वास्तविक धर्मपथ - अरविन्द सिसोदिया Vastvik Dharmpath
आस्तिक , नास्तिक और वास्तविक धर्मपथ - अरविन्द सिसोदिया अभी तक धर्म के प्रति मनुष्यों का स्वभाव आस्तिक और नास्तिक माने जाते हैं । ज्योतिषी भी जातक के नास्तिक और आस्तिक होने की भविष्यवाणी करते हैं । किंतु सत्य इससे भी ऊपर है । आस्तिक ईश्वर में विश्वास करता है उसकी पूजा अर्चना करता है । नास्तिक ईश्वर को मानता ही नहीं है , वह ईश्वर नहीं होने की बात करता है । साम्यवादी लोग ईश्वर को नहीं मानते ।किन्तु वास्तविकता इससे अलग है ईश्वर है और उसका ईश्वरीय शासन पूरी तरह से वैज्ञानिक पद्धति से चलता है । हम ईश्वर की वैज्ञानिक गतिविधियों को चमत्कारी स्वरूप में महसूस करते हैं । इसीलिये ईश्वर के वास्तविक स्वरूप को स्वीकारने के लिए हमें वास्तविक धर्मपथ को स्वीकारना होगा । जिसमें सॉफ्टवेयर भी है , हार्डवेयर भी है , एनर्जी भी है , इंटरनेट भी है , वाई फाई भी है , हार्ड डिस्क भी है , रेम भी है रोम भी है , सर्च इंजन है , कैमरा है , 1 g से लेकर 16 g तक के शरीर हैं जिन्हें अवतारवाद में कलाओं के कारण चमत्कारी स्वरूप होता है यब मूलतः क्षमताओं का विकास है । 16 कला धारी शरीर सर्वोच्च होता है और सब कुछ ऑ