देश विरोधी मन्तव्यों से जनतम को सावधान रहना चाहिये - अरविन्द सिसौदिया anti-national
देश विरोधी मन्तव्यों से जनतम को सावधान रहना चाहिये - अरविन्द सिसौदिया
देश के बाहर जाकर राहुल गांधी क्या बोलेंगे , दुनिया यह जानती हो या न जानती हो मगर भारत में लगभग हर व्यक्ति यह समझता है । यहां तक कि कांग्रेस में भी ज्यादातर लोग यह समझते हैं कि राहुल गांधी क्या बोलेंगे!
इसलिये यह न तो आश्चर्य की बात है न ही सीरियस लिये जानें की बात है, क्यों कि यह उनकी आदत का हिस्सा है।
जरूरत इस बात की है कि उन्हे समझा जाये कि वे क्या हैं और क्या चाहते है। इससे देश को सावधान करना चाहिये। यह भारत के तमाम देश भक्तों का कर्त्तव्य है।
भारत एक उभरती हुई महाशक्ति है, आर्थिक रूप से और सामरिक रूप से, इसे रोकनें की तमाम कोशिशें होंगी। वे ताकते जो आज आर्थिक महाशिक्तियां हैं अथवा सामरिक महाशक्तियों हैं, उन्हे यह कतई अच्छा नहीं लगेगा कि भारत उनके बराबर खडा हो। कल तक जो देश उनके सामनें सिर झुकाये खडा रहता था, जिस पर वे कृपा करते थे, वही देश भाजपा सरकार के प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी के कारण परमाणु शक्ति बना और भाजपा सरकार के ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कारण आर्थिक और वैज्ञानिक महाशक्ति बन रहा है। आज विश्व की प्रथम पंक्ति के पांच देश हैं तो उनमें से एक भारत है।
राहुल गांधी क्या कहते हैं, सेम पित्रौदा क्या कहते हैं , अमेरिकन धनपति जोर्ज सोरस या चीन क्या कहता है, कांग्रेस पार्टी किस तरह की प्रतिक्रियायें व्यक्त करती है, उनके मन्तव्य क्या हैं, देश को नुकसान क्या है,किन ताकतों को इन सब से लाभ मिलनें वाला है। इन तथ्यों से देश को अधिकतम परिचित करवाना राष्ट्रहित चिन्तन का कर्त्तव्य है। इन्हे समझनें की जरूरत है कि कौन किसे फायदा पहुंचा रहा है, टूलकिट क्या है, किसे किस मन्तव्य से खडा किया जा रहा है। जब षडयंत्र चल रहे हें तो उन्हे समझना और देश को सावधान करना व सावचेत रखना , सरकारों का काम है।
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People should be cautious of anti-national intentions - Arvind Sisodia
The world may or may not know what Rahul Gandhi will say outside the country, but almost every person in India understands this. Even in Congress, most people understand what Rahul Gandhi will say!
So this is neither surprising nor something to be taken seriously, because this is part of his habit.
What is needed is to understand him as to what he is and what he wants. The country should be alerted about this. This is the duty of all the patriots of India.
India is an emerging superpower, economically and strategically, there will be many attempts to stop it. Those powers which are today economic superpowers or strategic superpowers will not like it at all that India stands at par with them. The country which used to stand before him with its head bowed till yesterday, on which he showered his favour, the same country became a nuclear power due to the Prime Minister of the BJP government Atal Bihari Vajpayee and is becoming an economic and scientific superpower due to the Prime Minister of the BJP government Narendra Modi. Today, if there are five first-line countries in the world, one of them is India.
What does Rahul Gandhi say, what does Sam Pitroda say, what does American billionaire George Soros or China say, what kind of reactions does the Congress party express, what are their views, what is the loss to the country, which forces are going to benefit from all this. It is the duty of those thinking about national interest to make the country as familiar with these facts as possible. They need to understand who is benefiting whom, what is the toolkit, who is being pitted with what intention. When conspiracies are going on, it is the job of the governments to understand them and to alert and keep the country cautious.
