ब्रिटिश संसदीय समिति की चीन से असावधानी की रिपोर्ट पूरे विश्व को पढ़नी चाहिए - अरविन्द सिसोदिया Briten & china

ब्रिटिश संसदीय समिति की चीन से असावधानी की रिपोर्ट पूरे विश्व को पढ़नी चाहिए  -  अरविन्द सिसोदिया

हाल ही ब्रिटिश संसद में संसदीय समिति की चीन की गतिविधियों पर रिपोर्ट पेश हुई है, जिसमें न केबल ताईबान के स्वतंत्र राष्ट्र की पुष्ठी की गईं बल्कि सरकार को इस बात पर लताडा गया कि उसने चीन की आक्रामक नीतियों पर ठीक से ध्यान क्यों नहीं रखा।

ब्रिटेन की संसदीय समिति ने देश की ( ब्रिटेन की ) राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि ब्रिटेन की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चीन बड़ा खतरा है। इसके मुताबिक, चीन अब तक ब्रिटेन को आक्रामकता से निशाना बनाने में सफल रहा है, क्योंकि सरकार की तरफ से इस खतरे से निपटने के लिए कोई बेहतर नीति नहीं बनाई गई है।


चीन के संवेदनशील निवेशों को परखना भी नहीं चाहती, सरकार
इसमें चीन के ब्रिटेन में किए गए निवेश को लेकर भी कई अहम तथ्य रखे गए हैं। कहा गया है कि अब तक चीन के निवेश की कोई जांच नहीं हुई है।

इतना ही नहीं कमेटी ने पाया कि सरकार चीन के साथ अहम क्षेत्रों में हुए संवेदनशील निवेश समझौतों को दोबारा परखना भी नहीं चाहती।

इसमें कहा गया है कि कुछ अकादमिक संस्थान भी चीन की इन हरकतों को नजरअंदाज कर रहे हैं और उनके पैसे लेकर ही खुश हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि हम उस मार्ग पर हैं, जहां चीन हमारे ब्लूप्रिंट चुरा सकता है, खुद के नए मानक (स्टैंडर्ड) तय कर सकता है और खुद उत्पादन कर सकता है, जिससे हर स्तर पर राजनीतिक और आर्थिक दबाव पैदा किया जा सके।

रिपोर्ट की यह अभिव्यक्ति संपूर्ण विश्व को अहम है, महत्वपूर्ण है क्यों की चीन नें गुणवत्ता विहीन सस्ती वस्तुओं के द्वारा संपूर्ण विश्व के मानक युक्त निर्माण व व्यापार को ध्वस्त किया है और स्वयं को समृद्ध व चीन पर निर्भर भी किया।

इस रिपोर्ट को भारत सहित समस्त विश्व को गंभीरता से लेकर, सुरक्षा व व्यवस्था निर्माण के नियम बनाने चाहिए।

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