अमेरिका को दो टूक, जासूसी कतई स्वीकार नहीं - भारत
भारत की अमेरिका को दो टूक, जासूसी कतई स्वीकार नहीं नई दिल्ली, एजेंसी 31-07-2014 भारत ने आज अमेरिका से दो टूक शब्दों में कहा कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों द्वारा भारत में नेताओं तथा दूसरे लोगों की जासूसी किया जाना अस्वीकार्य है। इस पर अमेरिका ने कहा कि किसी भी मतभेद का समाधान दोनों देशों के खुफिया सेवा की ओर से मिलजुलकर किया जा सकता है। अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बीच आज यहां लंबी बैठक के बाद यह बात सामने निकल कर आई। दोनों पक्षों ने व्यापार, रक्षा और उर्जा जैसे प्रमुख मुद्दों पर व्यापक बातचीत की। मोदी सरकार के बनने के बाद पहली बार कोई अमेरिकी विदेश मंत्री भारत के दौरे पर आया है। साझा प्रेस वार्ता में सुषमा से पूछा गया कि क्या उन्होंने 2010 में अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) की ओर से भाजपा नेताओं की जासूसी कराए गए जाने का मुद्दा उठाया, इसका खुलासा हाल ही में एनएसएस के पूर्व कांट्रैक्टर एडवर्ड स्नोडेन किया था। सुषमा ने जवाब दिया, मैंने विदेश मंत्री केरी के साथ यह मुद्दा उठाया। मैंने उन्हें बताया कि जब यह खबर भारतीय