संपूर्ण एकजुटता से मोदीजी को ताकत देनी होगी - अरविन्द सिसोदिया



एक कहावत है बंदर के हाथ में उस्तरा देना खतरनाक होता है, यह हमनें 18 वीं लोकसभा के सदन में प्रत्यक्ष टीवी पर देखा कि किस तरह से सदन की मर्यादाओं की खिल्लियां उडाईं गईं। देश को मजाक बना कर रख दिया। बहूमतसुदा गठबंधन को बेइज्जत किया गया और तीसरीबार हार चुकी कांग्रेस और उसके गठबंधन को इस तरह प्रोजेक्ट किया गया मानों वे बहूमत में हों। कांग्रेस की यही असहस्णुता भारतीय लोकतंत्र को सबसे बडा खतरा है।

         ये वही लोग हैं जिन्होने भारत को भारत माना ही नहीं, अपनी जागीर या अपनी सम्पत्ती मात्र समझा, देश को विभाजन इस तरह कर दिया जैसे कोई कपडा फाड दिया जाता हो। देश के विभाजन का दर्द कांग्रेस को कभी नहीं हुआ, क्यों कि उसे भारत नहीं सत्ता के लिये एक जमीन का टुकडा चाहिये था। नेहरू जी के प्रधानमंत्री बनने की कीमती 20 लाख के लगभग लोगों की बेवजह मौत.. करीब करीब 1.5 करोड़ लोगों के घर छूठ गये। 

चीन को तिब्बत इस तरह दे दिया जैसे उसका भारतीय संसकृति से कोई लेना देना ही नहीं है, शंकर भगवान का घर कैलाश चीन को सौंपने वाले नेहरूजी और उनकी कांग्रेस को शंकर भगवान की तस्वीर पकड़ने का कोई अधिकार नहीं। आजादी से पहले जब तिब्बत स्वतंत्र था तब ब्रिटेन ने उसे पूरा संरक्षण दिया था, भारत से जोड़ कर रखा था और कभी चीन के पास जानें को नहीं कहा था। नेहरूजी के सम्यवादी प्रेम की बली पर तिब्बत और कैलाश मानसरोवर चढ़ गये।

जिस नेहरू वंश के लोगों को लगता है कि भारत उनकी सम्पत्ती है वे उसके प्रति अपने स्वामित्व भाव से बाहर नहीं निकल पाते । जवाहरलाल नेहरू नें सरदार वल्लभ भाई पटेल, सुभाषचंद्र बोस और डॉ राजेन्द्र प्रसाद को कभी सहन नहीं किया। इन्दिरा गांधी नें न केबल हिन्दू संतों पर गोलियां चल बाईं, स्वर्णमंदिर पर सैन्य कार्यवाही करवाई बल्कि जब सत्ता के लिये जयप्रकाश नारायण की चुनौती सामनें आई तो पूरे विपक्ष को जेल में डाल दिया। राजीव गाँधी का कालखंड सिख नरसंहार के और श्रीलंका में तमिल नरसंहार के लिए कुख्यात है।

सोनिया गांधी ने भी सीताराम केसरी को पार्टी के दफतर से बाहर फिकवा दिया और तमाम बहूसंख्यकों को गुलाम बनानें के लिये साम्प्रदायिक हिंसा प्रतिषेध बिल लेकर आईं। जो संविधान विरोधी होनें से कानून नहीं बन सका।

राहुल गांधी की सुबह भारत के हिन्दू समाज के ओबीसी वर्ग के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को गालियों देंनें से प्रारम्भ होता है। अगर अगली एमरजेंसी देश नहीं देखना चाहता हो, कांग्रेस विरोधी दलों को बिना अपराध के जेल यात्रा नहीं करनी हो, हिन्दूओं को आगे सम्मान से जिन्दा रहना हो, तो नरेन्द्र मोदी जी का साथ इतनी ताकत से दें कि कांग्रेस फिर हांसिये पर पहुंच जाये । अन्यथा राहुल गांधी नें अभी तो लोकसभा को बंधक जैसा बना लिया था, वह लोकसभा में उपद्रव से कम नहीं था। उसने खुल कर भाजपा के 35 करोड़ वोटरों को सदन से डराया धमकाया ! वे भूल से भी सत्ता के करीब पहुंच गये तो पूरे देश को नया आापातकाल भुगतना पडेगा और वे देश को हिंसा का मैदान और जेल खाना बना देंगे ।

