कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव फैल होगा, मोदी जी बेफ्रिक - अरविन्द सिसौदिया Congress's no-confidence motion will spread
कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव फैल होगा,
मोदी जी बेफ्रिक- अरविन्द सिसौदिया
Congress's no-confidence motion will spread, Modi ji is not worried - Arvind Sisodia
kaangres ka avishvaas prastaav phail hoga, modee jee bephrik - aravind sisodia
कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव इसलिये लेकर आई है कि इससे चर्चा में वह अपने विषयों को सदन में उठा सके। प्रधानमंत्री को जबाव देनें को मजबूर कर सके , हलांकी इस प्रस्ताव का गिरना भी तय है। क्यों कि कांग्रेस के पास जो गठबंधन है वह भाजपा सांसदों की संख्या का आधा भी नहीं है।
मेनें इस अविश्वास प्रस्ताव को कांग्रेस का कहा है क्यों कि जो गठबंधन बना है उसका मुखिया और सर्वे सर्वा कांग्रेस ही है। अन्य दलों की स्थिती खजूर पर लटके बन्दर जैसी है, वे न कूद सकते न छलांग लगा सकते । इण्डिया नाम करण सिर्फ राहुल गांधी ने किया, ममता का सुझाव कि न्यू इण्डिया को माना ही नहीं गया। नितिश कुमार और वामपंथ की भुन भुन किसी ने सुनी ही नहीं। और यह फैल इसलिये होगा कि संख्या जरूरत से आधी के लगभग ही है।
इसी तरह अविश्वास प्रस्ताव भी कांग्रेस का ही है आगे भी सभी कार्यक्रम गठबंधन में राहुल गांधी के निश्चय किये हुये ही होंगे। गठबंधन को साफ संदेश है हमारे साथ चलना है तो हमारी ही सुनना पडेगी। सोनिया जी का पिछले 30 वर्ष का एक ही लक्ष्य है कि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाना है। कांग्रेस इससे पीछे क्यों हटे ? अर्थात विपक्षी गठबंधन में ही समस्या होने वाली है।
लोकसभा में मौजूदा संख्या
लोकसभा में मौजूदा संसद सदस्यों की संख्या की बात करें तो लोकसभा सदन में बहुमत का आंकड़ा 272 सांसद पूरा करते है। प्रधानमंत्री बनाने और गिरानें के लिये 272 संख्या ही महत्वपूर्ण होती है, बांकी सब बकवास है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के 331 सदस्य वर्तमान में हैं। इनमें से अकेले भाजपा के 303 सांसद हैं, वहीं विपक्षी गठबंधन गठबंधन के पास 144 सांसद हैं। जबकि केसीआर की बीआरएस, वाईएस जगन रेड्डी की वाईएसआरसीपी और नवीन पटनायक की बीजेडी जैसी पार्टियों की संयुक्त ताकत 70 है। इससे स्पष्ट है कि अविश्वास प्रस्ताव मात्र नौटंकी है।
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लाल डायरी,राजस्थान में मुख्य चुनावी मुद्दा बन गई - अरविन्द सिसौदिया
लाल डायरी,राजस्थान में मुख्य चुनावी मुद्दा बन गई - अरविन्द सिसौदिया
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कांग्रेस के ही राज्य मंत्री राजेन्द्र गुढा नें राजस्थान की महिलाओं की बात क्या रख दी, हाई कमान को खुश रखनें उन्हे निशानें पर ले ले लिया गया । अपमानित तिरिस्कृत राजेन्द्र गुढा ने अपने अहसानों में लाल डायरी की जिक्र कर दिया जो मुख्यमंत्री गहलोत को कथित रूप से जेल पहुंचा सकती थी। अब वही लाल डायरी राजस्थान में कांग्रेस सरकार की कारगुजारियों का प्रतीक बन गई है। सबसे मजेदार बात यह है कि कांग्रेस को लाल डायरी के अस्तित्व को नकारने में भी कॉफी समय लग गया । सीकर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के सम्बोधन में लाल डायरी का आना इस बात का संकेत है कि राजस्थान चुनाव का मुख्यमुद्दा ही लाल डायरी होगा ।
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मोदी सरकार के खिलाफ पहले भी लाया गया था अविश्वास प्रस्ताव
पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ पिछले नौ सालों में दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। इससे पहले 2018 में भी मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाया था। हालांकि, ये प्रस्ताव गिर गया था। इसके समर्थन में केवल 126 वोट पड़े, जबकि इसके खिलाफ 325 सांसदों ने मत दिया था। इस प्रकार गत आम चुनाव के टीक एक वर्ष पूर्व इसी तरह से अविश्वास प्रस्ताव आया था और उसमें कांग्रेस नें मुंह की खाई थी। इसी तरह अब भी कांग्रेस मुंह की खायेगी।
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