पवित्र कैलाश मानसरोवर और रहस्य Kailash Mansarovar




कैलाश पर्वत एक अनसुलझा रहस्य, कैलाश पर्वत के इन रहस्यों से नासा भी हो चुका है चकित.;

कैलाश पर्वत, इस एतिहासिक पर्वत को आज तक हम सनातनी भारतीय लोग शिव का निवास स्थान मानते हैं। शास्त्रों में भी यही लिखा है कि कैलाश पर शिव का वास है।

किन्तु वहीं नासा जैसी वैज्ञानिक संस्था के लिए कैलाश एक रहस्यमयी जगह है। नासा के साथ-साथ कई रूसी वैज्ञानिकों ने कैलाश पर्वत पर अपनी रिपोर्ट दी है।

उन सभी का मानना है कि कैलाश वास्तव में कई अलौकिक शक्तियों का केंद्र है। विज्ञान यह दावा तो नहीं करता है कि यहाँ शिव देखे गये हैं किन्तु यह सभी मानते हैं कि, यहाँ पर कई पवित्र शक्तियां जरूर काम कर रही हैं। तो आइये आज हम आपको कैलाश पर्वत से जुड़े हुए कुछ रहस्य बताते हैं।

कैलाश_पर्वत_के_रहस्य.

रहस्य 1– रूस के वैज्ञानिको का ऐसा मानना है कि, कैलाश पर्वत आकाश और धरती के साथ इस तरह से केंद्र में है जहाँ पर चारों दिशाएँ मिल रही हैं। वहीं रूसी विज्ञान का दावा है कि यह स्थान एक्सिस मुंडी है और इसी स्थान पर व्यक्ति अलौकिक शक्तियों से आसानी से संपर्क कर सकता है। धरती पर यह स्थान सबसे अधिक शक्तिशाली स्थान है।

रहस्य 2 - दावा किया जाता है कि आज तक कोई भी व्यक्ति कैलाश पर्वत के शिखर पर नहीं पहुच पाया है। वहीं 11 सदी में तिब्बत के योगी मिलारेपी के यहाँ जाने का दावा किया जाता रहा है। किन्तु इस योगी के पास इस बात के प्रमाण नहीं थे या फिर वह स्वयं प्रमाण प्रस्तुत नहीं करना चाहता था। इसलिए यह भी एक रहस्य है कि इन्होंने यहाँ कदम रखा या फिर वह कुछ बताना नहीं चाहते थे।

रहस्य 3 - कैलाश पर्वत पर दो झीलें हैं और यह दोनों ही रहस्य बनी हुई हैं। आज तक इनका भी रहस्य कोई खोज नहीं पाया है। एक झील साफ़ और पवित्र जल की है। इसका आकार सूर्य के समान बताया गया है। वहीं दूसरी झील अपवित्र और गंदे जल की है तो इसका आकार चन्द्रमा के समान है। 

रहस्य 4 - यहाँ के आध्यात्मिक और शास्त्रों के अनुसार रहस्य की बात करें तो कैलाश पर्वत पे कोई भी व्यक्ति शरीर के साथ उच्चतम शिखर पर नहीं पहुच सकता है। ऐसा बताया गया है कि, यहाँ पर देवताओं का आज भी निवास हैं। पवित्र संतों की आत्माओं को ही यहाँ निवास करने का अधिकार दिया गया है।

रहस्य 5 - कैलाश पर्वत का एक रहस्य यह भी बताया जाता है कि जब कैलाश पर बर्फ पिघलती है तो यहाँ से डमरू जैसी आवाज आती है। इसे कई लोगों ने सुना है। लेकिन इस रहस्य को आज तक कोई हल नहीं कर पाया है.

रहस्य 6 – कई बार कैलाश पर्वत पर *सात तरह के प्रकाश* आसमान मेंदेखे गये हैं। इस पर नासा का ऐसा मानना है कि यहाँ चुम्बकीय बल है और आसमान से मिलकर वह कई बार इस तरह की चीजों का निर्माण करता 

रहस्य 7 - कैलाश पर्वत दुनिया के 4 मुख्य धर्मों का केंद्र माना गया है। यहाँ कई साधू और संत अपने देवों से टेलीपैथी से संपर्क करते हैं। असल में यह आध्यात्मिक संपर्क होता है।

रहस्य 8 - कैलाश पर्वत का सबसे बड़ा रहस्य खुद विज्ञान ने साबित किया है कि यहाँ पर प्रकाश और ध्वनि के बीच इस तरह का समागम होता है कि यहाँ से *ॐ* की आवाजें सुनाई देती हैं।

