लाल डायरी बनी लाल झण्डी, टर्निग प्वाइन्ट से गहलोत स्तब्ध - अरविन्द सिसौदिया Former Rajasthan Minister Rajendra Singh Gudha

लाल डायरी बनी लाल झण्डी, टर्निग प्वाइन्ट से गहलोत स्तब्ध - अरविन्द सिसौदिया 
              Former Rajasthan Minister Rajendra Singh Gudha


लाल डायरी, लाल झंडी बन गईं - अरविन्द सिसोदिया 

राजस्थान में अशोक गहलोत की कांग्रेस सरकार के मंत्री राजेंद्र सिंह गुड्डा नें राजस्थान की मातृशक्ति के सम्मान की बात सदन में क्या रखी, उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया, मंत्री गुढ़ा नें इससे गुस्सा होकर मुख्यमंत्री गहलोत को उस लाल डायरी की याद दिलाई, जिसे वे आपराधिक रूप से पुलिस की मौजूदगी के बाद भी गायब करके लाये थे और इससे गहलोत जेल जाने से बच गये थे। किन्तु जैसे ही उन्होनें लाल डायरी की बात उठाई तो उन्हे सदन से निलंबित भी कर दिया गया। राजस्थान विधानसभा भी 2 अगस्त तक स्थगित करदी गई।

राजस्थान में प्रलोभन की बुलेट ट्रेन लेकर तेजी से चुनावी समर में दौड लगा रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की रफतार इस लाल डायरी नें रोक दी अर्थत यह लाल डायरी लाल झंडी बन गई। जिस तरह लाल झंडी सामने आने पर पूरी रेल रुक जाती है उसी तरह से गुढ़ा की लाल डायरी के रूप में जो लाल झंडी सामने आई है उसने गहलोत सरकार को पसीना पसीना कर दिया है । सरकार में बैठे लोगों नें घबराहट में आत्म संतुलन तक खो दिया है । झुपे हुये राज सामनें ना आ जाए इस वजह से सरकार लगातार हड़बड़ाहट में है। इतनी आपाधापी इतना मानसिक असन्तुलन जिसे विकृति की अवस्था भी कह सकते हैं, राजस्थान के सदन नें पहले कभी नहीं देखी। सदन में कांग्रेस के विधायकों की विधायक गुढ़ा से की गई झूमा झटकी, मारपीट का ऐसा परिदृश्य राजस्थान विधानसभा के इतिहास में न केबल दुर्भाग्यपूर्ण रहा बल्कि गिरावट की सभी हदों को पार कर गया। पहले कभी नहीं हुआ जैसा इस वक्त हो गया । सबसे पीछे है लाल डायरी में छुपे राजों को बचानें की कोशिस थी। राजस्थान की राजनीति में आए इस भूचाल नें कांग्रेस की तमाम मजबूत इमारतों को हिला दिया है । सिर्फ राजस्थान ही नहीं दिल्ली तक में घबराहट है। कांग्रेस में आंतरिक रूप से चारों तरफ अफरा-तफरी मची हुई है हाहाकार मचा हुआ है बचो बचो की चीख-पुकार मची हुई है। कारण यही है कि राजनीति में सब कुछ काला है, भले ही लाल डायरी में लिखा गया हो। एक सवाल अवश्य सामनें आता है कि इतनी महत्वपूर्ण लाल डायरी गहलोत नें गुढ़ा पर रहने क्यों दी समय रहते उसे हांसिल क्यों नहीं किया । अब यह लग रहा है कि यह लाल डायरी राजस्थान की राजनीति में टर्निंग प्वाइन्ट है। जिस तरह बोफोर्स का मुद्दा कभी राजीव गांधी के खिलाफ टर्निग प्वाइन्ट बन गया था। उसी तरह राजस्थान में गहलोत सरकार के खिलाफ लाल डायरी सत्ता से बाहर का दरवाजा दिखानें का माध्यम बन सकता है। 

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राजेंद्र गुढ़ा की सदन में हुई लड़ाई- विधानसभा पहुंचे राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने सदन में उनको लात घूंसों से मारा है। मुझे नीचे झुका दिया और फिर कांग्रेस नेताओं ने मुझे पीटा। उन्होंने कहा कि मैं मांग करता हूं कि कांग्रेस नेताओं का डीएनए और नार्को टेस्ट कराया जाए। मेरी लाल डायरी भी छीन ली गई है जिसमें करोड़ों रुपये के उलटफेर और करोड़ों अरबों रुपये के लेन-देन की जानकारी थी। 

