केजरीवाल पार्टी टूटनें से बचने के लिये क्या पत्नि को मुख्यमंत्री बनायेंगे ? AAP Arvind Kejriwal

 

केजरीवाल पार्टी टूटनें से बचने के लिये क्या पत्नि को मुख्यमंत्री बनायेंगे ? 

आम आदमी पार्टी के मुखिया नें अपने अनैतिक मुख्यमंत्री पद को ठोडनें में बहुत देर करदी , वे भारत के पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्होनें मुख्मंत्री पद की गरिमा को हलाल किया है। वे लगातार महीनों महीनों मुख्यमंत्री जैसे गरिमापूर्ण पद के साथ अनैतिकता करते रहे। अहुत देर बाद उन्होनें मुख्यमंत्री पद ठोडनें का फैसला महज इसलिये लिश है कि सर्वोच्च न्यायालय नें उन्हे मुख्यमंत्री के कार्य करनें से पूर्णतः न केबल रोका बल्कि एक अपराधी जैसा ही माना है। अर्थात मजबूरी में वे पद ठोडनें के फैसले पर आये है।

केजरीवाल जब पद छोड़  दें तब ही यह माना जायेगा कि उन्होनें पद छोड़  दिया है। क्यों कि जिस तरह उन्होनें जेल में रहते हुये भी पद बनाये रखा और कई अहम मौकों पर पत्नि सुनीता को आगे रखा , इससे यही प्रतीत होता है कि वे विधायकदल की बैइक में पुनः मुख्यमंत्री बन सकते है। अथवा अपनी पत्नि को मुख्यमंत्री बना सकते हैं। हालांकि पूरा ड्रामा सहानुभूति बटोरने का है , क्योंकि कुछ महीनों बाद ही दिल्ली के चुनाव हैं ।

क्यों कि यदि दिल्ली का मुख्यमंत्री कोई अन्य व्यक्ति बनता है तो यह आप पार्टी के टूटनें की प्रक्रिया होगी। जिस तरह हेमन्त सोरन की पार्टी में हुआ। हेमन्त जब जेल गये तो चम्पई सोरेन को मुख्यमंत्री बना कर गये थे, जैसे ही हेमन्त बाहर आये तो वे पुनः मुख्यमंत्री बन गये और चम्पई सौरन उपेक्षाऔं के पहाड तले दब गये और अन्ततः उन्हे भाजपा का दामन थामना पडा ।

जहां मनीष सीसौदिया भी मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे यह घोषणा भी बहुत कुछ इशारा करती है। वहीं चुनावों में स्टार प्रचारकों की लिस्ट में प्रथम नाम अरविन्द केजरीवाल है तो दूसरा नाम सुनीता केजरीवाल होता है । जबकि उनके पार्टी में वैसा सक्रिय योगदान नहीं है । यह आप पार्टी का परिवारवाद की तरफ बढ़नें का सबूत है ।


अरविन्द केजरीवाल झारखण्ड वाली कहानी आप पार्टी में नहीं दोहरायेंगे यह प्रतीत हो रहा है। या तो वे पुनः अपने आपको मुख्यमंत्री चुनावा सकते हैं अथवा पत्नि सुनीता केजरीवाल को मुख्यमंत्री चुनावा सकते है। फिलहाल यह नहीं लगता केजरीवाल किसी तीसरे व्यक्ति पर भरोषा करेगे। ---------------------

कर्मचारी 48 घंटे पुलिस रिमांड अथवा जेल में तो निलंबित, तो मुख्यमंत्री क्यों नहीं ?

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कर्मचारी 48 घंटे पुलिस रिमांड अथवा जेल में तो निलंबित, तो मुख्यमंत्री क्यों नहीं ?

नोट - अगर कर्मचारी 48 घंटे से ज्यादा पुलिस हिरासत में रहता है तो विभाग उसे निलंबित कर देता है। और कोर्ट द्वारा सजा हो जाने पर नौकरी समाप्त हो जाती है।

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