अभी संपूर्ण एकजुटता से मोदीजी को ताकत देनी होगी - अरविन्द सिसोदिया 
चुनाव परिणाम में एनडीए का शानदार प्रदर्शन रहा, भाजपा का भी शानदार प्रदर्शन है। आम चुनाव में पूर्ण बहूमत के साथ - साथ तीन स्टेटों में राज्य सरकारें भी बनीँ हैँ। फिर भी सार्वजनिक बयान बाजी का कोई ओचित्य नहीं है। लगातार तीसरी बार जो प्रदर्शन मोदी सरकार नें किया वह वर्तमान परिस्थितियों में अन्य किसी से भी संभव नहीं है। कमी यही रही की अकेले के पूर्ण बहूमत से 32 सीटें दूर रहे, ये सीटें अब न बयानों से, न सुझावों आने वाली। 

जीत के सौ हकदार और हार का कोई नहीं गुनहगार...! यह बहुत ही कड़वा सच है। सीटें कम हुईं इसका मंथन अंदर हो, अपने घर में हो। सिर्फ मंथन से नहीं उन कमियों को दूर करने के वास्तविक कार्य भी हों। सभी कमियों को लिपिबद्ध कर उनका निस्तारण होना चाहिए। 

जरूरत इस बात की है कि वर्तमान में हिंदुत्ववादी मोदीजी की सरकार में, मोदीजी के नेतृत्व में कमियां खोजने के बजाए... उन झूठों का पर्दाफास कीजिये जो हिन्दू विरोधी होनें के साथ साथ अनैतिक थे, आपराधिक भी थे और गैरकानूनी भी थे। जिनने इस देश के हिन्दुत्व को विभक्त किया, प्रलोभीत भी किया।

राहुल - अखिलेश - इंडी गठबंधन लगातार झूठ बोल रहा था, कि प्रत्येक महीनेँ हर महिला के खाते में आएंगे 8500 रूपये, खटाखट खटाखट खटाखट....! क्या यह संभव था ? देश में 65 करोड़ के लगभग महिला वर्ग है, इतनी राशि न कांग्रेस कार्यालय में, न सपा के कार्यालय में, न देश के बेंकों में....! यह राशि कभी दी ही नहीं जा सकती थी, इतनी राशि कहां से आएगी ? इस राशि को कौन जुटायेगा....? इस झूठ पर बड़ी बहस होनी चाहिए, इसे पूरी क्षमता से एक्सीपोज किया जाना चाहिए था । कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों से पूछा जाये कि इस तरह का असंभव प्रलोभनवादी झूठ, चुनाव प्रचार में कैसे उपयोग किया और इसके विरुद्ध क्यों न कार्यवाही की जाये। 

मोदीजी ने तो बहुत कोशिश की कि इस झूठ को जनता समझे मगर जनता को भी मुफ्त की आदत लग गईं है।

इसी तरह यह भी फैलाया गया कि अमीरों कि धन दौलत छीन कर गरीवों में बाँट दी जायेगी, कांग्रेस घोषणापत्र का यह संदेश था। यह कभी संभव नहीं हो सकती, मगर इस झूठ को जम कर फैलाया गया।

इसी तरह संविधान बदलने का झूठ फैलाया, आरक्षण समाप्त करने का झूठ फैलाया।

सबसे बड़ा झूठ मोदीजी 73 के हो गये 75 में वे पद छोड़ देंगे और मोदीजी के बाद अमित शाह प्रधानमंत्री बनेंगे आरहे.....योगीजी को हटा देंगे......।  यह झूठ  संभवतः यूपी के गले उतर गया....!  भाजपा में फूट डालो, हिन्दू समाज में फूट डालो और कांग्रेस का राज बनाओ.... के लिए यह झूठ जिसे केजरीवाल के खूब प्रचारित किया।

हिन्दुओं के उत्साहवर्धन के लिए जो कार्य मोदीजी की केंद्र सरकार नें किए वह भविष्य में कभी हो पाएंगे यह नहीं दिखता है। हिन्दू इसके वाबजूद फ़िर भी भ्रमित हुआ तो इससे कोई भी हिंदुत्ववादी कैसे बच सकता हैँ। यह सामूहिक जिम्मेवारी है कि हिन्दू एक जुट रहे और हिन्दुत्व के पक्ष में रहें । मुझे कई बार यह लगता है कि हिन्दुओं के शिक्षण के लिए बहुअयामी ठोस उपाय करने होंगे।

