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नोन, मौन और कौन का मंत्र

बिना बुरा माने  सभी *वरिष्ठ नागरिक* (55 से ऊपर की उम्र के) कृपया अवश्य पढ़ें, हो सकता है आपके लिए फायदेमंद हो ..              *आप जानते हैं कि मन चाहे कितना ही जोशीला हो पर साठ की उम्र पार होने पर यदि आप अपनेआप को फुर्तीला और ताकतवर समझते हों तो यह गलत है। वास्तव में ढलती उम्र के साथ शरीर उतना ताकतवर और फुर्तीला नहीं रह जाता।* आपका शरीर ढलान पर होता है, जिससे ‘हड्डियां व जोड़ कमजोर होते हैं, पर *कभी-कभी मन भ्रम बनाए रखता है कि ‘ये काम तो मैं चुटकी में कर लूँगा’।* पर बहुत जल्दी सच्चाई सामने आ जाती है मगर एक नुकसान के साथ। सीनियर सिटिजन होने पर जिन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए, ऐसी कुछ टिप्स दे रहा हूं।   -- *धोखा तभी होता है जब मन सोचता है कि ‘कर लूंगा’ और शरीर करने से ‘चूक’ जाता है। परिणाम एक एक्सीडेंट और शारीरिक क्षति!* ये क्षति फ्रैक्चर से लेकर ‘हेड इंज्यूरी’ तक हो सकती है। यानी कभी-कभी जानलेवा भी हो जाती है। -- *इसलिए जिन्हें भी हमेशा हड़बड़ी में काम करने की आदत हो, बेहतर होगा कि वे अपनी आदतें बदल डालें।* *भ्रम न पालें, सावधानी बर...

भरण-पोषण के दायित्व का उल्लंघन होने पर बच्चे को माता-पिता की संपत्ति से बेदखल किया जा सकता है: सुप्रीम कोर्ट sc bharan poshan

सुप्रीम कोर्ट/भरण-पोषण के दायित्व का उल्लंघन होने...  भरण-पोषण के दायित्व का उल्लंघन होने पर बच्चे को माता-पिता की संपत्ति से बेदखल किया जा सकता है: सुप्रीम कोर्ट  25 Sept 2025  सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया कि माता-पिता और सीनियर सिटीजन के भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम, 2007 के अंतर्गत न्यायाधिकरण को सीनियर सिटीजन की संपत्ति से बच्चे को बेदखल करने का आदेश देने का अधिकार है, यदि सीनियर सिटीजन के भरण-पोषण के दायित्व का उल्लंघन होता है। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने 80 वर्षीय व्यक्ति और उनकी 78 वर्षीय पत्नी द्वारा दायर अपील स्वीकार की और बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश रद्द कर दिया, जिसमें उनके बड़े बेटे के खिलाफ पारित बेदखली के निर्देश को अमान्य कर दिया गया था।  Also Read - नीलामी नोटिस में संपत्ति के भार का खुलासा न करने पर बैंक की विफलता बिक्री को अमान्य करती है: सुप्रीम कोर्ट ने नीलामी खरीदार को धन वापसी का आदेश दिया अदालत ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह अधिनियम सीनियर सिटीजन की देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करके उनकी दुर्दशा को दूर करने के लिए बनाया गया था। इसल...

पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत सस्ती बयानबाज़ी से सुर्खियों में रहना चाहते हैं - अरविन्द सिसोदिया

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पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत, न अनुकरणीय हैँ, न उनकी सलाह की जरूरत है – अरविन्द सिसोदिया पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत सस्ती बयानबाज़ी से सुर्खियों में रहना चाहते हैं - अरविन्द सिसोदिया  कोटा, 24 सितंबर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राजस्थान भाजपा मीडिया संपर्क विभाग के प्रदेश सह संयोजक अरविन्द सिसोदिया ने कहा कि " कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज अपने राजनीतिक जीवन के सबसे दयनीय दौर से गुजर रहे हैं। हालात यह हैं कि न कांग्रेस हाईकमान उनकी सुनता है, न राजस्थान का संगठन, न ही जनता। घोर उपेक्षित झेल रहे गहलोत अब केवल खोखली बयानबाज़ी कर सुर्खियों में बने रहने की बेतुकी, गैर जरूरी कोशिश कर रहे हैं। " सिसोदिया ने कहा कि " वर्तमान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पार्टी के स्पष्ट विज़न और संगठनात्मक अनुभव के साथ कार्य कर रहे हैं। दशकों तक संगठन में काम करने का अनुभव और केंद्र सरकार से सतत संवाद उन्हें पूरी तरह सक्षम बनाता है कि राजस्थान सरकार को क्या क्या करना है। ऐसे में गहलोत जबरिया, हास्यास्पद और निरर्थक परामर्श देकर स्वयं की ही जग हँसाई करवाते रहते हैं। ...

