भजनलाल शर्मा सरकार के बजट ने, राजस्थान में नए प्राण फूँके - अरविन्द सिसोदिया
विधानसभा चुनाव जीतने के लिये राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नें राजस्थान की जनता पर अपार कर्ज लाद दिया, यह एक प्रकार से आपराधिक कृत्य था। मतप्राप्त करने के लिये प्रलोभन पर प्रलोभन देना भी अनुचित था। कोई मुख्यमंत्री पुनः चुनाव जीतने के लिये प्रदेश की जनता पर आर्थिक भार, वह भी हजारों करोड़ रूपये कैसे लाद सकता है ? गहलोत सरकार नें राजस्थान को कर्ज में डुबोनेँ की सभी हदें पार कर एक अनोखा उदाहरण प्रस्तुत किया।यह पाप राजस्थान में हुआ ! गहलोत राजस्थान की वह आर्थिक बदहाली करके गये कि आने वाले दस मुख्यमंत्री सरकारी खजाने को देख कर सर पकड़ कर रोयें!
यह राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार का साहस समझे या केंद्र की प्रधानमंत्री मोदीजी की सरकार का भरोषा समझे कि राजस्थान भाजपा सरकार नें एक ऐतिहासिक बजट प्रस्तुत कर राजस्थान के सार्वेभौमिक विकास की मज़बूत नींव रखी। सबसे चुनौतीपूर्ण था गहलोत सरकार की राहत योजनाओं को जारी रखना और कर्मचारियों का वेतन भुगतान करना, जिसमें भाजपा की भजनलाल शर्मा सरकार सफल रही है। इस प्रकार से भजनलाल शर्मा सरकार नें पहली अग्निपरीक्षा पार करली है।
भजनलाल शर्मा सरकार के बजट ने, राजस्थान में नए प्राण फूँके - अरविन्द सिसोदिया
बजट किसी भी सरकार के द्वारा राज्य में किये जानें वाले भावी कार्यों का लक्ष्य होता है। यह उसके आत्म विश्वास का , सहास का , उद्यमता का परिचायक होता है। यदि सपने ऊंचे नहीं देखेंगे तो जो प्राप्त करना है वह अच्छा या ज्यादा नहीं होगा। इसलिये लक्ष्य बडा रखना और उसे हांसिल करने के लिये मेहनत करना ही सफलता का रहस्य है। निश्चित ही भजनलाल शर्मा सरकार ने इस दिशा में मास्टर स्ट्रोक खेला है। वर्ना पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत राजस्थान को इस तरह से कर्ज में डुबो कर गये हैं कि अगले दस मुख्यमंत्री सिर पकड़ कर रोयें।
भजनलाल शर्मा सरकार के बजट ने, राजस्थान में नए प्राण फूँके - अरविन्द सिसोदिया
10 जुलाई, कोटा। भारतीय जनता पार्टी कोटा संभाग के मीडिया संयोजक अरविंद सिसोदिया ने भजनलाल सरकार के पहले बजट पर प्रक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि " कांग्रेस की गत गहलोत सरकार ने पांच साल के कुर्सी युद्ध में राजस्थान को भारी क्षति पहुंचाई थी और प्रदेश को भयंकर कर्ज में डुबो दिया था। इसके बावजूद राजस्थान की भजनलाल शर्मा ने साहसपूर्ण निर्णय लेकर इस बजट के द्वारा राजस्थान की मृतप्राय अर्थव्यवस्था में नए प्राण फूंक के दिए हैं। जो की स्वागत योग्य अभिनंदनीय है। उन्होंने कहा कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार और राजस्थान में भजन लाल शर्मा की सरकार मिलकर डबल इंजन सरकार के फायदे साकार कर रही है, जो सभी घोषणाओं को समयवद्ध पूरा करेंगी।
सिसोदिया ने कहा कि उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री श्रीमती दिया कुमारी द्वारा प्रस्तुत बजट, प्रदेश को नई गति प्रदान करने वाला बजट है जिसमें राजस्थान का नया उत्थान और विकास सुनिश्चित होगा ।