क्या है लाल डायरी-बता दें कि गुढ़ा ने बीते कल दावा करते हुए कहा था कि मैंने सीएम गहलोत के आदेश पर जहां रेड चल रही थी, वहीं से लाल डायरी निकाल ली थी। अगर मैं लाल डायरी नहीं निकालता तो सीएम गहलोत जेल में होते। राजेंद्र गुढ़ा के बयान के बाद अब राजस्थान में लाल डायरी की चर्चा तेज हो गई है। जिसे देखो वही लाल डायरी खोजने में लगा हुआ है। कहा जा रहा है कि इस लाल डायरी में अशोक गहलोत और उनकी सरकार के काले कारनामों की जानकारी हो सकती है। हालांकि अब गुढ़ा का कहना है कि सदन में मारपीट के दौरान कांग्रेस नेताओं ने वो लाल डायरी उनसे छीन ली है।

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साभार प्रस्तुत है भास्कर द्वारा लिया गया इंटरव्यू------------

भास्कर इंटरव्यू

गुढ़ा बोले-अजमेर सेक्स स्कैंडल के विलेन गहलोत सरकार में : लाल डायरी में एक-एक लेन-देन का हिसाब, मुझे पायलट की जरूरत नहीं

जयपुर/ लेखक - गोवर्धन चौधरी

कांग्रेस सरकार के ट्रबल शूटर रहे मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा चुनावी साल में ट्रबल मेकर के रोल में आ गए हैं। विधानसभा में 'लाल डायरी' लहराकर गुढ़ा ने यूथ वोटर्स को खुश करने के साथ समाज के कई तबकों को साधने का प्रयास किया है। राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने भास्कर से बातचीत में कहा कि अजमेर सेक्स स्कैंडल के विलेन गहलोत सरकार में है, इनका नार्को टेस्ट करवाया जाए।

पायलट को लेकर गुढ़ा ने कहा - पायलट साहब पांच साल BJP से लड़ते रहे और कांग्रेस की सरकार बनी तो कांग्रेस ने भी उनको विपक्ष मान लिया। अब एक आदमी की कैपेसिटी है, वह कितने साल लड़े। 10 साल से तो लड़ रहा है। मैं कभी उम्मीद भी नहीं करता कि वह मेरी मदद करेंगे या मेरे लिए बोलेंगे।

गुढ़ा ने खुद पर चल रहे मुकदमे में एफआर लगाने या गिरफ्तार करने की मांग करते हुए कहा- मेरे खिलाफ मुकदमा लगाया था। मैं तो कहता हूं या तो उस मुकदमे में एफआर लगाओ, नहीं लगाते हो तो मुझे अरेस्ट करके जेल भेजो।

लाल डायरी पर इतना बवाल हुआ, आखिर ऐसा क्या है इसमें ?

गुढ़ा : यह लाल डायरी उस समय लाए थे जब CM के नजदीकी धर्मेंद्र राठौड़ के यहां इनकम टैक्स का छापा पड़ा था। उस दिन मुख्यमंत्री ने जो शब्द कहे थे, वह मैं कह नहीं सकता। गहलोत उस समय इतने भावुक हो गए थे, उन्होंने कहा कि कैसे भी करके वह लाल डायरी लाइए। छापे के दौरान कम से कम डेढ़ सौ CRPF के जवान थे, उस हालत में हम अपार्टमेंट से डायरी लेकर आए थे।


विधानसभा में लाठीचार्ज भी हुआ, 9वीं मंजिल पर हम थे और उस डायरी को हमने निकाला। उसका कुछ हिस्सा जल गया, कुछ बच गया और कुछ विधानसभा में मंत्री-विधायकों ने छीन लिया। गुढ़ा ने कहा कि अब मैं फील्ड पर उतरकर रात-दिन मेहनत करूंगा। तभी सफलता मिलेगी। कहा- लाल डायरी में एक-एक लेन-देन का हिसाब है।


शांति धारीवाल कह रहे हैं कि ‌BJP के साथ मिलकर आपने पूरा षड्यंत्र किया है, 150-200 जवानों के बीच कोई कैसे डायरी लेकर आ सकता है?


गुढ़ा : जिस दिन छापा पड़ा था, उस दिन न्यूज भी चली थी। मेरे साथ में धीरज गुर्जर और रामलाल जाट भी थे। वहां लाठीचार्ज हुआ था, वो बात कोई किसी से छिपी हुई है क्या? धारीवालजी तो पता नहीं कौन सा आटा खाते हैं?