My Gov पूर्ण न्याय सिद्धांत

पूर्ण न्याय सिद्धांत अधिनियम,........ इस अधिनियम का उद्देश्य समाज को अपराधमुक्त बनाना और प्रत्येक अपराधी को हर हाल में दंडित करना है। अपराध घटित होते ही पुलिस उस अपराध का पूर्ण विवरण दर्ज करेगी, जिसमें अपराधी का पूर्व आपराधिक इतिहास, अपराध कार्य से जुड़े संभावित अपराधियों की सूची तथा गवाहों के प्रमाणित बयान शामिल होंगे। गवाहों के बयान तुरंत दर्ज कर लिये जाएंगे, ताकि उन्हें बदलने का अवसर न मिल सके। यदि अपराधी फरार है तब भी बयान दर्ज होंगे और जहाँ आवश्यकता होगी वहाँ न्यायालय स्वयं प्रश्न पूछकर उन बयानों को पूर्ण करेगा। अपराधी को दंड से किसी भी दशा में छूट नहीं मिलेगी। अपराध सिद्ध होने पर दंड के साथ-साथ अपराधी का सार्वजनिक जलूस कम से कम तीन बार उसी क्षेत्र में निकाला जाएगा जहाँ अपराध हुआ है, ताकि समाज में यह सन्देश पहुँचे कि अपराध का परिणाम लज्जा और कठोर दंड है। क़ानून व्यवस्था का धर्म है कि प्रजा को अपराध और अपराधियों से सुरक्षित रखे। जमानत प्रावधानों को कठोर बनाया जाएगा। यदि किसी पर एक अपराध दर्ज है तो जमानत सामान्य होगी, यदि दो अपराध दर्ज हैं तो तीसरे अपराध पर न्यूनतम छह माह तक जमानत सं...

जन्म और धर्म

सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार जीवात्मा को मनुष्य जन्म 84 लाख योनियों में भटकने के बाद प्राप्त होता है[1] [2] [3]. इस मान्यता को हजारों वर्ष पूर्व ऋषियों-मुनियों द्वारा बिना आधुनिक तकनीक के जाना गया था। ये योनियाँ विभिन्न प्रकार के जीव-रूपों को निर्दिष्ट करती हैं, जैसे पशु योनि, पक्षी योनि, कीट योनि, सर्प योनि, और मनुष्य योनि।[1] [3]. आधुनिक विज्ञान के अनुसार, अमीबा से लेकर मानव तक की यात्रा में लगभग 1 करोड़ 04 लाख योनियान की कमाई हुई, जबकि ब्रिटिश वैज्ञानिक रॉबर्ट एम. मेरे अनुमान के अनुसार दुनिया में 87 लाख पौधे हैं, जिनमें कीट-पतंगे, पशु-पक्षी, पौधे-पादप, जलचर-थलचर सभी शामिल हैं।[1] [3]. पद्म पुराण के अनुसार, इन 84 लाख योनियों को अलग-अलग स्थानों में विभाजित किया गया है[1] [3]: जलचर (पानी के जीव-जंतु): 9 लाख स्थावर (पेड़-पौधे): 20 लाख कृमि (कीड़े-मकौड़े): 11 लाख पक्षी (नभचर): 10 लाख पशु (स्थलीय/थलचर): 30 लाख देवता-मनुष्य आदि: 4 लाख कुल योनियाँ: 84 लाख[1] [3]. इन योनियों को स्थाल रूप से तीन पत्थरों में दर्ज किया गया है: जलचर, थलचर, और नभचर[1] [3]. इसके अलावा, चार मुख्य कलाकारों में भी...