सिसोदिया ने बताया कि बजट में कोटा को भी बहुत कुछ मिला है। हमारे बरसों पुरानी नये एयरपोर्ट की परियोजना अब सिद्ध होकर गति पकड़ेगी। वही इलेक्ट्रॉनिक बसों के साथ - साथ चार्जिंग पॉइंट युक्त नया आधुनिक बस स्टैंड भी मिला है । एक जिले के एक उत्पादन प्रोत्साहन के क्रम में कोटा में निर्मित कोटा डोरिया साड़ियों का उत्पादन बढ़ेगा और एक्सपोर्ट भी होगा। इसी तरह तमाम घोषणाओं के क्रम में कोटा को भी प्रत्येक विधानसभा में काफी कुछ मिलेगा।
सिसोदिया ने कहा कि 10 संकल्पनाओं के साथ प्रस्तुत बजट राजस्थान को अमृतकाल में नवविकसित राजस्थान बनाने की संकल्पना से युक्त है। जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प 2047 के साथ - साथ आत्मनिर्भर राजस्थान के लक्ष्य को समर्पित है । इसी क्रम में राजस्थान को 350 बीलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाना, राजस्थान में बिजली - पानी और सड़कों का विकास, सुनियोजित शहरी विकास, किसानों का सशक्तिकरण, औद्योगिक विकास, विरासत भी - विकास भी और धरोहर संरक्षण भी , पर्यावरण संरक्षण, सबके लिए स्वास्थ्य और मानव संसाधन विकास, बंचित परिवारों के लिए सामाजिक सुरक्षा, गुड गवर्नेंस - परफॉर्म -रिफॉर्म और ट्रांसफॉर्म पर काम।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार से राजस्थान की भजनलाल सरकार नें भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के नक्से कदम पर चलते हुए, राजस्थान के विकास को नए और उच्च आयाम तक पहुंचाने के लिए संकल्पवद्ध प्रस्तुत बजट सराहनीय है ।
भवदीय
अरविन्द सिसोदिया
9414180151
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Rajasthan Budget 2024: चार लाख सरकारी नौकरी, 1500 डॉक्टरों और 400 नर्सिंग कर्मियों के नए पदों का एलान; बजट की बड़ी बातें
राजस्थान में आज भजनलाल सरकार वित्त वर्ष 2024-25 का आम बजट आज विधानसभा में पेश कर रही है। बजट में काशी विश्वनाथ की तरह खाटू श्याम जी मंदिर का कॉरिडोर बनाने की घोषणा की गई है। इसके साथ ही राजस्थान रोडवेज में 1650 कर्मचारियों की भर्ती की भी घोषणा की गई है। बजट में पर्यटन कला एवं संस्कृति को लेकर भी कई घोषणाएं की गई है।
बता दें कि राजस्थान सरकार के बजट में सरकारी नौकरियों की बंपर भर्ती समेत कई बडे़ एलान किए गए हैं।
वित्त मंत्री ने भाषण की शुरुआत में कहा कि पिछली सरकार में हुई पेपर लीक की घटना को हमारी सरकार ने रोका और माफियाओं पर कार्रवाई करते हुए 100 से ज्यादा गिरफ्तारी की है। आगे भी ऐसे काम करते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि हमारे 10 संकल्प हैं। इन्हीं को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं।
राज्य की मौजूदा भारतीय जनता पार्टी सरकार का यह पहला पूर्ण बजट है। राज्य की 16वीं विधानसभा का दूसरा सत्र अभी चल रहा है। विधानसभा का बजट सत्र आमतौर पर फरवरी-मार्च में होता है लेकिन इस साल लोकसभा चुनाव के कारण दीया कुमारी ने आठ फरवरी को विधानसभा में अंतरिम बजट पेश किया था।
