गद्दारों भारत छोडो
Quit India Movement
पीएम मोदी जी ने ट्वीट कर कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने वाले लोगों को श्रद्धांजलि। महात्मा गांधी के नेतृत्व में हुए इस आंदोलन ने उपनिवेशवाद से देश को मुक्ति दिलाने का काम किया। आज भारत एक आवाज में कह रहा है -
भ्रष्टाचार भारत छोड़ो,
वंशवाद भारत छोड़ो,
तुष्टीकरण भारत छोड़ो,
1942 - में आज ही के दिन भारत छोड़ो आंदोलन का आह्वान करने वाले महात्मा गांधी और उनके सहयोगी कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था। दरअसल, आंदोलन की शुरुआत 8 अगस्त को हुई। नौ अगस्त को सुबह होने से पहले ही महात्मा गांधी, नेहरू जैसे बड़े नेताओं और कांग्रेस कमेटी के लगभग सभी सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया। कांग्रेस को गैरकानूनी संस्था घोषित कर दिया गया। पर पार्टी के दूसरी पंक्ति के नेता जय प्रकाश नारायण, राममनोहर लोहिया और अरुणा आसफ अली की अगुवाई में देशव्यापी प्रदर्शन हुआ। गांधी ने इस आंदोलन के लिए “करो या मरो’ का नारा दिया था। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस आंदोलन में 940 लोग मारे गए थे। जबकि 60229 लोगों ने गिरफ्तारी दी थी।
खास भारत छोड़ो आंदोलन के 75 साल पूरे होने पर संसद के दोनों सदनों में बुधवार को विशेष बैठक होगी। इसमें सिर्फ देश की आजादी में आंदोलन की भूमिका पर चर्चा होगी।
देश के सामने सभी चुनौतीयां, भारत से गद्दारी करने वालों के कारण हैं , राजनीति भारत में करनी है MOU चीन में जाकर चीन की पार्टी से करना है। पाकिस्तान पहुंच कर भाजपा को हराने की सहायता मांगनी है। जिनका अभियान भारत को समाप्त करना है, उन्हें देश से बाहर करने के लिए, मूलतः गद्दारों भारत छोडो अभियान के प्रारंभ की जरूरत है।
देश का विभाजन करवाने वालों को देश में राजनीति का अधिकार क्यों हो ? आतंकवादियों के पक्षधर, विदेशी आतंकवादियों की कानूनी मदद करने वाले और अन्य प्रकार से मददगार, भारत में रहने का हक कैसे रख सकते हैं। उन्हें सबसे पहले भारत छोड़ने को कहा जाना चाहिए।
भारत का बुरा चाहने वालों को, भारत के टुकड़े-टुकड़े करने वालों को, भारत में सामूहिक हिंसा फैलाने वालों को, उनका साथ देने वालों को, भारत में रहने का क्या हक है? उन्हें देश से बाहर किया जाये।
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