प्रदेश में जब 10-10, पांच-पाच साल की बच्चियों से रेप होते हैं तो वो कहते हैं कि राजस्थान मर्दों का प्रदेश है, इसलिए हो रहा है। वो तो ऐसे मर्द आदमी हैं। 10 साल की बच्ची को ,महिलाओं को अपनी मर्दानगी दिखाते हैं, ऐसे आदमी के बारे में क्या कहा जाए?

आप CM गहलोत के साथ थे, आप कह रहे डायरी लाकर ट्रबल शूटर का काम किया, फिर आप गहलोत के लिए ट्रबल-मेकर क्यों बन गए?

गुढ़ा : मैंने गहलोत का साथ देने में कमी नहीं रखी, लेकिन बदले में मेरे साथ क्या हुआ। मुझ पर अपहरण का झूठा मुकदमा तक करवाया। एक गरीब महिला मुझसे मदद मांगने आई, एक आदमी उसका पैसा नहीं दे रहा था, उसकी बच्चियों की शादी के 10 दिन बचे थे। वह महिला सुसाइड करने वाली थी, मैंने अपनी जेब से उसे 3 लाख 84 हजार रुपए देकर बच्चियों की शादी करवाई थी। उसमें गहलोत साहब ने अपहरण और मारपीट का मुकदमा लगवाया। क्यों लगाया? मैं उनके लिए काम नहीं कर रहा था। जो भी चीजें आ रही थीं, मुकदमे का, जेल का डर दिखाकर, दूसरी चीजें दिखाकर जो भी कर सकते थे, कर रहे थे। अब लास्ट में उन्होंने बर्खास्त कर दिया। ऐसा मैंने क्या कर दिया?

आपका अगला​ सियासी कदम क्या होगा,नई पार्टी बनाएंगे या खोजेंगे?गुढ़ा : जिन लोगों की वजह से मैं राजनीति में हूं, जिन लोगों ने मुझे यहां तक पहुंचाया है, उनके बीच में जाऊंगा और उनसे ही पूछूंगा कि आगे क्या करना है? लोग जो कहेंगे वो करूंगा। मैं जिससे भी मिल लेता हूं लोग अटकलें लगाना शुरू कर देते हैं। पिछले दिनों ओवैसी साहब से मिला था, तो लोगों ने चर्चाएं चला दीं। ओवैसी साहब पढ़े लिखे नेता हैं, अच्छे सांसद हैं।


भास्कर से हुई बातचीत में गुढ़ा ने कांग्रेस के कई नेताओं पर निशाना साधा।आप लाल डायरी का खुलासा करने वाले थे, लेकिन किया नहीं या कर नहीं पाए। इसका अब भी जवाब नहीं मिला है। आपने ओरिजनल डायरी भी हमें खोलकर नहीं दिखाई है। लोग जानने चाहते हैं देखना चाहते है कि डायरी वाकई है या केवल फोटो कॉपी पन्नों पर लाल जिल्द चढ़ाई हुई है?

गुढ़ा : तथ्य के साथ थीं सारी बातें, मैं सदन में रख रहा था। आपके सामने भी रख रहा था। मुझे अगर विधानसभा में डायरी टेबल करने का मौका मिलता तो बताता किस-किस नेता को क्या-क्या मिला? किसके जरिए मिला। कोई एक नंबर में चेक से थोड़े ही पैसे दिए थे। सारी चीजें थीं, एक एक बात, लेनदेन का ब्योरा था। जब उन्हें लगा कि सारी चीजें बाहर आ रही हैं तभी तो उन्होंने डायरी को छीन लिया। जिनके बारे में उन्होंने (धर्मेंद्र राठौड़) ने लिखा था। चोर को कभी भी लाइट अच्छी नहीं लगती है।

दुष्कर्म----

चोर को अंधेरा अच्छा लगता है। राजस्थान आज महिलाओं से दुष्कर्म में नंबर वन पर आ गया। मैं दावे के साथ कहता हूं, हमारा नार्को टेस्ट करवाइए आप। दुष्कर्म के मामलों में जेल में बंद लोग तो कुछ भी नहीं हैं, हमारे मंत्रिपरिषद के सा​थियों का पता लग जाएगा। हमारे मंत्रियों का नार्को टेस्ट करवा लीजिए, दुष्कर्म के मामले में जो जेल में बंद हैं, वे छोटे पड़ जाएंगे। दुष्कर्म के मामले में अगर कोई डिग्री मिलती हो तो PhD होल्डर होंगे यहां, नाम आएंगे नंबर वन टू, थ्री। दुष्कर्म में सेंचुरी बना चुके लोग मंत्री बने बैठे हैं, हमें शर्म आती है। यह तो बहुत गंभीर आरोप है। आपके पास क्या सबूत हैं? आपको ये बात अब पता चली है या पहले से पता थी?