ज्ञान की बीस बातें

ज्ञान की बीस बातें                  *🌹जय श्री श्याम 🌹*  ****************************** *पढ़िए,चिंतन कीजिये ।* *अगर अच्छा लगे तो जीवन में उतारिए ____* ****************************** 🎯1. *जिदंगी मे कभी भी किसी को बेकार मत समझना क्योंकि बंद पडी घडी भी दिन में दो बार सही समय बताती है।* ****************************** 🎯2. *किसी की बुराई तलाश करने वाले इंसान की मिसाल उस 'मक्खी' की तरह है जो सारे खूबसूरत जिस्म कोछोडकर केवल जख्म पर ही बैठती है।* ****************************** 🎯3. *टूट जाता है गरीबी मे वो रिश्ता जो खास होता है ।हजारो यार बनते है जब पैसा पास होता है।* ****************************** 🎯4. *मुस्करा कर देखो तो सारा जहाॅ रंगीन है वर्ना भीगी पलको से तो आईना भी धुधंला नजर आता है।* ****************************** 🎯5.*जल्द मिलने वाली चीजे ज्यादा दिन तक नही चलती और जो चीजे ज्यादा दिन तक चलती है वो जल्दी नही मिलती ।* ****************************** 🎯6. *बुरे दिनो का एक अच्छा फायदा अच्छे-अच्छे दोस्त परखे जाते है।* *************************...

My Gov स्त्री, संतान,परिवार संरक्षण व्यवस्था

स्त्री, संतान एवं परिवार संरक्षण व्यवस्था विधेयक विधेयक स्त्रियों, संतानों एवं वरिष्ठ नागरिकों के संरक्षण, कल्याण तथा अधिकारों की सुनिश्चितता, परिवार कार्ड के माध्यम से पारिवारिक अभिलेखों के विनियमन, संपत्ति के वैध उत्तराधिकार की व्यवस्था तथा उनसे संबंधित या उनसे अनुषंगिक विषयों के लिए। अध्याय – I प्रारंभिक प्रावधान धारा 1: संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारंभ। (1) इस अधिनियम को “स्त्री, संतान एवं परिवार संरक्षण अधिनियम,.........” कहा जाएगा। (2) यह सम्पूर्ण भारत में विस्तृत होगा। (3) यह अधिनियम भारत सरकार द्वारा राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित होने की तिथि से प्रवृत्त होगा। धारा 2: परिभाषाएँ। इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से भिन्न अभिप्राय न हो— (a) “स्त्री” से आशय प्रत्येक महिला से है, जो जन्म से अथवा विधिक मान्यता से स्त्री है; (b) “वरिष्ठ नागरिक” से आशय प्रत्येक पुरुष अथवा महिला एवं अन्य से है, जिसकी आयु साठ वर्ष या उससे अधिक है; (c) “उत्तराधिकारी” से आशय उन व्यक्तियों से है जिन्हें उत्तराधिकार अधिनियम अथवा अन्य किसी विधि द्वारा मान्यता प्राप्त है; (d) “परिवार कार्ड” से आशय इस अधिनियम ...

My Gov.. मातृशक्ति सम्मान और संरक्षण

भारतीय नई शासन व्यवस्था – मातृशक्ति सम्मान नियमावली - अरविन्द सिसोदिया  प्रस्तावना भारतवर्ष, जो सनातन मूल्यों और धर्मसम्मत परंपराओं पर आधारित राष्ट्र है, मातृशक्ति को सर्वोच्च स्थान प्रदान करता है। स्त्री को देवी का स्वरूप मानते हुए, उसके सम्मान, सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा हेतु यह नियमावली बनाई जाती है। अनुच्छेद – 1 : मातृशक्ति का स्थान 1. भारतीय शासन व्यवस्था में स्त्री को ईश्वर तुल्य दर्जा प्राप्त होगा। 2. स्त्री के विरुद्ध कोई भी अपराध सामान्य अपराध नहीं, बल्कि राष्ट्र और धर्म के विरुद्ध अपराध माना जाएगा। अनुच्छेद – 2 : अपराधों पर दंड व्यवस्था 1. पुरुष द्वारा स्त्री के विरुद्ध अपराध: सामान्य अपराधों में पुरुष अपराधी को सामान्य सजा से दोगुना दंड दिया जाएगा। गंभीर अपराध (हत्या, बलात्कार, अपहरण, अमानवीय प्रताड़ना) में मृत्युदंड अनिवार्य होगा। इन गंभीर अपराधों में किसी भी प्रकार की दया याचिका या क्षमादान राष्ट्रपति अथवा न्यायालय द्वारा भी स्वीकार्य नहीं होगा। 2. स्त्री द्वारा अपराध: यदि कोई स्त्री अपराध करती है तो उसे आधा दंड दिया जाएगा, क्योंकि स्त्री अपराध सामान्यतया मजबूरी, आत्...

