भारत बचानें, नागरिक संहिता और जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू हो- अरविन्द सिसोदिया ucc

भारत बचानें, नागरिक संहिता और जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू हो- अरविन्द सिसोदिया 

देश हित ही सर्वोच्च है, इस भविष्य से काम करने के मामले में चीन और इजराईल को सर्वोच्चता प्राप्त है, वे देश हित के मुद्दों पर कोई समझौता नहीं करते हैं। इस्लामिक गुंडागर्दी चीन और इजराईल के पड़ोसी के रूप में दोनों देशों को समस्या है, किन्तु इन दोनों देशों नें इस समस्या को कभी सिर नहीं उठाने दिया और कोई वारदात भी हुई तो एक के बदले दस का रुख रखा, इससे यहाँ इस समस्या से कोई बड़ा खतरा नहीं है।

वहीं फ़्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी सहित तमाम यूरोपीय देश जो मानवाधिकारों को, समन्वय को, शान्ति को, अस्तित्व को देशहित को बहुत अधिक महत्व देते थे। वे अब अपने आपको बुरी तरह फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं। फ़्रांस में जो हुआ उसने पूरी दुनिया को सोचने पर विवश किया है। किन्तु यही घटना यदी चीन, इजराईल और रूस में होती तो, अभी तक हजारों उपद्रवियीं को गोली से उड़ा दिया गया होता। क्योंकि ये किसी भी आतंकी और उपद्रवी घटनाक्रम से समझौता नहीं करते।

भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशाअल्लाह इंशाअल्लाह के नारे लगाने वाले यदी चीन में होते, इजराईल में होते, रूस में होते, तो अभी तक.. पता नहीं कहां होते....! यह भारत ही है जहां इन पर कोई कार्यवाही तक नहीं हुई।

कुल मिला कर फ्रांस जैसे उपद्रव के प्रयास भारत में भी हुये थे, शाहीन बाग, किसान आंदोलन, लालकिले पर खालिस्तानी झंडा आदी ऐसे ही प्रयोग थे और इनमे राजनैतिक दलों की भी अपनी भूमिका रही है। भारत में न्यायालय भी अनावश्यक लिवरलता से ग्रस्त हैं। जबकि भारत अनेकानेक अवसरों पर इस्लामिक गुंडागर्दी और आतंकवाद को झेल चुका है। जिस देश का विभाजन  इस्लामिक मूमेंट के कारण हुआ हो, उसको सावधान होना चाहिए था किन्तु असावधानी में 75 वर्ष गंवा दिए गए हैं।

समान नागरिक संहिता और जनसंख्या नियंत्रण कानून देश की आवश्यकता हैं। भारत सरकार को इन्हे अगली सरकारों पर न टालें बल्कि इसी बहूमत वाली सरकार में इन कानूनों को पारित करवाएँ।

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