राजस्थान का यह बजट ऐसे समय पर आया है जब हाल ही में लोकसभा चुनाव संपन्न हुए हैं और भारतीय जनता पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। राज्य में जल्द ही पांच विधानसभा सीटों पर उपुचनाव भी होने वाला है। ऐसे में यह बजट राजनीतिक दृष्टि से भी काफी अहम है।
पुलिस में 5500 नए पदों का सृजन
बजट में पुलिस में 5500 नए पद सृजित करने की घोषणा।
जयपुर, जोधपुर, कोटा के साथ 1 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में 1500 अतिरिक्त ट्रैफिक वॉलंटियर लगाए जाएंगे।
पुलिस को 750 मोटरसाइकिल और 500 हल्के वाहन दिए जाएंगे।
उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए अब मिलेगा पुरस्कार
राजस्थान में अधिस्वीकृत पत्रकारों (Accredited Journalists) के लिए पहली नि:शुल्क स्वास्थ्य बीमा योजना राजस्थान जर्नलिस्ट हेल्थ स्कीम (RJHS) लागू किए जाने का एलान।
राजस्थान में स्वतंत्र पत्रकारों के एक्रीडेशन की आयु सीमा और अनुभव में छूट देते हुए न्यूनतम पात्रता आयु 45 साल और अनुभव 15 साल किया जाना प्रस्तावित है।
वहीं, उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए बिशन सिंह शेखावत पत्रकारिता पुरस्कार शुरू किए जाएंगे।
RGHS में सास-ससुर का भी इलाज होगा
संविदा कर्मचारियों को अब दो बार 1 जनवरी और 1 जुलाई से इंक्रीमेंट दिया जाएगा।
आरजीएचएस में अब सरकारी कर्मचारी माता-पिता या सास-ससुर का भी इलाज करवा सकेंगे।
पाक से विस्थापित परिवार को मिलेंगे 1 लाख रुपये
राजस्थान में स्वतंत्रता सेनानियों को मिलने वाली सम्मान पेंशन राशि को 60 हजार प्रतिमाह किया गया। पहले 50 हजार मिलते थे।
राजस्थान में पाकिस्तान के विस्थापितों को प्रति परिवार 1 लाख रुपए की सहायता देने का बजट में एलान किया गया है।
राजस्थान में बालिकाओं को पुलिस और सैनिक में भर्ती दिलाने के लिए संभागों में बालिका सैनिक स्कूल खोलने का एलान।
बनाए जाएंगे 6 नए ट्रॉमा सेंटर
10 ट्रॉमा सेंटर्स को ऑपरेशनल किया जाएगा। जयपुर, कोलाना, बांदीकुई, दौसा, पाली, प्रतापगढ़, सांडेराव सहित 6 नए ट्रॉमा सेंटर बनेंगे।
25 नई एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस दी जाएंगी।
एक्सीडेंट में घायलों की जान बचाने वालों को अब 10 हजार प्रोत्साहन राशि मिलेगी, पहले यह राशि 5000 रुपए थी।
प्रदेश में 10 हजार से अधिक आबादी वाले गांवों में वंचित वर्ग की आबादी की बुनियादी जरूरतों और समस्याओं के लिए 200 करोड़ के प्रावधान के साथ बाबा साहेब आंबेडकर आदर्श ग्राम विकास योजना शुरू किए जाने का एलान।
500 डॉक्टरों और 400 नर्सिंग कर्मियों के पदों का एलान
बजट में प्रदेश में 1500 डॉक्टरों और 400 नर्सिंग कर्मियों के नए पदों का एलान किया गया है।
खेलो इंडिया की तर्ज पर हर साल प्रदेश में खेलो राजस्थान का एलान, 50 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
राष्ट्रीय युवा पुरस्कार की तरह राजस्थान यूथ आइकन अवार्ड दिया जाएगा।
पीएम यूनिटी मॉल बनाने की घोषणा
राजस्थान सरकार ने पांच साल में 4 लाख रिक्त पदों को भरने का संकल्प लिया है।
वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के तहत नई पॉलिसी लाई जाएगी। इसके लिए हर साल 100 करोड़ का बजट होगा।
नई एमएसएमई पॉलिसी 2024 लाई जाएगी। इसके तहत 3 साल में 150 करोड़ खर्च कर नए कलस्टर बनाए जाएंगे। पहले साल 15 कलस्टर खोले जाएंगे।
ऐसे उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए जयपुर में 200 करोड़ की लागत से पीएम यूनिटी मॉल बनाया जाएगा।
बजट में पर्यटन, कला एवं संस्कृति को लेकर भी घोषणा
दिल्ली के भारत मंडपम की तर्ज पर राजस्थान मंडपम तैयार किया जाएगा।
काशी विश्वनाथ की तरह खाटू श्याम जी मंदिर का कॉरिडोर बनेगा। इसमें करीब 100 करोड़ का खर्च आएगा।
राजस्थान हेरिटेज कन्वर्जेशन बोर्ड बनेगा, यह बोर्ड पुरातात्विक स्थानों और हेरिटेज स्थलों का विकास करेगा।
बजट में युवा नीति 2024 लाने की घोषणा
बजट में राजस्थान में युवाओं के सर्वांगीण विकास और उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान करने के लिए युवा नीति 2024 लाने की घोषणा।
बजट पेश करने के दौरान दीया कुमारी ने कहा कि राजस्थान में युवाओं के लिए हमने अगले 5 सालों में 4 लाख सरकारी भर्तियां करने का संकल्प लिया है, वहीं इस साल 1 लाख से अधिक पदों पर सरकारी भर्तियां की जानी प्रस्तावित है।
लाइब्रेरी और वाई-फाई कनेक्शन के लिए 150 करोड़
राज्य सरकार ने बजट में कहा है कि 500 करोड़ रुपए का प्रावधान करके डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी जिला उत्थान योजना शुरू की जाएगी।
इसके साथ ही प्रदेश के शहरी क्षेत्र में 150 करोड़ की लागत से शहरी क्षेत्र में लाइब्रेरी और वाई-फाई कनेक्शन दिए जाएंगे।
शहरी क्षेत्र में फेज मैनर में 150 करोड़ से बिजली की लाइनों को अंडरग्राउंड किया जाएगा।
हर नगरी निकाय में 65 करोड़ की लागत से फायर ब्रिगेड उपलब्ध कराई जाएगी।
राजस्थान रोडवेज में भर्तियों की घोषणा
रोडवेज के लिए 500 बसें खरीदी जाएंगी। इसके साथ ही सरकार 300 इलेक्ट्रिक बसें भी खरीदेगी। वहीं, 800 बसें किराए पर ली जाएंगी।
अजमेर, कोटा, भरतपुर और उदयपुर सहित 10 जिलों में आधुनिक सुविधा युक्त बस स्टैंड बनाए जाएंगे।
इस बार के बजट में रोडवेज में 1650 कर्मचारियों की भर्ती की भी घोषणा की गई है।
बीकानेर, भरतपुर सहित बड़े शहरों के लिए इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी।
दीया कुमारी बोलीं- हमारे दस संकल्प हैं -
प्रदेश को 350 बिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाना
पानी, बिजली, सड़का का विकास
सुनियोजित शहरी विकास
किसानों का सशक्तिकरण
औद्योगिक विकास
विरासत भी, विकास भी की सोच के साथ धरोहर संरक्षण
पर्यावरण संरक्षण
सबके लिए स्वास्थ्य और मानव संसाधन विकास
वंचित परिवारों के लिए सामाजिक सुरक्षा
गुड गवर्नेंस, परफाॅर्म, रीफॉर्म और ट्रांसफॉर्म
जल जीवन मिशन-
इस साल 15 हजार करोड़ खर्च कर 25 लाख ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंचाया जाएगा।
5846 अतिरिक्त गांव को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 20 हजार करोड़ से ज्यादा की 6 परियोजनाएं शुरू की जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्र के साथ शहरी क्षेत्र में पेयजल योजनाओं के लिए अमृत 2.0 योजना के तहत प्रदेश के 183 शहरों में 5 हजार 180 करोड़ से काम करवाए जाएंगे।