समझ गये होंगे कि, कैलाश पर्वत क्यों आज भी इतना धार्मिक और वैज्ञानिक महत्त्व रखे हुए है। हर साल यहाँ दुनियाभर से कई लोग अनुभव लेने आते हैं, और सनातन धर्म के लिए कैलाश सबसे बड़ा आदिकालीन धार्मिक स्थल भी बना हुआ 

यहाँ पर सूर्य और चंद्रमा के संधि काल (सायं काल) प्रकाश और ध्वनि के बीच इस तरह का समागम होता है कि यहाँ से *ॐ* की आवाजें सुनाई देती हैं

हर हर महादेव 🙏🔱🚩

------------------

1. पहला रहस्य – कैलाश मानसरोवर को 12 ज्येतिर्लिंगों में सबसे सर्वश्रेष्ठ माना गया है। कैलाश पर्वत बर्फ़ से सटे 22,028 फुट ऊँचे शिखर और उससे लगे मानसरोवर को कैलाश मानसरोवर तीर्थ कहते है। इस अलौकिक जगह पर ध्वनि तरंगों का समागम होता है, जो ओम की प्रतिध्वनि करता है।

2. दूसरा रहस्य – हिंदू धर्म-ग्रंथों के अनुसार – भगवान शिव ने कैलाश पर्वत पर ही समाधि लगाई थी और भगवान शिव वही निवास करते थे। तिब्बती बौद्धों के अनुसार – परम आनन्द के प्रतीक बुद्ध डेमचोक (धर्मपाल) कैलाश पर्वत के अधिष्ठाता देव हैं और वे कैलाश पर्वत पर ही निवास करते हैं। जैन धर्म के अनुसार – प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव ने यहीं निर्वाण प्राप्त किया था। जैन कैलाश को अष्टापद कहते हैं।

3. तीसरा रहस्य – हिंदू मान्यता के अनुसार मानसरोवर मानस और सरोवर से मिलकर बनी है जिसका अर्थ होता है – मन का सरोवर। कहते है मानसरोवर झील भगवान ब्रह्मा के मन में उत्पन्न हुई थी इसलिए इसका नाम मानसरोवर पड़ा।

4. चौथा रहस्य – हिंदू धर्म के लिए आस्था का माना माने जाने वाला मानसरोवर, तिब्बत की एक झील है। जो कि 320 वर्ग कि.मी तक फैली है। इसके उत्तरी भाग में कैलाश पर्वत और पश्चिमी भाग में राक्षसताल है।

5. पांचवा रहस्य – कैलाश पर्वत पर कई पर्वतारोहियो ने चढ़ने की कोशिशे की जहा उन्हें ऐसे-ऐसे अनसुलझे रहस्यों का भी बोध हुआ। एक पर्वतारोही ने अपनी किताब में लिखा था कि- “इस पर्वत पर रहना असंभव था, वहां किसी अनजान वजह से दिशा भ्रम होता है और दिशा का ज्ञान नहीं रहता है, वहां पर चुंबकीय कंपास भी धोखा देने लगता है, शरीर के बाल और नाखून भी ज्यादा तेजी से बढ़ने लगते हैं वह जगह बहुत ही ज्यादा रेडियोएक्टिव है”
-----------------

 भगवान शंकर के निवास स्थान कैलाश पर्वत के पास स्थित है कैलाश मानसरोवर। यह अद्भुत स्थान रहस्यों से भरा है। शिवपुराण, स्कंद पुराण, मत्स्य पुराण आदि में कैलाश खंड नाम से अलग ही अध्याय है, जहां की महिमा का गुणगान किया गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी के पास कुबेर की नगरी है। यहीं से महाविष्णु के कर-कमलों से निकलकर गंगा कैलाश पर्वत की चोटी पर गिरती है, जहां प्रभु शिव उन्हें अपनी जटाओं में भर धरती में निर्मल धारा के रूप में प्रवाहित करते हैं। कैलाश पर्वत के ऊपर स्वर्ग और नीचे मृत्यलोक है।

किन्तु वहीँ नासा जैसी वैज्ञानिक संस्था के लिए कैलाश एक रहस्यमयी जगह है। नासा के साथ-साथ कई रूसी वैज्ञानिकों ने कैलाश पर्वत पर अपनी रिपोर्ट पेश की है।  उन सभी का मानना है कि कैलाश वाकई कई अलौकिक शक्तियों का केंद्र है। विज्ञान यह दावा तो नहीं करता है कि यहाँ शिव देखे गये हैं किन्तु यह सभी मानते हैं कि, यहाँ पर कई पवित्र शक्तियां जरुर काम कर रही हैं। तो आइये हम आपको कैलाश पर्वत से जुड़े हुए12 रहस्य बताते हैं।

