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कालगणना का मूल ज्ञान भारतीय संस्कृति के पुरूखों के परिश्रम से ही विश्व को मिला - अरविन्द सिसौदियाnew-year

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  कालगणना का मूल ज्ञान भारतीय संस्कृति के पुरूखों के परिश्रम से ही विश्व को मिला - अरविन्द सिसौदिया अंतरिक्ष विज्ञान में अनन्तकाल से भारत ही अग्रणी रहा है औ अभी भी है। भारत के पंचागं अन्तरिक्ष विज्ञान की सटीक जानकारी रखते है। नासा लेकर बडे बडे स्पेस वैज्ञानिक भारत के पंचांगों से अपना ज्ञान बढाते है। भारत में नववर्ष वर्षपतिपदा की तिथि से अनन्तकाल से मनाया जाता रहा है और आज भी विक्रम संवत उसी पद्यती से मनाया जाता है। पूर्व में पश्चिमी देशों में भी भारतीय समय के अनुसार ही नववर्ष मार्च के महीनें में मनाया जाता था। किन्तु बाद में कुप्रथावश राजा / नरेश /शासकों ने इसे अपने नाम से चलाना प्रारम्भ किया और इससे इसके मनाये जानें वाली तारीखों तिथियों में भिन्नता आने लगी। नव वर्ष एक उत्सव की तरह पूरे विश्व में अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग तिथियों तथा विधियों से मनाया जाता है। विभिन्न सम्प्रदायों के नव वर्ष समारोह भिन्न-भिन्न होते हैं और इसके महत्त्व की भी विभिन्न संस्कृतियों में परस्पर भिन्नता है। हिन्दू नववर्ष, पश्चिमी नव वर्ष,हिब्रू नव वर्ष, भारतके अनेक अन्य नव वर्ष,इस्लामी नव वर्ष सहित अनेकों न...

मोदी सरकार Modi government is doing the proud upliftment of the nation and cultural self-respect

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  मोदी सरकार कर रही है  राष्ट्र एवं सांस्कृतिक स्वाभिमान का गौरव पूर्ण उत्थान  Modi government is doing the proud upliftment of the nation and cultural self-respect साहब गौर से पढ़ लिजिये क्रास चेक भी कर लिजिये फिर भी कुछ कमी रह गई हो या छूट गया हो तो भाई कृपया पूरा कर दिजियेगा हिन्दुओं की आस्था के लिये सरकार द्वारा किये गये/किये जा रहे काम  जिसकी जानकारी हर हिन्दुओं के पास होनी चाहिये - जानिये।    आत्मघाती आचरण छोड़िये आगे बहुत कुछ बाकी है.....  1. राम मंदिर" बनवा रहे हो  2. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर" बनवा रहे हो  3. विंध्याचल कॉरिडोर" बनवा रहे हो  4. चार धाम को रेल रोड, हवाई कनेक्टिविटी" से जोड़ रहे हो  5. धारा 370 और 35ए" हटा चुके हो  6. CAA" .....  7. 4 वर्षों से यूपी में "रक्षाबंधन के पर्व पर बहनों/महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा" करवा रहे हो  8. श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा" करवा रहे हो  9. यूपी में "रंगोत्सव, दीपोत्सव, कृष्ण जन्मोत्सव" धूमधाम से मना रहे हो  10. अयोध्या में लाखों "दीप जलवाकर" विश्व ...

