देश भोग की सत्ता से मुक्त हो कर योग की सत्ता के दौर में प्रवेश कर चुका है - अरविन्द सिसोदिया

 


देश भोग की सत्ता से मुक्त हो कर योग की सत्ता के दौर में प्रवेश कर चुका है - अरविन्द सिसोदिया

प्रधानमंत्री मोदी को फ्रांस के सर्वोच्च नागरिक तथा सैन्य सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर’ से भी सम्मानित किया गया। इसके साथ ही पीएम मोदी यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय पीएम बन गए।

एक समय की बात है कि कोटा के पास स्थित एक फैक्ट्री से मामूली गैस का रिसाव हो गया, कोई जन हानी भी नहीं हुई मगर तत्कालीन एक बडे जनप्रतिनिधि नें खूब ग्रामीण दौरे किये हल्ला मचाया कि गैस रिसाव से फला फला तरह की हानी हुई है। फिर अचानक उनकी आवाज बंद हो गई। पता चला कि मोटी रकम का लेन देन हो गय ा, इसलिये सब ठीक ठाक है अमन चैन है। इस घटना का देश के किसी विषेशनेता की उचककूद से कोई लेना देना नहीं है। मगर यह एक राजनैतिक चरित्र है। जिन की आदत सत्ता के भोग की है वे अपनी सिर्फ माल कमानें का लक्ष्य रखते हैं। हाल ही में पटना में विपक्षी दलों का सम्मेलन हुआ था। वहां चर्चा दलों की नहीं थी बल्कि चर्चा थी एक साथ पटना में अुहत सारे प्राईवेट यात्री विमान पहुचनें की......गरीब नेताओं पर, मकान रहित नेताओं पर इतना पैसा कि वे यात्रा चार्टड विमान से करते है। ये विमान उनके इंतजार में मंहगे किराये पर हवाई अड्डे पर खडे रहते हें। सोचिये कि जिस परिवारों को इस तरह की सुखसुविधायें लगातार एक शताब्दी से ज्यादा भोगनें का अवसर मिला हो उनकी हालत अब इन सब के बिना क्या होगी। क्यों कि अब जो सत्ता है वह सत्ता, देश में योग की है। देश के विकास में वृद्धि की है, राष्ट्रहित सर्वोपरी की है। न्याय व समता के लिये कुछ कर गुजरनें की है। आज सवाल यही है कि देश को कौनसा शासक चाहिये जो सत्ता भोगे वह या जो सत्ता से देश का योग करे बडौत्री करे वह । निश्चित ही जनता देश की बडौत्री करने वाला शासक चाहती है। यही भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की जीत का रहस्य है। 

जो राजनेता प्रत्येक संसाधन, अवसर और संधि में अपना भोग चाहते है। वे अडानी अंबानी से भोग की भीख के लिये ही तो चिल्लाते हैं। उनकी आवाज के पीठे एक प्रतिध्वनी भी सुनाई देती है। प्रसाद दो - प्रसाद दो । भोग की भीख के लिये ही राफेल राफेल का राग पीटते है। सर्वोच्च न्यायालय में माफॅी मांगते हैं। मगर अब देश पर एक ऐसा चौकीदार शासन कर रहा है जिसका दो दसकों से एक ही मूल मंत्र है न खाऊंगा न खाने दूंगा । अर्थात देश भोग की सत्ता से मुक्त हो कर योग की सत्ता के दौर में प्रवेश कर चुका है। 

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 पीएम मोदी के दो दिवसीय फ्रांस दौरे को लेकर विपक्ष जमकर निशाना साध रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी के फ्रांस दौरे और मणिपुर के हालातों को देखते हुए ट्वीट कसा था जिस पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पलटवार कर मुंहतोड़ जवाब दिया है। स्मृति ईरानी ने कहा कि “एक व्यक्ति जो भारत के आंतरिक मामलों में अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप चाहता है, एक निराश राजवंश जो ‘मेक इन इंडिया’ की महत्वाकांक्षा को ठेस पहुंचाता है, जब हमारे प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय सम्मान मिलता है तो वो व्यक्ति भारत का मजाक उड़ाता है, लोगों द्वारा खारिज किए जाने के बाद, वे इस बात से नाराज हैं कि रक्षा अनुबंध अब राजवंश के दरवाजे पर नहीं हैं।”

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