32 वाटर बॉडी का जीर्णोद्धार किया जाएगा।
6 हजार करोड़ रुपये नई सड़क परियोजनाओं पर होंगे खर्च
प्रदेश में 6000 करोड़ खर्च करके नई सड़क परियोजनाएं बनेंगी। इसमें बाईपास सड़कें और स्टेट हाईवे बनाए जाएंगे।
इसमें 9000 करोड़ रुपये की लागत से सड़कों का रिपेयर, रेलवे और ब्रिज, अंडर ब्रिज सड़क और पुलों के काम करवाए जाएंगे।
राजस्थान में 30 करोड़ की लागत से 2750 से अधिक किलोमीटर की लंबाई वाले 9 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे बनाने का बजट में प्रस्ताव
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गहलोत सरकार में कर्ज में डूबा राजस्थान
DECEMBER 31, 2023
RBI की रिपोर्ट की मानें, तो 2022-23 के दौरान राजस्थान का कर्ज बढ़कर 5,37,013 करोड़ हो गया है. जो एक साल पहले 4,58,089 करोड़ था. राजस्थान सरकार भी बॉन्ड बाजार में जा रही है. पंजाब के बाद ये प्रदेश देश में सबसे ज्यादा कर्ज में डूबा हुआ है.
5,37,013 करोड़ रुपया... गले तक कर्ज में डूबा है राजस्थान, क्या बंद हो जाएंगी जनकल्याणकारी योजनाएं ? BJP के सामने बड़ी चुनौती
Rajasthan Debt: अशोक गहलोत ने वरिष्ठ नागरिकों की वृद्धावस्था पेंशन में बढ़ोतरी की थी और हर साल 15 फीसदी बढ़ोतरी का
भाजपा सरकार के 10 संकल्प, कहा- राजस्थान को 350 बिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाना है
जयपुर. राजस्थान गले तक कर्ज में डूबा हुआ है. भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, 2022-23 में राज्य का कर्ज बढ़कर 5,37,013 करोड़ रुपये हो गया है. पंजाब के बाद राजस्थान देश का सबसे ज्यादा कर्ज वाला राज्य है. इस राज्य को कांग्रेस से जीतने के बाद राजस्व कैसे लाया जाए, यह बीजेपी सरकार के सामने अरबों डॉलर की चुनौती बनी हुई है. वित्तीय निहितार्थों के अलावा, मंत्रिमंडल की विलंबित घोषणा भाजपा के सामने एक और परीक्षा है.
सूत्रों का कहना है कि सबसे बड़ी चुनौतियां गृह और वित्त हैं, क्योंकि यही वो प्रमुख मुद्दे हैं, जिनके दम पर बीजेपी ने राजस्थान में वापसी की है. कानून-व्यवस्था से निपटना और घटता राजस्व अभी भी भाजपा के लिए चिंता का विषय है. चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेगिस्तानी राज्य के लोगों के लिए कई गारंटी की घोषणा की. उन्होंने कहा कि राजस्थान में डबल इंजन की सरकार सभी समस्याओं से अधिक कुशलता से निपटेगी.
हालांकि, राजस्थान में ये गारंटी कैसे पूरी होंगी, क्योंकि सरकार कमजोर वित्तीय प्रबंधन से जूझ रही है, क्या ये सवाल हर जगह पूछा जा रहा है? पिछली सरकार द्वारा शुरू की गई जनकल्याणकारी योजनाओं का क्या होगा? यह एक और सवाल है, जो घूम रहा है. हालांकि, मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने घोषणा की है कि राजस्थान में कांग्रेस द्वारा शुरू की गई जनकल्याणकारी योजनाएं रद्द नहीं की जाएंगी, लेकिन, अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि उन्हें कैसे लागू किया जाएगा.