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'भारत जोड़ो यात्रा से मोहब्बत और भाईचारे की राजनीति शुरू हुई', अमेरिका में बोले कांग्रेस नेता राहुल गांधी
Rahul Gandhi News: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि भारतीय राजनीति में नफरत का माहौल है। भारत जोड़ो यात्रा के जरिए मोहब्बत और भाईचारे की राजनीति शुरु हुई। राहुल ने देश में रोजगार की समस्या का भी मुद्दा उठाया।
'भारत जोड़ो यात्रा से मोहब्बत और भाईचारे की राजनीति शुरू हुई', अमेरिका में बोले कांग्रेस नेता राहुल गांधी
चीन ने प्रोडक्शन पर ध्यान दिया है- राहुल गांधी।
भारत में मैनुफैक्चरिंग की स्थिति ठीक नहीं- गांधी।
यात्रा मे मेरे राजनीति का तरीका बदला- कांग्रेस नेता।
एएनआई, नई दिल्ली। Rahul Gandhi News: लोकसभा में नेता प्रतिक्षा राहुल गांधी तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा पर रविवार को टेक्सास के डलास पहुंचे। यहां उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के स्टूडेंट्स को भारत की राजनीति, इकोनॉमी और भारत जोड़ो यात्रा पर चर्चा की।
भारत जोड़ो यात्रा ने मुझे बदल दिया
उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा ने मेरे काम के प्रति सोचने के तरीके को मौलिक रूप से बदल दिया। इसने राजनीति को देखने के मेरे नजरिए, हमारे लोगों को देखने के मेरे नजरिए, उनके साथ संवाद करने और उनकी बात सुनने के मेरे नजरिए को बदल दिया है।
राहुल गांधी ने कहा कि इस यात्रा में कई लोग शामिल थे। देश की राजनीति में नफरत का मौहाल है, लेकिन भारत जोड़ो यात्रा के जरिए प्रेम की राजनीति की शुरुआत हुई। उन्होंने रोजगार की समस्या को प्रमुख मुद्दा बताते हुए कहा कि देश ने उत्पादन पर ध्यान नहीं दिया।
राहुल गांधी ने उठाया रोजगार का मुद्दा
कांग्रेस सांसद ने कहा, 'चीन ने अपने देश में उत्पादन पर ध्यान दिया। वहां रोजगार की समस्या वहां इसलिए नहीं है। भारत में अधिकांश चीजें मेड इन चाइना है। चीन की नीति उसे रोजगार देने में सफल बनाती है।'
राहुल ने कहा कि 25 लोगों का 16 लाख करोड़ रुपये का बैंक कर्ज माफ कर दिया गया है। इतने पैसे से इंडस्ट्रीज खड़ी हो सकती थी। जब हम कर्ज माफी की बात करते हैं, तो मीडिया हमसे सवाल पूछती है, लेकिन जब 16 लाख करोड़ रुपये माफ किए जाते हैं, तो कोई सवाल नहीं उठता।
सुनना बोलने से ज्यादा जरूरी
छात्रों से संवाद के दौरान राहुल गांधी ने राजनीति में सुनने की अहमियत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सुनना बोलने से कहीं ज्यादा जरूरी है। लोगों को समझने के लिए सुनना जरूरी है। हर मुद्दे को उठाना जरूरी नहीं है, बल्कि उन मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए जो जनता को प्रभावित करते हैं।
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September 9th 2024
'ग्लोबल प्रोडक्शन पर चीन का कब्जा...',विदेशों में राहुल का सरकार विरोधी बयान; किए ड्रैगन के गुणगान
राहुल गांधी ने टेक्सास में यूनिवर्सिटी के छात्रों से चर्चा में एक बार फिर राहुल गांधी ने विदेश में चर्चा के दौरान देश की सरकार के विरोध में बयानबाजी की है।