गुढ़ा : सबसे बड़े दुष्कर्मी तो मंत्रिपरिषद के अंदर बैठे हैं। अजमेर वाले मामले में फिल्म बन रही है, मुख्यमंत्री जी क्यों गए थे? अजमेर के अंदर केंद्र के मंत्री रहते हुए अपने प्रोटोकॉल को तोड़कर गहलोत SP से मिलने क्यों गए थे? उस फिल्म के विलेन तो हमारे साथ बैठे हैं। सबके नाम हैं।

फिल्म रिलीज हो गई, वह सारी फिल्म किस पर है, हमारे नेताओं पर ही तो है। महिलाओं के साथ क्या किया, कॉलेज से बच्चियों को ले जाकर क्या क्या नहीं करते थे ये? सबसे बड़े दुष्कर्मी तो मंत्रिपरिषद के अंदर हैं। अगर मेरी बात झूठी हो जाए तो मैं जिंदगी भर के लिए राजनीति छोड़ दूंगा। चौंकाने वाले तथ्य आएंगे कि भ्रष्टाचार, दुष्कर्म सब का पता लग जाएगा।

विधानसभा से जब गुढ़ा को बाहर निकाला गया तो उन्होंने बाहर आकर मीडिया को ये लाल डायरी दिखाई।

सियासी हलकों में इस बात की भी चर्चा है कि आपके समर्थन में अब तक सचिन पायलट ने कोई बयान नहीं दिया?

गुढ़ा : पायलट हो, गहलोत हो, दिल्ली हो, राजेंद्र गुढ़ा शुरू से ही अपने दम से राजनीति करता है। मैं तो इसके लिए 100 पर्सेंट तैयार हूं। दो दिन पहले मंत्री था, अब वह पद नहीं रहा फिर भी आपके सामने बैठा हूं न। मेरे खिलाफ मुकदमा लगाया था। मैं तो कहता हूं या तो उस मुकदमे में एफआर लगाओ, नहीं लगाते हो तो मुझे अरेस्ट करके जेल भेजो।


सचिन पायलट की चुप्पी पर क्या कहेंगे?


गुढ़ा : पायलट साहब पांच साल BJP से लड़ते रहे और कांग्रेस की सरकार बनी तो कांग्रेस ने भी उनको विपक्ष मान लिया। तो उनसे लड़ते रहे। अब एक आदमी की कैपेसिटी है वह कितने साल लड़े। 10 साल से तो लड़ रहा है। पहले वे वसुंधरा सरकार से लड़े। अभी वाली सरकार से लड़े। इस मामले के अंदर मैं कभी उम्मीद भी नहीं करता कि वे मेरी मदद करेंगे या मेरे लिए बोलेंगे। किसी और से भी उम्मीद नहीं करता सिर्फ इसलिए नहीं करता कि मुझे इसकी जरूरत नहीं है।


मैं राजनीति मेरे लोगों के द्वारा करता हूं। मेरे लिए तो मेरी जनता है, मेरी जिन बहन बेटियों ने मुझे विधानसभा के अंदर भेजा, मैं उनके विश्वास पर खरा उतरूंगा। मैं ज्यादा बड़ा नेता भी नहीं हूं और ज्यादा बड़ी आकांक्षा भी नहीं है। कोई दिल्ली की बात करूं, यहां की करूं, राहुल जी की बात करूं।


ये लोग पहले रसगुल्ले अपने हाथ से मुंह में देते थे, आज बाहर कर दिया। राहुल गांधी को संसद से अयोग्य करार देकर बाहर कर दिया, उस पर पूरे देश में चर्चा हुई, कांग्रेस ने विरोध किया। मेरे साथ तो राहुल गांधी से बहुत ज्यादा खराब बर्ताव हुआ है, जैसा बर्ताव इन्होंने मेरे साथ किया वैसा तो नहीं हुआ।


लाल डायरी को लेकर कांग्रेस नेताओं का एक वर्ग आप पर भरोसा तोड़ने का आरोप लगा रहा है। आप जब तक CM के नजदीक रहे लाल डायरी को दबाए रखा और अब रिश्ते खराब हुए तो राज उजागर करने की बात कहने लगे?