महावीर हनुमान जी की कथा story of mahavir hanuman ji

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हनुमान जी की कथा अमलकमलवर्णं प्रज्ज्वलत्पावकाक्षं सरसिजनिभवक्त्रं सर्वदा सुप्रसन्नम्। पटुतरघनगात्रं कुण्डलालङ्कृताङ्गं रणजयकरवालं वानरेशं नमामि॥ यत्र यत्र रघुनाथकीर्तनं तत्र तत्र कृतमस्तकाञ्जलिम्। बाष्पवारिपरिपूर्णलोचनं मारुतिं नमत राक्षसान्तकम्॥ हनुमान जी महाराज चिरंजीवी, अजर, अमर हैं....... भगवान् श्री राम के वरदान से, जब तक पृथ्वी लोक में उनका नाम स्मरण किया जायेगा, तब तक हनुमान जी महाराज यहाँ भक्तों का भला करते रहेंगे........ जहाँ-जहाँ राम कथा होगी वहाँ-वहाँ  हनुमान जी महाराज मौजूद रहेंगे........... यदि भगवान् राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं तो हनुमान जी की भक्ति अद्वितीय है। नाथ भगति अति सुखदायनी । देहु कृपा करि अनपायनी ॥ सुनि प्रभु परम सरल कपि बानी । एवमस्तु तब कहेउ भवानी ॥ ----------->  मोहिनी अवतार के समय भगवान् शिव का वीर्य स्खलित हो गया था, जिसे ऋषियों ने अग्निहोत्र के माध्यम से सुरक्षित रखा हुआ था। इसके दो जन्म पूर्व माता अञ्जनी ने भगवान शिव की आराधना कर एक अद्वितीय पुत्र प्राप्ति का वरदान पाया था। उस वीर्य को पवन देव ने माता अञ्जनी के गर्भ में स्थापित कर दिया। इस जन्...

मुद्दा इन्टर स्टेट प्रोटोकाल का है - अरविन्द सिसौदियाThe issue is of inter state protocol - Arvind Sisodia

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  मुद्दा इन्टर स्टेट प्रोटोकाल का है - अरविन्द सिसौदिया एक प्रदेश दूसरे प्रदेश का अपमान नहीं करे यह भावना संवैधानिक है और कांग्रेस की छत्तीसगढ़ सरकार ने इसी भावना का कत्ल मात्र वोट बैंक की सन्तुष्टि के लिये किया है । जो कि घोर असंवैधानिक है । प्रतिदिन हिन्दुओं पर गैर हिन्दू अनचाही और मनचाही टिप्पणियां कर रहे है । उनके विरूद्ध आपराधिक खामोशी और एक हिन्दू को अपनी अभिव्यक्ति पर अमानवीय तरीके से अपमानित किया जा रहा है । यह तो एक संवैधानिक विश्लेशण है ही । मध्यप्रदेश से छतीसगढ़ पुलिस कोई भी गिरफतारी उसकी बिना अनुमति के कैसे कर सकती है और इस तरह की अवैध गिरफतारी को कोई भी न्यायालय स्विकार कैसे कर सकता है। विचार करने वाले न्यायालय का कर्त्तव्य बनता है कि वह पुलिस से गिरफतारी के तरीके की भी जानकारी ले। गलती हुई है तो उन्हे भी दण्डित करे । मेरा स्पष्ट मानना है कि जहां किसी व्यक्ति को गिरफतार किया जाये उसे उस जिले के जिला सेशन न्यायाधीश की परमीशन के किसी अन्य जिले में या प्रांत में ले जानें की अनुमति होनी चाहिये। गिफ्तार व्यक्ति को पहले स्थानीय जिले की जिला सेशन न्यायालय में पेश करें और फिर उन...

कांग्रेस का हिन्दू विरोधी चेहरा फिर बेनकाब हुआ - अरविन्द सिसौदिया Anti-Hindu face of Congress exposed

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 - अरविन्द सिसौदिया कांग्रेस के मुंह से काई भी शब्द निकलते रहें, मगर आजादी के समय से ही उसने हिन्दूओं का छला है। कांग्रेस जैसे जैसे एक्सपोज होती गई,उसका जनाधार खिसकता चला गया। महात्मा गांधी के हिन्दुत्व ने सोमनाथ में मंदिर निर्माण करवाया और नेहरू जी की धर्म निरपेक्षता ने श्रीराम जन्म भूमि पर ताले लगवा दिये थे।        जब से हिन्दू एक जुट होनें लगा तब से ही हिन्दू,हिन्दुत्व,हिन्दू संस्कृति एवं हिन्दू सभ्यता,हिन्दू धर्माचार्यों एवं हिन्दू एकता पर विरोधी आक्रमण हो रहे है । वोट के लोभी कुछ राजनैतिक दलों का दुस्साह देखिये कि वे झूठ फलानें के लिये भी फैलानें के लिये भी निर्लज्जों की भांती भांड बने हुये है, हिन्दू एकता पर आक्रमण कर रहे है |  कांग्रेस के हिन्दु विरोधी अभियान लगातार उजागर होता रहा है। वे कितना भी छिपानें की कोशिश करें यह आगे भी एक्सपोज होता रहेगा।      Anti-Hindu face of Congress exposed again - Arvind Sisodia मालेगांव ब्लास्ट मामले में गवाह के खुलासे पर  भगवा आतंक के नाम परUPA ने 300-400 करोड़ रुपये खर्च की - इंद्रेश कुमार...

