शिवराज सिंह का दशमत के पैर पखारना, हिन्दू राजधर्म श्रेष्ठता की आरती - अरविन्द सिसोदिया
शिवराज सिंह का दशमत के पैर पखारना राजधर्म श्रेष्ठता की आरती - अरविन्द सिसोदिया
गरीबों का, दलितों का, मानसिकरूप से कमजोरों का, महिलाओं के अपमान की घटनायें लगभग प्रतिदिन होती हैं, उनसे जुड़े अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाहीयों का सन्देश उत्तरप्रदेश में योगी आदित्यनाथ जी को देते हुये देखा भी जाता है, किन्तु ज्यादातर प्रांतों में इस कान से सुन कर उस कान से निकाल देनें की आदत ही देखी जाती है। जबकि इस तरह की घटनाओं को लेकर अधिकतम संबेदनशीलता होनी चाहिए।
मध्यप्रदेश में आदिवासी समुदाय के व्यक्ती दसमत के विरुद्ध जो देखने मिल रहा था, वह वेहद शर्मसार करने वाला था। सभ्य समाज में इस तरह की मूर्खता पूर्ण कृत्य समझ से भी परे है। मगर महाशय विधायक प्रतिनिधि थे सो सातवे आसमान पर थे....।
खैर इस घटना के प्रति जो प्रश्चित मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी चौहान नें प्रदर्शित किया, उसकी पूरे देश में प्रशंसा हो रही है। राजधर्म के लिए पराकाष्ठा तक पहुँच कर सम्मान दिया जाना भाजपा का ही कल्चर है। यूँ तो यह हिन्दू कल्चर है। इस घटना नें प्रधानमंत्री मोदीजी द्वारा अपनी मां के चरण धोनें की घटना के साथ ही प्रयागराज महाकुंभ के सफाई कर्मियों के चरण धोने की महान घटना को भी ताज़ा कर दिया। यह परंपरा भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा गरीब मित्र सुदामा के चरण धोने से प्रारंभ हुई है।
गरीब को गणेश मानकर उसकी चिंता करना भारतीय जनता पार्टी का ध्येय पथ भी है। जनसंघ के संस्थापक महामंत्री पं दीनदयाल उपाध्याय ने संगठन सूत्र ही गरीब को प्रथम मानने का दिया था और जब इस विचार की सरकार आई तो गरीब कल्याण का प्रथम शुभारंभ हुआ था, जनता पार्टी सरकार में, राजस्थान में मुख्यमंत्री भेरोंसिंह शेखावत के नेतृत्व में अंत्योदय योजनाओं पर कार्य प्रारंभ हुआ। जो अनवरत किसी न किसी नाम से चल रहा है।
शिवराज सिँह नें जनजाति वर्ग के गरीब दशमत के पैर पाखरे, आरती की, साथ बिठा कर भोजन करवाया...मगर इससे साढ़े सतरह लाख वर्ष पूर्ण भगवान श्री राम नें भीलनी शबरी के झूठे बेर खा कर मान बढ़ाया था। यह श्रीराम की परंपरा को ही आगे बढ़ाना कहा जा सकता है। यह हिंदुत्व में और भाजपा में ही संभव है।
में शिवराज सिंह जी को धन्यवाद देना चाहता हूँ की उन्होंने उस गरीब आदिवासी दशमत के पैर पखार कर पूरे प्रदेश के शासन प्रशासन सहित समाज को संदेश दे दिया कि गरीब का अपमान नहीं सहा जायेगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिँह चौहान नें इस दुर्भाग्य पूर्ण घटना पर कहा था - ' जब से मैंने सीधी की घटना का वीडियो देखा, तब से मन अत्यधिक व्याकुल और हृदय पीड़ा से भरा हुआ है। मैं तबसे ही दशमत जी से मिलकर उनका दुःख बांटना चाहता था और यह विश्वास भी दिलाना चाहता था कि उनको न्याय मिलेगा. कल उनसे और उनके परिवार से भोपाल में अपने निवास पर मिलकर अपनी संवेदनाएं व्यक्त करने के साथ परिवार को ढांढस बंधाऊंगा। '
क्या है मामला?
मामला यह है कि सीधी में नशे में धुत प्रवेश शुक्ला ने सीढ़ियों पर बैठे एक आदिवासी युवक पर पेशाब कर दी थी. आरोपी सीधी के BJP विधायक केदार शुक्ला का प्रतिनिधि प्रवेश शुक्ला बताया गया, हालांकि विधायक की तरफ से इस बात से इनकार किया गया. लेकिन घटना का वीडियो वायरल होने के बाद विपक्षी कांग्रेस पार्टी सत्तारूढ़ BJP पर हमलावर हो गई. वहीं सरकार से मामले में कार्रवाई को लेकर सवाल पूछे जाने लगे. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आदेश के बाद आरोपी पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) सहित कई धाराओं में केस दर्ज किया गया. अधिकारियों की तरफ से बताया गया कि वायरल वीडियो लगभग एक हफ्ते पुराना है.
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