गुढ़ा : भरोसा मैंने नहीं तोड़ा, मैंने हर कदम पर गहलोत साहब का साथ दिया। दो दो बार मैंने और मेरे साथियों ने गहलोत साहब की सरकार बनवाई। बसपा से कांग्रेस में जब आए तो विधायक दल का नेता मैं ही था, मैंने ही मदद की। दो-दो बार जिसने सरकार बरकरार रखने में मदद की हो उसके साथ कैसा बर्ताव किया है, यह मुझे बताने की आवश्यकता नहीं है।


भरोसा उन्होंने तोड़ा है या मैंने तोड़ा है। मैं प्रदेश की मेरी बहन बेटियों के सम्मान की बात कहने ही तो खड़ा हुआ था। यह तो फैक्ट है कि राजस्थान दुष्कर्म मामलों में नंबर वन हो गया है, मणिपुर की घटना भी बहुत जघन्य घटना है, उसकी जितनी निंदा की जाए कम है। मैंने विधानसभा में उठकर 15-20 सैकंड में यही बात तो बोली थी कि हमें अपने गिरेबां में भी झांकना चाहिए, उस बात के लिए मुझे बर्खास्त कर दिया।


मां, बहन,बेटियों के सम्मान की बात की तो मुझे बिना सुनवाई का मौका दिए बर्खास्त कर दिया। अरे, हत्यारे को भी फांसी देने से पहले उसका पक्ष सुना जाता है, मैं तो जनता का चुना हुआ प्रतिनिधि हूं, मुझे बिना सुने ही बाहर कर दिया। दूसरी बार जब लाल डायरी में दर्ज कारनामों को मैं सदन में रखना चाहा तो उससे भी बाहर कर दिया। अब आप ही बता दीजिए, भरोसा किसने तोड़ा।


कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा कह रहे हैं कि आपको उनके सामने बात रखनी चाहिए थी, वे नहीं सुनते तो कांग्रेस वॉर रूम के सामने आकर कहते, सीधे विधानसभा में मणिपुर जैसे इश्यू को डायवर्ट कर दिया?


गुढ़ा : अब क्यों मेरा मुंह खुलवाते हो। रंधावा साहब, प्रभारी बनकर आए थे उस समय और अब उनके चेहरे को देखकर कंपेयर कर लीजिए। उनके चेहरे की पिंकनेस बढ़ गई है। ये चेहरों की पिंकनेस ऐसे ही नहीं बढ़ती है, इस सिस्टम में जो ढल जाता है चेहरा गुलाबी उसी का होता है। प्रभारी अजय माकन भी थे, लेकिन वो यहां के सिस्टम में शामिल नहीं हुए तो उनके चेहरे पर पिंकनेस नहीं आई, रंधावा साहब के आ गई। इस पिंकनेस में ही सारा राज छिपा है। सुनवाई ही होती तो बात यहां तक नहीं पहुंचती।


आपने लाल डायरी और महिला दुष्कर्म का मामला उठाया उसका सीधा फायदा बीजेपी को होता हुआ दिख रहा है। जयपुर से लेकर दिल्ली तक के बीजेपी नेता आपके बयानों को ट्वीट करके कांग्रेस को घेर रहे हैं। मंत्री शांति धारीवाल ने खुलकर बीजेपी के षडयंत्र में शामिल होने का आरोप लगाया है?

गुढ़ा : मुझ पर जो आरोप लगा रहे हैं उन्हें जमीनी हकीकत भी पता करनी चाहिए। मैं हर बार बीजेपी से लड़कर उसे हराकर विधानसभा में पहुंचता हूं, अब आप ही बताइए अपने सबसे बड़े विरोधी से कौन मिलेगा? मैंने तो बहन बेटियों के सम्मान की बात कही, यह गुनाह है तो यह गुनाह बार बार करूंगा। मैं ठोककर राजनीति करता हूं,लुकाछुपी का खेल खेलकर राजनीति नहीं करता। मेरा स्टैंड साफ रहा है। आरोप लगाने वालों ने ​ही मिलीभगत की राजनीति की है, मैंने नहीं।