कविता - सत्य सनातन सृष्टि नूतन

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कविता - " सत्य सनातन सृष्टि नूतन " - अरविन्द सिसोदिया 9414180151  जन्म,जीवन और  मृत्यु यही सनातन और सृष्टिक्रम सत्य है, जन्मदिन से मृत्यु और मृत्यु से नव जीवन। यह शाश्वत यात्रा है, जहाँ अंत ही आरम्भ है, और आरम्भ ही अंत। सृष्टि के सृजन से यह क्रम चलता आया, और प्रलयँकारी समापन तक चलता रहेगा। मनुष्य ही नहीं, देव, दानव, ग्रह-नक्षत्र, आकाशगंगाएँ— सब इसी बंधन में बँधे हैं। किसी की आयु  दो दिन की, किसी की दो अरब वर्षों की। पर समय का प्रवाह सबको बहा ले जारहा है, और अन्ततः रूप, नाम, स्वरूप सब बदल जाते हैं। जो इस परिवर्तन से परे है, जो न जन्म लेता है, न मृत्यु को जानता है, वही ईश्वर है, वही परमेश्वर है। वही आदि अनादि शक्ति सत्य है। यही है ‘सनातन’ सदैव अस्तित्वमय, सदैव नूतनता को ग्रहण करने वाला। नित्य और नूतन का यह अद्भुत संगम, भारतीय संस्कृति का हृदय है, जो विश्व में कहीं और नहीं। सनातन ही संपूर्ण का ज्ञान विज्ञान सनातन ही ध्यान अंतरध्यान सनातन ही कालचक्र और गति  सनातन ही आत्मा और परमात्मा  सनातन ही विराम अविराम  सनातन ही पूर्णम पूर्णतः पुरनेतः सनातन ही अ...

ईश्वर तो है..

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ईश्वर तो है...... जन्म का सत्य है कि अगला पडाव मृत्यु हे। और मृत्यु का सत्य भी यही है कि अगला पडाव जीवन है। यह सृष्टिक्रम सृष्टि के सृजन से चल रहा हे और सृजन के समापन तक चलता रहेगा। मनुष्य ही नहीं सम्पूर्ण प्रकृति, देव दानव , ग्रह नक्षत्र आकाशगंगायें इससे बंधें हे। फर्क इतना मात्र है कि किसी कि आयु 2 दिन है तो किसी की आयु 2 अरब वर्ष, यह अरवों खरबों वर्ष अन्ततः स्वरूप सबका परिवर्तित होता हे। जो आयु और स्वरूप परिवर्तन से परे है वही ईश्वर या परमेश्वर है | सनातन के दो अर्थ हैँ पहला सदैव अस्तित्व मय दूसरा सदैव नूतनता को ग्रहण करने वाला और इन दोनों का मिलन ही भारतीय संस्कृति की गहराई है, जो कहीं और नहीं है। ------- तीन बड़े सत्य हैं— 1. जन्म और मृत्यु का चक्र – यह केवल मनुष्य तक सीमित नहीं है, बल्कि सम्पूर्ण सृष्टि का नियम है। परमाणु से लेकर आकाशगंगा तक हर वस्तु परिवर्तनशील है। बनते और नष्ट होते हैँ। फैलते और सिकुड़ते हैँ, भयंकर गर्मी से भयंकर शीत को प्राप्त होते हैँ। सब कुछ गतिशील और निरंतरतामय है। 2. सनातन का दोहरा अर्थ – सदैव अस्तित्व मय: जो कभी समाप्त नहीं होता। सदैव नूतनता ग्...