चुनाव से कुछ महीने पहले, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में मुफ्त बिजली योजना शुरू की, जिसके तहत घरेलू ग्राहकों को 200 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाती है, जबकि किसानों को हर महीने 2,000 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाती है. यह मुफ्त बिजली योजना भाजपा सरकार को महंगी पड़ रही है और बिजली कंपनियां आर्थिक तौर पर बर्बादी के कगार पर हैं. घाटा 1.20 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का आंकड़ा छू चुका है. फिलहाल मुफ्त बिजली योजना से सरकार के खजाने पर सालाना 7,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ता है.
सूत्रों ने बताया कि नए मुख्यमंत्री ने पिछली कांग्रेस सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जारी रखने का वादा किया है, इसलिए इस घाटे को पूरा करना उनके लिए एक बड़ी चुनौती होगी. पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान राजस्थान में महंगे पेट्रोल और डीजल का मुद्दा उठाया था और उन्होंने कीमतें कम करने का वादा किया था क्योंकि अन्य भाजपा शासित राज्यों की तुलना में राजस्थान में पेट्रोल और डीजल 10-11 रुपये प्रति लीटर महंगे हैं.
कड़ी आलोचना के बावजूद भी गहलोत सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दाम कम नहीं किए, क्योंकि राजस्थान सरकार वैट से मोटी कमाई कर रही थी. 2021-22 और 2022-23 में राज्य सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर वैट से 35,975 करोड़ रुपये वसूले, जो देश के 18 राज्यों द्वारा वसूले गए 32,000 करोड़ रुपये के टैक्स से ज्यादा हैं. अब, नई सरकार को वादे के मुताबिक, पेट्रोल-डीजल के दाम दूसरे बीजेपी शासित राज्यों के बराबर लाने होंगे. मौजूदा आय की भरपाई कैसे होगी यह नई सरकार के लिए चुनौती होगी.
गहलोत अपनी चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का प्रचार कर रहे थे और उन्होंने पिछले बजट में बीमा राशि बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी थी. उनका चुनावी वादा था कि अगर कांग्रेस सरकार दोबारा सत्ता में आई तो राजस्थान के लोगों को 50 लाख रुपये का बीमा दिया जाएगा. वहीं, बीजेपी शासित राज्यों में 5 लाख रुपये का आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा मिलता है। यह भी सभी के लिए नहीं है, जबकि राजस्थान में चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ सभी को दिया जा रहा है. चिरंजीवी योजना पर फैसला लेना बीजेपी सरकार के लिए आसान नहीं होगा.
गहलोत ने वरिष्ठ नागरिकों की वृद्धावस्था पेंशन में बढ़ोतरी की थी और हर साल 15 फीसदी बढ़ोतरी का प्रावधान किया था. इससे राज्य पर सालाना 12,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा. फिलहाल, इस योजना में केंद्र सरकार का योगदान सिर्फ 367 करोड़ रुपये है. पीएम मोदी ने राजस्थान के 76 लाख परिवारों को उज्ज्वला योजना के तहत 450 रुपये में गैस सिलेंडर देने का वादा किया है. ऐसे में इस योजना के बाद राज्य सरकार पर 626.40 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, ऐसा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी का कहना है.
इन वित्तीय संकटों के अलावा, कानून और व्यवस्था भाजपा सरकार के लिए एक और बड़ी परीक्षा है, यही वह मुद्दा है जिसे पार्टी ने विधानसभा चुनाव अभियानों के दौरान सबसे अधिक उठाया था. दूसरा, नई सरकार को प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन के लिए भी ठोस योजना बनानी होगी क्योंकि राजस्थान पेपर लीक के लिए बदनाम है.
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