चीनी वस्तुओं और चीनी नेताओं के पूर्ण बहिस्कार का संकल्प लेना चाहिये China-Congress MoU
पूरा देश जानता है कि चीन के साथ किस राजनैतिक दल नें एम ओ यू किया है। सब जानते हैं कि भारत में चीन के हितों के लिये कौन बेकअप कर रहा है। चीन की बातों की पुष्ठि के लिये सबसे ज्यादा चिन्ता कौन सा दल करता है।
भारत भगवान शंकर के निवास कैलाश मानसरोवर पर कब्जा किये बैठे चीन का हम चीनी की वस्तुओं का बहिस्कार कर विरोध करते है। अब भारत के लोगों को संकल्प लेना चाहिये कि जो भारत में चीन के हित चिन्तक हैं उनका भी पूर्ण बहिस्कार हो ।
चीन हमारा सभी दृष्टि से शत्रु है,उसकी नियत भारत, श्रीलंका, नेपाल, बंगलादेश, भूटान, मयंमार, पाकिस्तान आदि को अपने कब्जे में लेकर हिन्द महासागर से सीधे जुडनें की है। उसकी इस खराब नियत के खिलाफ मजबूती से वही दल खडा हो सकता है जिसनें चीन की लोकतंत्र विरोधी साम्यवादी पार्टी से कोई सम्बंध स्थापित नहीं किये हों।
कांग्रेस तो चीन की साम्यवादी पार्टी से सम्बद्ध है, बताया जाता है कि कांग्रेस के पवित्र परिवार ने राजीव गांधी फाउन्डेशन में चीन से चन्दा भी ग्रहण किया है।
देश व समाज हित में चीनी वस्तुओं और चीनी नेताओं के पूर्ण बहिस्कार का संकल्प लेना चाहिये ।
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A petition has been filed in the Supreme Court seeking National Investigation Agency (NIA) probe into the Memorandum of Understanding (MoU) signed in 2008 between the then UPA-led Central government and China.
Goa Chronicle editor-in-chief Savio Rodrigues filed the petition against Congress chief Sonia Gandhi, Rahul Gandhi and some others on the MOU signed. Speaking to the newsmen, Rodrigues said that the nation wants to know what were the contents of the MOU signed by the Congress and the China.
“The details are very crucial. It is a national security issue and the truth must be told. We had put out that question to Rahul Gandhi in an editorial that I had written as well as on a TV channel but he has given no answer to the people of India,” Rodrigues said.
“Therefore, we have approached the Supreme Court of India with a petition. We are demanding an NIA probe into the China-Congress MoU. It must be made public. There is no other choice available to Congress but to tell the truth about its relationship with China,” he added.
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