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निर्वाचन आयोग भारत निर्वाचन आयोग ने भारत के 25वें मुख्य चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार को विदाई दी Posted On: 17 FEB 2025  by PIB Delhi भारत निर्वाचन आयोग ने आज श्री राजीव कुमार को विदाई दी, जो 18.02.2025 को मुख्य चुनाव आयुक्त का पद छोड़ देंगे। श्री राजीव कुमार 1 सितंबर, 2020 को चुनाव आयुक्त के रूप में निर्वाचन आयोग में शामिल हुए थे और उन्होंने 15 मई, 2022 को भारत के 25वें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाला था। आयोग में उनके 4.5 वर्षों के कार्यकाल की विशेषता संरचनात्मक, तकनीकी, क्षमता विकास, संचार, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और प्रशासन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में मौन लेकिन गहन सुधारों की रही। श्री कुमार ने अपने कार्यकाल के दौरान 31 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में चुनाव कराने, 2022 के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव, 2024 के लोकसभा चुनाव और राज्यसभा के नवीनीकरण के साथ एक संपूर्ण चुनावी चक्र पूरा किया है - जो चुनावी प्रबंधन में एक दुर्लभ और महत्वपूर्ण उपलब्धि है। चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए तथा पुनर्मतदान और हिंसा की घटनाएं लगभग शून्य रहीं। अपने विदाई भाषण में, मुख्य च...

चुनाव आयोग को धमकाना, लोकतंत्र को नष्ट करने की कोशिश है - अरविन्द सिसोदिया

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चुनाव आयोग को धमकाना, लोकतंत्र को नष्ट करने की कोशिश है - अरविन्द सिसोदिया  कोटा 19 सितंबर। भाजपा राजस्थान के प्रदेश सह संयोजक, मीडिया संपर्क विभाग एवं राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल के शिक्षा प्रोत्साहन प्रन्याशी अरविन्द सिसोदिया नें राहुल गाँधी के द्वारा चुनाव आयोग पर लगाये बेबुनियाद आरोपों को झूठ का पुलन्दा और चुनाव प्रणाली से पूरी तरह अपरिचितता का उदाहरण बताते हुये कहा है कि " कांग्रेस और उनके सहयोगी दल, विशेष वोट बैंक के नजरिये से योजनापूर्वक चुनाव आयोग को अपरोक्ष डराने, धमकाने और दबाब में लेने का षड्यंत्र कर रहे हैँ, जो लोकतंत्र को नष्ट करने की कोशिश है। कांग्रेस मूलतः गैरकानूनी नामों को मतदाता सूची में जबरिया बनाये रखना चाहती हैँ। उनका मुख्य उद्देश्य घुसपैठियों के नाम मतदातासूची से कटने से बचाना है ताकी वे गैरकानूनी मतों का सहयोग अपने पक्ष में प्राप्त कर सकें। " सिसोदिया ने कहा कि " चुनाव आयोग पर लगातार दबाब बनाने के पीछे सोची समझी रणनीति है कि घुसपैठियों के नाम मतदातासूची से कटने से बचाये जाएँ । कांग्रेस के इस कृत्य को पूरा द...

ओम बिरला om birla

हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के जन्मदिवस के उपलक्ष में उनको शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए आज मैं आपकी इस सभा में माननीय लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला जी की संक्षिप्त जीवन यात्रा प्रस्तुत करता हूं -                डॉ. रघुराज सिंह कर्मयोगी                मस्तक पर आकाश उठाए पर्वत शिखर की तरह हृदय में गरीबों की सहायता करने की उमंग के  साथ लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला जब भी अपने कोटा संचित क्षेत्र में आते हैं। वह नगर में गरीबों का दुख दर्द बांटने निकल पड़ते हैं। फुटपाथ पर सड़क किनारे खड़े हाथ के ठेलों या थड़ी पर फल एवं घरों में प्रतिदिन उपयोग आने वाला सामान बेचने वालों के प्रति सहानुभूति से भरे होते हैं। यह फुटपाथी विक्रेता गर्मी, सर्दी, बरसात कोई भी मौसम हो,ये लोग पेट की आग बुझाने के लिए सड़क किनारे सामान बेचते हुए मिल जाते हैं। इनका जीवन स्तर ऊपर उठाने के लिए सरकार की कई योजनाएं चल रही हैं। उन योजनाओं के बारे में इन्हें जानकारी न होने के कारण परंपरागत कार्य करने के लिए विवश हैं। एक दिन शनिवार के ...