कांग्रेस राज में ही मणिपुर की हिंसा उभरी थी, उनके समय पूरा पूर्वांचल ही हिंसाग्रस्त रहता था। मोदीजी की सरकार में 9 साल सब कुछ ठीक ही रहा, शान्ति रही। वहाँ ईसाई आदिवासी, हिन्दू आदिवासीयों को परेशान करते हैँ, यह झगड़ा दशकों से है और इसमें विदेशी मिशनरियां पार्ट अदा करती हैँ। यह दशकों से चली आरही समस्या मोदीजी की सरकार के विरुद्ध पुनः चुनाव हेतु प्रयोजित की गईं है, यही पंजाब में भी किसान आंदोलन की आड़ से किया गया। इसे ठीक होनें में फिर से दसकों लगेंगे। मगर हिंसा के अपरोक्ष प्रयोजक अपना चुनावी मकसद हल करने में सफल रहे। उन्होंने वहाँ भाजपा को हरा दिया। मणिपुर और पंजाब ही नहीं यह सब अलग - अलग तरीके से पूरे देश में हुआ और आगे और अधिक होगा। क्योंकि यह संवेधानिक खामीयां है और कमजोर कानून है।

देश में जब विदेशी शक्तियों और विपक्ष की सांठगाठ से षड्यंत्र चला रहे हों तो उन्हें तमाम कोशिशों के बाद भी समाप्त नहीं किया जा सकता। समय ही इसका इलाज होता है। पंजाब में खालिस्तान बनाने का षड्यंत्र कमसे कम 80 साल पुराना है, वर्तमान में कनाडा और अमेरिका की धरती से चल प्रयोजित हो रहा है। पाकिस्तान और चीन का भरपूर सहयोग उन्हें मिल रहा है। देश के अंदर भी कुछ राज्य सरकारें अपरोक्ष मदद कर रहीं हैँ। कुछ दल इनके सहयोगी बने हुए हैँ। पूरी दुनिया में सिख हिन्दुओं के स्थानों पर आक्रमण कर रहे हैँ। अभी इटली में महात्मा गाँधी की उस प्रतिमा को तोड़ दिया गया, जिसका उद्घाटन मोदीजी करने वाले थे। खालिस्तान समर्थकों को ईसाई देशों में जानबूझ कर संरक्षण दिया जा रहा है। भारत को अंदर से तोड़ने के षड्यंत्र सार्वजनिक तौर पर सरेआम चल रहे हैँ। भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशाअल्लाह इंशाअल्लाह ¡ इसके लिए हम षड्यंत्रकर्ता के बजाए अपने निर्दोष और बहादुर प्रशासक मोदीजी को कैसे दोष दे सकते हैँ।

पूरे देश में हिन्दुओं को विभाजित करने का षड्यंत्र चल रहा है। पूरी ताकत से चल रहा है। यहाँ तक की भाजपा के पक्ष के हिन्दुओं को डराने धमकाने और जान से मारने तक की हिंसा सामने आरही है। हैदराबाद में बहुत से बूथों पर हिन्दुओं की ऊँगली पर स्याही तक लगी मगर वोट अंदर मौजूद गुंडे किसी दूसरे के डाल रहे थे ।  केरल, तमिलनाडु और बंगाल में सरकारी संरक्षण में हिन्दुओं को डराया धमकाया गया। 

संघ यूँ तो राष्ट्रीय भावनाओं का संगठन है राष्ट्र प्रथम के भाव से काम करता है। मगर उसे हिन्दू संगठन ही माना जाता है। कांग्रेस के निशाने पर दो ही नाम हैँ मोदी और संघ। कांग्रेस ही क्यों ईसाई मिशनरियों के निशाने पर भी मोदी और संघ, आतंकी संगठनों के निशाने पर भी मोदी और संघ, वामपंथियों के निशाने पर भी मोदी और संघ ¡ 

संघ एक विराट वट वृक्ष है, भाजपा उसी के आशीर्वाद से उत्पन्न हुईं है। उसी के एक सामान्य स्वयंसेवक अटलजी थे, उसी के सामान्य स्वयंसेवक मोदीजी हैँ। संघ को अधिकार है की वह  रोके - टोके और सही रास्ता दिखाए। भाजपा में सभी संघ का आदर करते हैँ। संघ मातृ संगठन है उसे मां जैसा अधिकार भाजपा पर है। भाजपा संघ से अलग होनें की कल्पना भी नहीं कर सकती। कोई इस तरह का सोचता भी है तो वह उसका व्यक्तिगत सोच ही हो सकता है, संगठनात्मक नहीं।