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विदेशों में राहुल का सरकार विरोधी बयान; किए ड्रैगन के गुणगान | Image:
Rahul Gandhi Praises China in Texas: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी 3 दिनों की अमेरिका यात्रा पर हैं। इस दौरान पहले दिन वो टेक्सास के डलास में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के छात्रों से बातचीत की। इस बातचीत में राहुल गांधी ने भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था सहित अपनी भारत जोड़ो यात्रा पर चर्चा की। एक बार फिर राहुल गांधी ने विदेश में चर्चा के दौरान देश की सरकार के विरोध में बयानबाजी की है। राहुल गांधी ने चीन की तारीफ करते हुए वहां की तुलना भारतीय रोजगार से की। राहुल गांधी ने भारत में रोजगार को सबसे बड़ी समस्या बताया।
वैसे ये कोई पहला मौका नहीं है जब राहुल गांधी ने विदेशों में जाकर ऐसी बातें कहीं हों। इसके पहले भी वो विदेशों में जाकर भारत सरकार पर हमला बोलते रहे हैं। उन्होंने छात्रों से बातचीत में बताया कि भारतीय राजनीति में नफरत का माहौल है, लेकिन भारत जोड़ो यात्रा के साथ उन्होंने भाईचारे की सियासत की शुरुआत की है। राहुल गांधी ने देश में बेरोजगारी को सबसे बड़ी समस्या बताते हुए कहा कि इसी वजह से देश के प्रोडक्शन पर ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है।
राहुल गांधी ने चीन की तारीफ की
टेक्सस में छात्रों से बातचीत करते हुए राहुल गांधी ने चीन की तारीफ की। उन्होंने चीन का उदाहरण देते हुए कहा, 'चीन ने अपने यहां उत्पादन पर ध्यान दिया है, यही वजह है कि वहां पर बेरोजगारी की समस्या नहीं है। वहीं भारत में प्रोडक्शन के लिए चीन पर निर्भर रहना पड़ता है वहां पर अधिकतर चीजें 'मेड इन चाइना' की होती हैं। इसी वजह से चीन अपने लोगों को रोजगार देने में सफल रहता है।'
Global Production में चीन भारत से कहीं आगेः राहुल गांधी
राहुल गांधी ने चीन की तारीफ करते हुए आगे कहा कि आज, चीन ग्लोबल प्रोडक्शन में पूरी दुनिया में सबसे आगे है और भारत से उसका कोई मुकाबला नहीं है। राहुल गांधी ने आगे कहा कि भारत, यूरोप के कई देशों सहित अमेरिका ने भी अब खुद के प्रोडक्शन के विचार छोड़ दिए हैं और ये काम अब वो चीन के भरोसे कर रहे हैं। प्रोडक्शन का काम एंप्लाइमेंट जनरेट करता है। यहां भारत को एक बार फिर से प्रोडक्शन के महत्व को समझने की कोशिश करनी होगी कि ये हमारी बुनियादी जरूरत है।
भारतीय बिजनेसमैन के कर्जमाफी पर राहुल ने उठाए सवाल
राहुल गांधी ने इस दौरान भारत में बड़े पैमाने पर व्यापारियों को भारत सरकार द्वारा दी गई कर्जमाफी पर भी सवाल उठाए हैं। राहुल गांधी ने भारतीय व्यापारियों के भारत सरकार द्वारा कर्जमाफी पर कहा, 'भारत सरकार ने देश के 25 लोगों का 16 लाख करोड़ रुपए का बैंक लोन माफ कर दिया है। इतने रुपयों से तो कई इंडस्ट्री तैयार हो सकती थी, लेकिन जब हम देश में कर्जमाफी की बात करते हैं तो मीडिया हमसे सवाल करता है। वहीं भारत सरकार द्वारा इतनी बड़ी मात्रा में महज 25 लोगों की कर्जमाफी पर कोई सवाल नहीं उठाया गया।'
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