नहीं बल्कि मतपत्रों से होना चाहिए.’’
कांग्रेस ने क्या कहा?
पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पीटीआई से हुई बातचीत में दावा किया, ‘‘यहां की स्थिति बहुत खराब और तनावपूर्ण है. राज्य में कानून-व्यवस्था बिल्कुल नहीं रह गई है. बंगाल अराजक स्थिति में बदलता जा रहा है.’’
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