परिणामों के बाद..... आत्मनिरीक्षण एक सामान्य प्रक्रिया है.... सभी करते हैँ, सभी के मन में कुछ न कुछ आता है और फिर निर्णय लेकर सामने दिख रहे लक्ष्यों की और बड़ चलते हैँ। अब लक्ष्य 2029 में भाजपा की पूर्ण बहूमत सरकार ही है।

कड़वा सच यह है कि हिंदुत्व अपने बजूद को बचानें का संघर्ष कर रहा है। विश्व इतिहास है कि जंगली जातियों ने सभ्य जातियों को समाप्त कर दिया। हिन्दू भी एक सभ्य समाज है, यह उसकी कमजोरी भी है। 

किन्तु हिन्दू पर पुरुषार्थ भी है यह उसकी ताकत है उसकी अमरता है इसलिए हिंदुत्व आज तक समाप्त नहीं हो सका! वहीं यह सामाजिक आवश्यकता है कि समस्त हिंदू एक जुट होकर अपनी सुरक्षा करें, हिंदुत्व का संरक्षण करें, हिंदुत्व के बर्चस्व को आगे बढ़ाये, हिंदुत्व को अग्रज और नायक हमेशा बनाए रखें!

 इसके लिए हिंदू को हमेशा जागृत रहना होगा, हिंदू को हमेशा एकजुट रहना होगा, हिंदू को जो समाप्त करने वाली शक्तियां हैं उनके सच को पहचानना होगा, सब से महत्वपूर्ण बात यह है कि हिंदूओं में फूट डालो राज करो अभियान के अंतर्गत जितने भी षड्यंत्र चल रहे हैं उन्हें प्रखरता से ओजस्विता से तेजस्वीता से बेनकाब करना होगा उन्हें विफल करना होगा।

जैसे 8500 महीने प्रति माह नहीं दिए जा सकते यह एक झूठ है, एक ठगी है यह बार-बार बताना होगा।

संविधान कभी नहीं बदला जा सकता, आरक्षण कभी समाप्त नहीं किया जा सकता, यह विश्वास हमें ही पैदा करना होगा।

इसी तरह के अनेकों प्रश्न है जिनका स्थानीय स्तर पर ही प्रखरता से समाधान होना है और स्थानीय स्तर पर प्रखर कार्यकर्ताओं की टोली समृद्ध करनी ही होगी। निश्चित रूप से विदेशी ताकतों से बडी लड़ाई की आरपार है और उसमें हमें जीतना है।जीतने के लिए स्थानीय स्तर पर उन्हें प्रशिक्षित करना होगा, सवालों के जबाब बताने होंगें, मज़बूत कार्यकारी तंत्र की जरूरत है। जिसकी कमी स्पष्ट महसूस हो रही है।

आज हमारे हिन्दुत्व के नायक मोदीजी हैं, कल कोई और होगा, परसों कोई और होगा, निरंतर पुरुषार्थपूर्ण विजेता हमें ही रहना होगा .... विनाश के ढेर पर बैठे विश्व को..... भारत के हिंदुत्व को ही नायक बन कर शान्ति और सदभाव देना है , यही वर्तमान समय की आवश्यकता भी है। याद रहे व्यवस्था हमेशा बलबान कोमें ही बनाती हैँ। इसलिए बलबान ही रहना होगा।

हिन्दू एकता ही एकमेव रास्ता।

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

"जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है"।

वास्तविक "रघुपति राघव राजा राम " भजन Original "Raghupati Raghav Raja Ram" Bhajan

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग

कर्मचारी 48 घंटे पुलिस रिमांड अथवा जेल में तो निलंबित, तो मुख्यमंत्री क्यों नहीं ?- अरविन्द सिसौदिया APP Arvind Kejriwal

भगवान कृष्ण का जलवा पूजन : डोल ग्यारस

कालजयी संस्कृति को समाप्त करनें का षडयंत्र अब रोकना होगा - अरविन्द सिसौदिया

जीवन मे कुछ करना है तो, मन को मारे मत बैठो