जो मंत्री रेप के मामले बढ़ने को मर्दों का प्रदेश बताकर बहन बेटियों के सम्मान पर चोट पहुंचाए उससे क्या उम्मीद की जा सकती है? मेरे लिए मेरी जनता और मेरे प्रदेश की बहन बेटियों का सम्मान ज्यादा जरूरी है, उसके लिए पद तो क्या जान की बाजी भी लगा दूंगा। आगे अब इतना कह सकता हूं, अशोक गहलोत से कोई गठबंधन नहीं होगा, अब मन मर गया। इतना कह सकता हूं, मैं कभी अंदर कुछ बाहर कुछ वाली सियासत नहीं सीख पाया। जनता ही माई बाप है, वही फैसला करेगी।

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 Rajendra Rathore News: राजस्थान कैबिनेट से बर्खास्त किए गए मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के साथ सोमवार को विधानसभा के बाहर बदसलूकी हुई. कांग्रेस के ही मंत्रियों ने उन्हें सदन के अंदर नहीं जाने दिया और आऱोप है कि उनपर लात घूसे भी चलाए गए. इसपर विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ का बयान आया है. उन्होंने कहा, 'अध्यक्ष सीपी जोशी को ऐसा नहीं करना चाहिए था. राजेंद्र गुढ़ा सदन के सदस्य हैं, उन्हें बोलने नहीं दिया गया. विधानसभा को स्थगित कर दिया गया और उनके साथ मारपीट की गई. इससे आज विधानसभा शर्मसार हुआ है.'


राजेंद्र गुढ़ा ने शांति धारीवाल पर लगाए आरोप

पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि मंत्री ने उन्हें गिराकर लात मारी है. लात-घूंसे भी चलाए गए हैं. इतना ही नहीं, करीब 25 से 30 लोगों ने मिलकर उनपर हमला किया है. कांग्रेस राजेंद्र गुढ़ा से माफी मांगने के लिए कह रही है. ऐसे में राजेंद्र गुढ़ा का सवाल है कि वह किस बात की माफी मांगें? गुढ़ा का कहना है कि जब तक उनके शरीर में सांस है, तब तक राजस्थान की बहनों-बेटियों के लिए बोलते रहेंगे. 


राजेंद्र गुढ़ा का कहना है कि सीपी जोशी ने उन्हें बोलने नहीं दिया और फटकार लगाई. वहीं, कांग्रेस के मंत्रियों ने ही मिलकर उन्हें घसीटा और बाहर निकाला. 

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कांग्रेस का दलित लीडरशिप डेवलपमेंट

विधानसभा चुनाव में एससी-एसटी के वोटरों को वापस कांग्रेस से जोड़ने को लेकर ऑल इंडिया कांग्रेस ने लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन कार्यक्रम की शुरुआत की है.इसके तहत आयोजन राजस्थान के भरतपुर में हुआ. इसमें दलित समुदाय के कांग्रेस विधायक, मंत्री और चेयरमैन ने भाग लिया.  

धौलपुर जिले में बसेड़ी से कांग्रेस विधायक और राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा को सचिन पायलट गुट गुट का माना जाता है. उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा. उन्होंने कहा कि उदयपुर में मंथन के दौरान कांग्रेस पार्टी ने जो संकल्प पारित किया था, उसको लागू करना चाहिए. जो नेता दो बार पदों पर रह चुके हैं, उनको पद से हटा देना चाहिए.  

कांग्रेस विधायक की सलाव

विधायक बैरवा ने कहा की गुजरात में 21 साल और बिहार में 18 साल से नहीं है, कांग्रेस कहां गई किसी को नहीं पता. यदि यही स्थिति रही तो राजस्थान में भी कोई छोटी-मोटी पार्टी आ जाएंगी और कांग्रेस का पता भी नहीं चलेगा. यह कैसी लीडरशिप है कि जब बड़े पेड़ के पास में छोटे पौधे बड़े होने लगते हैं तो उनको हटाने का काम किया जाता है. यह जो चलता रहता है कि कहीं कोई दलित नेता ऊपर नहीं उठ जाए लेकिन दलितों की वोट लेते जाएं यह नहीं चलेगा.  

उन्होंने कहा कि आज जरूरत ट्राइबल में एक बड़ा नेता खड़ा करने की. अभी भी कुछ महीने का समय बचा है ट्राइबल में से किसी भी बड़े नेता को उपमुख्यमंत्री बना दिजीए. उदयपुर मंथन में जो तय हुआ था, उसे लागू करना ही होगा नहीं तो लीडरशिप कैसे डेवलप होगी. कांग्रेस के किसी बड़े नेता ने यह नहीं कहा कि मुझे पार्टी ने बहुत कुछ दिया है और अब मैं समर्पण करता हूं और कांग्रेस से विदा लेता हूं. 

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