दीवान टोडरमल के समर्पण शौर्य पर हिन्दुत्व का सीना गर्व से चौंडा हो जाता है - अरविन्द सिसौदिया Diwan-Todar-Mal

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  गुरु पुत्रों का धर्म रक्षार्थ बलिदान व टोडरमल जी का उस बलिदान के प्रति समर्पण अमर रहे।  इतिहास में जब भी दशमेश पिता गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों जोरावर सिंह जी तथा फतह सिंह जी की शहादत की चर्चा होगी तो भाई मोतीराम मेहरा की शहादत तथा दीवान टोडरमल की गुरु घर के प्रति निष्ठा तथा समर्पण का जिक्र किए बगैर इतिहास आगे नहीं बढ़ेगा। छोटे साहिबजादों के शहीदी दिवस के बारे में जानकारी देते हुए इतिहासकार एवं शोधकर्ता सुरेंद्र कोछड़ ने पत्रकारों को बताया कि जब गुरु परिवार पर आई संकट और विपदा की घड़ी में मुगलों के डर से हर कोई गुरु परिवार का साथ देने से पीछे हट रहा था तो उस समय भाई मोती राम मेहरा तथा दीवान टोडर मल ने अपना फर्ज निभाते हुए गुरु साहिब के प्रति जो वफादारी दिखाई, उसने उन्हें सिख इतिहास में सदा-सदा के लिए अमर कर दिया। कोछड़ के अनुसार गुरु साहिब के परिवार के आनंदपुर साहिब त्यागने के बाद सरसा नदी के किनारे आपस में बिछुड़ जाने पर माता गुजरी जी व छोटे साहिबजादों को वहा से गुरु घर का चाकर गंगू मोरिंडा के पास अपने गाव खेड़ी ले गया। वहा पहुंचने पर गंगू ने माता जी के तकिए के नीचे रख...

मंहगी चुनाव प्रक्रिया से बाहर निकले भारत - अरविन्द सिसौदिया costly-electoral-process

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  मंहगी चुनाव प्रक्रिया से बाहर निकले भारत - अरविन्द सिसौदिया  India should get out of expensive election process - Arvind Sisodia costly electoral process expensive election   उत्तरप्रदेश चुनाव के ठीक पूर्व कथित तौर पर समाजवादी पार्टी से जुडाव रखनें वाले इत्र व्यापारी के पास से सैंकडों करोड की नगदी बरामद हुई है। इसे चुनाव से जोड कर देखा जा रहा है। स्वाभाविक है कि वर्तमान चुनाव पद्यती में  चुनाव आयोग की दी गई चुनाव खर्च की सीमा में बहुत मामूली चुनावी काम काज हो पाते हैं। सामान्यतौर पर 95 प्रतिशत चुनावी खर्च कालेधन सें ही होता है। पार्टी की तरफ से भी चुनाव प्रबंधनकर्ता नगद लाखों रूपये चार पांच किस्तों में प्रत्याशीयों को भेजते हैं। चुनाव का खर्च सुरसा के मुंह की तरह प्रतिदिन बडता है और उस खर्च को करना ही पडता है। यह भी सच है कि कार्यकर्ताओं को बहुत कम मिलता है या नहीं मिलता है। किन्तु ईमानदार से ईमानदार व्यक्ति भी इस अवसर पर बहानें बाजी के द्वारा मोटी से मोटी रकम चाहता है। कई जगह तो विज्ञप्ति तक साईज के आकार पर आ जाती है, एक एक शब्द के पैसे लगते हैं। एक विधायक म...