रहस्य 1. धरती का केंद्र
 धरती के एक ओर उत्तरी ध्रुव है, तो दूसरी ओर दक्षिणी ध्रुव। दोनों के बीचोबीच स्थित है हिमालय। हिमालय का केंद्र है कैलाश पर्वत। वैज्ञानिकों के अनुसार यह धरती का केंद्र है। कैलाश पर्वत दुनिया के 4 मुख्य धर्मों- हिन्दू, जैन, बौद्ध और सिख धर्म का केंद्र है।

रहस्य 2.अलौकिक शक्ति का केंद्र
यह एक ऐसा भी केंद्र है जिसे एक्सिस मुंडी (Axis Mundi) कहा जाता है। एक्सिस मुंडी अर्थात दुनिया की नाभि या आकाशीय ध्रुव और भौगोलिक ध्रुव का केंद्र। यह आकाश और पृथ्वी के बीच संबंध का एक बिंदु है, जहां दसों दिशाएं मिल जाती हैं। रशिया के वैज्ञानिकों के अनुसार एक्सिस मुंडी वह स्थान है, जहां अलौकिक शक्ति का प्रवाह होता है और आप उन शक्तियों के साथ संपर्क कर सकते हैं। धरती पर यह स्थान सबसे अधिक " शक्तिशाली स्थान " है।

रहस्य 3.पिरामिडनुमा क्यों है यह पर्वत
 कैलाश पर्वत एक विशालकाय पिरामिड है, जो 100 छोटे पिरामिडों का केंद्र है। कैलाश पर्वत की संरचना कम्पास के 4 दिक् बिंदुओं के समान है और एकांत स्थान पर स्थित है, जहां कोई भी बड़ा पर्वत नहीं है। कई बार कैलाश पर्वत पर " सात तरह के प्रकाश" आसमान में देखें गयें है। इसपर नासा का ऐसा मानना है कि यहाँ चुम्बकीय बल है और आसमान से मिलकर वह कई बार इस तरह की चीजों का निर्माण करता है।


रहस्य 4. शिखर पर कोई नहीं चढ़ सकता
 कैलाश पर्वत पर चढ़ना निषिद्ध है, परंतु 11वीं सदी में एक तिब्बती बौद्ध योगी मिलारेपा ने इस पर चढ़ाई की थी। रशिया के वैज्ञानिकों की यह रिपोर्ट 'यूएनस्पेशियल' मैग्जीन के 2004 के जनवरी अंक में प्रकाशित हुई थी। हालांकि मिलारेपा ने इस बारे में कभी कुछ नहीं कहा इसलिए यह भी एक रहस्य है।
दावा किया जाता है कि आज तक कोई भी व्यक्ति कैलाश पर्वत के शिखर पर नहीं पहुच पाया है। वहीँ 11 सदी में तिब्बत के योगी मिलारेपी के यहाँ जाने का दावा किया जाता रहा है। किन्तु इस योगी के पास इस बात के सबूत नहीं थे या फिर वह खुद सबूत पेश नहीं करना चाहता था। इसलिए यह भी एक रहस्य है कि इन्होनें यहाँ कदम रखा या फिर वह कुछ बताना नहीं चाहते थे।

रहस्य 5.दो रहस्यमयी सरोवरों का रहस्य
 यहां 2 सरोवर मुख्य हैं- पहला, मानसरोवर जो दुनिया की शुद्ध पानी की उच्चतम झीलों में से एक है और जिसका आकार सूर्य के समान है। दूसरा, राक्षस नामक झील, जो दुनिया की खारे पानी की उच्चतम झीलों में से एक है और जिसका आकार चन्द्र के समान है। ये दोनों झीलें सौर और चन्द्र बल को प्रदर्शित करती हैं जिसका संबंध सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा से है। जब दक्षिण से देखते हैं तो एक स्वस्तिक चिह्न वास्तव में देखा जा सकता है। यह अभी तक रहस्य है कि ये झीलें प्राकृतिक तौर पर निर्मित हुईं या कि ऐसा इन्हें बनाया गया? ऐसा कैसे हुआ है यह भी कोई नहीं जानता है।

