इंडी गठबंधन टूटा : हरियाणा में आप पार्टी कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लडेगी
- चंडीगढ़ संवाददाता सम्मेलन में आप नेताओं का ऐलान
- इंडी गठबंधन टूटा : हरियाणा में आप पार्टी कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लडेगी
- चुनाव पहले समझौता कर सकती है सत्ता के लिए कांग्रेस
- आप पार्टी हरियाणा की सत्ता में शामिल होनो चाहती है तो कांग्रेस उसे दूर रखना चाहती है
- आप पार्टी को अस्तित्व के लिए एक नई जीत की जरूरत
देश में दो राज्यों में यथा दिल्ली और पंजाब में राज्य सरकार चला रही आम आदमी पार्टी ने ऐलान किया है कि वह गठंबधन धर्म नहीं निभा कर, अब वह अपने बलबूते ही हरियाणा विधानसभा चुनाव अकेले के दम पर लड़ेगी। हलांकी आप पार्टी से पहले यह घोषणा कांग्रेस के जयराम रमेश भी कर चुके थे।
जबकि कांग्रेस और आम पार्टी का गठबंधन अभी लोकसभा चुनाव में हरियाणा, दिल्ली और गुजरात में था और पंजाब में दोनों दल एक दूसरे के सामनें चुनाव लड़े थे। जिसमें कांग्रेस नें बाजी मारी । इससे पहले दिल्ली के चुनाव भी अकेले लडनें की बात सामनें आ चुकी है। किन्तु अब हरियाणा विधानसभा चुनावों को लेकर स्पष्ट घोषणा हो गई है कि आम आदमी पार्ठी यह चुनाव बिना गठबंधन के लडेगी। यूं तो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से हाथ मिलानें का कोई फायदा आप पार्टी को दिल्ली और गुजरात में नहीं मिला था। उसे पंजाब में भी नुकसान उठाना पडा है। इसलिये प्रतीत होता है कि अपने अस्तित्व की रक्षा व अलग पहचान के लिये, अब आप पार्टी कांग्रेस से हाथ नहीं मिला कर स्वंय अकेले ही चलेगी।
हरियाणा कांटे की टक्कर में आप कांग्रेस का खेल बिगाड सकती है
2005 में कांग्रेस के भूपेन्द्र सिंह हृड्डा कांग्रेस से मुख्यमंत्री थे किन्तु 2014 में भाजपा नें कांग्रेस से हरियाणा छीन लिया उन्हे 90 में से 47 सीटें मिली जबकि 15 सीट पर ही सिमट गई थी। इसके बाद 2019 में लोकसभा चुनाव में विधानसभा वार भाजपा 44 पर आगे रही तो कांग्रेस 30 पर आगे रही और जननायक जनता पार्टी भी 10 पर आगे रही। जब 2019 में विधानसभा चुनाव हुये तो भाजपा भाजपा 40 सीट जीत पाई और 31 पर कांग्रेस और 10 पर जननायक जनता पार्टी जीती और भाजपा सरकार फिर से रिपीट हुई। अब 2024 लोकसभा में एक बार फिर भाजपा 44 पर आगे है, तो कांग्रेस 42 पर और आप पार्टी 4 पर आगे है। किन्तु आप पार्टी हरियाणा चुनाव अलग होकर लड रही है और वह दोनों ही दलों के वोट काटेगी किन्तु उसका बेसिक वोट कांग्रेस कल्चर का ही है। इससे स्पष्ट है कि उसके अलग डनें से कांग्रेस को नुकसान होगा । वह कांग्रेस का संभावित सत्ता में आनें का खेल बिगाड़ सकती है।
हरियाणा में आप पार्टी से गठबंधन कांग्रेस नें ही तोड़ा है,कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश नें जुलाई में ही कह दिया था कि आप और कांग्रेस का समझौता केवल लोकसभा चुनाव के लिए था। उन्होंने कहा था कि विधानसभा चुनाव के लिए समझौते की गुंजाइश कम ही है। इसका कारण यह भी है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और आप पार्टी मिल कर लडे थे, यह दूसरी बात है कि कांग्रेस 9 और आप पार्टी 1 सीट पर चुनाव लडे थे और कांग्रेस पांच सीटें जीत गईं वहीं आप चुनाव हार गई उसे कोई फायदा नहीं हुआ। हरियाणा में लोकसभा चुनाव में भाजपा 44 विधानसभा क्षेत्रों में आगे रही वहीं कांग्रेस और आप मिल कर 46 सीटों पर आगे रही है। इससे कांग्रेस उत्साहित है और वह आप पार्टी के साथ हरियाणा का बंटवारा नहीं चाहती है। कुल मिला कर कांग्रेस के मन में ही बेईमानी आई कहा जा सकता है कि वह हरियाणा में आपको कोई जगह नहीं देना चाहती है।
आम आदमी पार्टी (आप) ने चण्डीगढ़ में प्रेस करके कहा है कि वो हरियाणा विधानसभा चुनाव अकले लड़ेगी और इसी के साथ अपना चुनावी कैंपेन शुरू किया है। इस अवसर पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि आप पूरी ताकत से हरियाणा विधानसभा का चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब और दिल्ली में हमारी सरकार है हरियाणा आधा दिल्ली तो आधा पंजाब से टच करता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी हरियाणा के ही रहने वाले हैं। आप के इस कदम से हरियाणा विधानसभा के चुनाव त्रिकोणीय हो सकते हैं। राज्य में इस साल अक्तूबर में विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं।
इस दौरान आप के महामंत्री (संगठन) संदीप पाठक ने कहा कि आप हरियाणा में ऐसा चुनाव लड़ेगी कि दुनिया देखेगी। आज से पहले ऐसा द्वन्द ना हुआ होगा, ना ही होगा। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में अपनी सरकार बनाने के लिए चुनाव मैदान में उतरेगी आप 20 जुलाई को टाउनहाल का आयोजन कर केजरीवाल की गांरटी लॉन्च करेगी।
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