सर्वप्रथम 27 दिसम्बर 1911 को गाया गया था राष्ट्रगान जन गण मन अधिनायक जय है jan-gan-man

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  सर्वप्रथम 27 दिसम्बर 1911 को गाया गया था राष्ट्रगान जन गण मन अधिनायक जय है जन गण मन, भारत का राष्ट्रगान है जो मूलतः बंगाली में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा गया था। भारत का राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम है। राष्ट्रगान के गायन की अवधि लगभग 52 सेकेण्ड है। कुछ अवसरों पर राष्ट्रगान संक्षिप्त रूप में भी गाया जाता है। इसमें प्रथम तथा अन्तिम पंक्तियाँ ही बोलते हैं,जिसमें लगभग 20 सेकेण्ड का समय लगता है। संविधान सभा ने जन-गण-मन को भारत के राष्ट्रगान के रूप में 24 जनवरी 1950 को अपनाया था। इसे सर्वप्रथम 27 दिसम्बर 1911 को कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया था। इसके पूरे गान में 5 पद हैं , पहला पद राष्ट्रगान के रूप में लिया गया है। मूल कविता के पांचों पद जनगणमन-अधिनायक जय हे भारतभाग्यविधाता! पंजाब सिन्धु गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंग विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छलजलधितरंग तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मागे, गाहे तव जयगाथा। जनगणमंगलदायक जय हे भारतभाग्यविधाता! जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।। अहरह तव आह्वान प्रचारित, शुनि तव उदार बाणी हिन्दु बौद्ध शिख जैन पारसिक मुसलमान खृष्टा...

कोरोना की तीसरी लहर लगभग आ गई है, सावधान हो जायें ; अरविन्द सिसौदियाthird-wave-coronavirus-omicron

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  जयपुर के सवाई मानसिंह (sms) मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी ने कहा है कि ये वैरिएंट भारत में तीसरी लहर का कारण बन सकता है। ये इतना खतरनाक है कि डबल डोज लगवाकर इम्यूनिटी डेवलप कर चुके व्यक्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा सकता है। नए वैरिएंट में 30 से ज्यादा स्पाइक्स का म्यूटेशन पाया गया है, जो लंग्स को बहुत तेजी से डैमेज कर सकता है। कुछ चिकित्सक इसे बहुत खतरनाक नहीं होना भी बता रहे है। मगर हम इस चक्कर में नहीं पढें, हमें तो बचना ही है। इसलिये वही सावधानियां, भीडभाड से बचें, मास्क लगायें, हाथ धोते रहें, वैक्सीन लगवायें। चिकित्सक की तुरंत सलाह लें। स्वयं डाक्टर न बनें। ----- तीसरी लहर: 4 दिन में दिखी कोरोना की खतरनाक चाल, देखिए कैसे दिल्ली-मुंबई में बढ़ रही है रफ्तार लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्ली मुंबई Sudhir Jha Sun, 26 Dec 2021 देश में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के दस्तक के बाद दिल्ली और मुंबई में संक्रमण की रफ्तार लगातार तेज होती जा रही है। दोनों ही महानगरों में पिछले 4 दिन से कोरोना केसों में उछाल दिख रही है। जिस रफ्तार से दिल्ली और मुंबई में कोरोना केस बढ़ रहे हैं, उसने ...

स्पष्ट हो कि यह अकूत धन किस पार्टी को फायदा पहुचानें एकत्र किया गया था - अरविन्द सिसौदिया IT-Raid

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   स्पष्ट हो कि यह अकूत धन किस पार्टी को फायदा पहुचानें एकत्र किया गया था - अरविन्द सिसौदिया It should be clear that this huge amount was collected to benefit which party - Arvind Sisodia 1- नशे और सौन्दर्य से सम्बंधित व्यवसाय के लोग अधिक टैक्स होनें और उस टैक्स की चोरी करने से मालामल होते है। इसलिये यह धन टैक्स चोरी का भी हो सकता है। 2- चुनाव में अनाप सनाप कालाधन खर्च करना पडता है। क्यों कि एक नम्बर में खर्च की सीमा बहुत कम है, इतने में तो दो दिन का चुनाव भी नहीं हो सकता। फिर लगभग एक माह लगातार पानी की तरह पैसा चुनाव में बहाया जाता है। वह सारा पैसा नम्बर दो का ही होता है। जिसे पहले ही एकत्र कर अलग अलग कई जगह रखा जाता है। यह अकूत धन चुनाव खर्च के लिये एकत्र किया हुआ प्रतीत हो रहा है। महसूस यही हो रहा है कि यह चुनाव खर्च के लिये ही एकत्र किया हुआ पैसा है और इस तरह का पैसा अनेकों जगह और भी हो सकता है। आयकर विभाग की कार्यवाही मात्र धन बरामदगी तक सीमित नहीं रहनी चाहिये बलिक इसके मकसद को भी धनस्वामी से उगलवाया जाये और सत्य समाज के सामनें लाया जाये। हलांकी समाजवादी पार्टी अपने आप ही...