रहस्य 6.यहीं से क्यों सभी नदियों का उद्गम
 इस पर्वत की कैलाश पर्वत की 4 दिशाओं से 4 नदियों का उद्गम हुआ है- ब्रह्मपुत्र, सिन्धु, सतलज व करनाली। इन नदियों से ही गंगा, सरस्वती सहित चीन की अन्य नदियां भी निकली हैं। कैलाश की चारों दिशाओं में विभिन्न जानवरों के मुख हैं जिसमें से नदियों का उद्गम होता है। पूर्व में अश्वमुख है, पश्चिम में हाथी का मुख है, उत्तर में सिंह का मुख है, दक्षिण में मोर का मुख है।

रहस्य 7.सिर्फ पुण्यात्माएं ही निवास कर सकती हैं
यहां पुण्यात्माएं ही रह सकती हैं। कैलाश पर्वत और उसके आसपास के वातावरण पर अध्ययन कर चुके रशिया के वैज्ञानिकों ने जब तिब्बत के मंदिरों में धर्मगुरुओं से मुलाकात की तो उन्होंने बताया कि कैलाश पर्वत के चारों ओर एक अलौकिक शक्ति का प्रवाह है जिसमें तपस्वी आज भी आध्यात्मिक गुरुओं के साथ टेलीपैथिक संपर्क करते हैं।
यहाँ के आध्यात्मिक और शास्त्रों के अनुसार रहस्य की बात करें तो कैलाश पर्वत पे कोई भी व्यक्ति शरीर के साथ उच्चतम शिखर पर नहीं पहुच सकता है। ऐसा बताया गया है कि, यहाँ पर देवताओं का आज भी निवास हैं। पवित्र संतों की आत्माओं को ही यहाँ निवास करने का अधिकार दिया गया है।

रहस्य 8. डमरू और ओम की आवाज
यदि आप कैलाश पर्वत या मानसरोवर झील के क्षेत्र में जाएंगे, तो आपको निरंतर एक आवाज सुनाई देगी, जैसे कि कहीं आसपास में एरोप्लेन उड़ रहा हो। लेकिन ध्यान से सुनने पर यह आवाज 'डमरू' या 'ॐ' की ध्वनि जैसी होती है। वैज्ञानिक कहते हैं कि हो सकता है कि यह आवाज बर्फ के पिघलने की हो। यह भी हो सकता है कि प्रकाश और ध्वनि के बीच इस तरह का समागम होता है कि यहां से 'ॐ' की आवाजें सुनाई देती हैं।

रहस्य 9. आसमान में लाइट का चमकना
दावा किया जाता है कि कई बार कैलाश पर्वत पर 7 तरह की लाइटें आसमान में चमकती हुई देखी गई हैं। नासा के वैज्ञानिकों का ऐसा मानना है कि हो सकता है कि ऐसा यहां के चुम्बकीय बल के कारण होता हो। यहां का चुम्बकीय बल आसमान से मिलकर कई बार इस तरह की चीजों का निर्माण कर सकता है।

रहस्य 10. येति मानव का रहस्य
हिमालयवासियों का कहना है कि हिमालय पर यति मानव रहता है। कोई इसे भूरा भालू कहता है, कोई जंगली मानव तो कोई हिम मानव। यह धारणा प्रचलित है कि यह लोगों को मारकर खा जाता है। कुछ वैज्ञानिक इसे निंडरथल मानव मानते हैं। विश्वभर में करीब 30 से ज्यादा वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि हिमालय के बर्फीले इलाकों में हिम मानव मौजूद हैं।

रहस्य 11. कस्तूरी मृग का रहस्य
दुनिया का सबसे दुर्लभ मृग है कस्तूरी मृग। यह हिरण उत्तर पाकिस्तान, उत्तर भारत, चीन, तिब्बत, साइबेरिया, मंगोलिया में ही पाया जाता है। इस मृग की कस्तूरी बहुत ही सुगंधित और औषधीय गुणों से युक्त होती है, जो उसके शरीर के पिछले हिस्से की ग्रंथि में एक पदार्थ के रूप में होती है। कस्तूरी मृग की कस्तूरी दुनिया में सबसे महंगे पशु उत्पादों में से एक है।

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

Veer Bal Diwas वीर बाल दिवस और बलिदानी सप्ताह

जन गण मन : राजस्थान का जिक्र तक नहीं

अटलजी का सपना साकार करते मोदीजी, भजनलालजी और मोहन यादव जी

इंडी गठबन्धन तीन टुकड़ों में बंटेगा - अरविन्द सिसोदिया

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग

स्वामी विवेकानंद और राष्ट्रवाद Swami Vivekananda and Nationalism