भारत के सर्वोच्च राजनेता अटल बिहारी वाजपेयी - अरविन्द सिसौदिया

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  भारत के सर्वोच्च राजनेता अटल बिहारी वाजपेयी - अरविन्द सिसौदिया statesman-of-world-Atal-Bihari-Vajpayee : Arvind Sisodia अटल बिहारी वाजपेयी सबसे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक थे, उन्हे राजनीति में भेजा गया था, डॉ श्यामाप्रसाद मुखजी के नेतृत्व में नये राजनैतिक दल भारतीय जनसंघ की स्थापना हेतु, वे जनसंघ सहित तीन नये राजनैतिक दलों के संस्थापक सदस्य थे। जनसंघ का विलय कर जनता पार्टी बनानें में उनका महत्वपूर्ण योगदान था तथा जब जनता पार्टी टूट गई, तब भारतीय जनता पार्टी का गठन उनकी अध्यक्षता में हुआ था। भारतीय जनसंघ संघ विचारधारा का पहला राजनैतिक दल था उसी का आधुनिक स्वरूप भारतीय जनता पार्टी है।  वे भारत के तीन बार प्रधानमंत्री बनें, लोकसभा एवं राज्यसभा में रहे, केन्द्रीय मंत्री बनें, लोकसभा में अनेकों बार चुन कर गये।  अटल बिहारी वाजपेयी भारत के तीन बार के प्रधानमंत्री थे। वे पहले 16 मई से 1 जून 1996 तक, तथा फिर 1998 मे और फिर19 मार्च 1999 से 22 मई 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। वे हिंदी कवि, पत्रकार व एक प्रखर वक्ता थे। वे भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में एक थे, उनम...

राम राज्य जैसे सुशासन की अपेक्षा सभी जमीनी स्तर पर है - अरविंद सिसोदियाgood-governance

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     राम राज्य जैसे सुशासन की अपेक्षा सभी जमीनी स्तरों पर है - अरविंद सिसोदिया हम हजारों सालों से अपने राम राज्य के लिए प्रयत्नशील रहे है। देश को 1947 में वास्तविक स्वतंत्रता मिली ही नहीं बल्कि एक सशर्त सत्ता हस्तांतरण हुआ था । जिसका लाभ मुस्लिम लीग को पाकिस्तान के रूप में हुआ। भारत को ब्रिटिश हितों से आबद्ध किया गया था। जवाहरलाल और जिन्ना ब्रिटिश हुकूमत की पशंद थे। उन्हे सत्ता किसी आन्दोलन से नहीं बल्कि ब्रिटिश हुकूमत की कृपा से मिली थी।      कथित स्वतंत्रता के बाद लम्बे समय तक कांग्रेस ही सत्ता में रही जिसने जनता को मात्र वोट देने वाले रिमोट की तरह इस्तेमाल किया। कांग्रेस की श्रीमती इन्दिरा गांधी एवं उनकी सरकार ने आपातकाल के दौरान जानवरों जैसा सलूक भारत की जनता से नहीं किया होता तो कांग्रेस तो जमी ही रहती। अगर किसी केन्द्र सरकार के द्वारा जनता के हितों के लिए जमीनी स्तर पर काफी प्रयास करना प्रारम्भ हुआ तो वह  अटल बिहारी वाजपेई जी की सरकार से प्रारम्भ हुआ और उन्हाने देश को सभी मोर्चों पर वास्तविक स्वतंत्रता दी और विकास का कमाल कर दिखाया और इसी का...