गहलोत साहब , कांग्रेस ही धर्म के नाम पर भेदभाव करती है - अरविन्द सिसोदिया bjp rajasthan kota

 



गहलोत साहब , कांग्रेस ही धर्म के नाम पर भेदभाव करती है - अरविन्द सिसोदिया


कोटा 15 नवम्बर । भाजपा के कोटा संभाग मीडिया सेंटर संयोजक अरविन्द सिसोदिया नें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान कि “विपक्षी केवल धर्म के आधार पर राजनिति कर रहे है।” पर पलटबार करते हुये कहा है कि कांग्रेस ही धार्मिक भेदभाव करती है, उसनें लगातार सौ साल से हिन्दूओं के प्रति भेदभाव का ही रवैया रखा है। मात्र चुनावों में ही वे चुनावी हिन्दू बनते हैं। चुनाव बाद वे फिर से हिन्दूओं के प्रति दोयम दर्जे का व्यवहार करना प्रारम्भ कर देते हैं। उन्होनें कहा कानून से लेकर व्यवहार तक की समीक्षा कांग्रेस करले वह हमेशा हिन्दू और हिन्दूस्तान को नुकसान पहुचानें वाली और भेदभाव करने वाली ही साबित हुई है। 


सीसौदिया नें कहा कर्नाटक चुनावों में कांग्रेस चुनावी हिन्दू बन गई थी मगर चुनाव के बाद सत्ता में आते ही उसनें हिन्दुओं से भेदभाव का उदाहरण प्रमाणित किया है कि 4 नवंबर, 2023 को कर्नाटक में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट हुआ था। कर्नाटक प्रशासन ने परीक्षा में नकल रोकने के लिए उठाये कदमों में  हिन्दू लड़कियों और महिलाओं के साथ भेदभाव किया गया। सिविल सेवा परीक्षा में हिंदू महिलाओं से मंगलसूत्र तक उतरवा लिया गया, तब परीक्षा देने दी गयी लेकिन इसी परीक्षा में हिजाब पहने मुस्लिम महिलाओं को हिज़ाब में परीक्षा देने दी गयी। यह कांग्रेस मॉडल शासन का हिन्दूओं के प्रति भेदभाव का ताजा प्रमाण है। सीसोदिया नें कहा मुख्यमंत्री गहलोत का शासन भी हिन्दूओं के प्रति भेदभाव से भरा रहा है। जिसके अनेकानेक उदाहरण हैं जिनमें कन्हैयालाल को सुरक्षा न देकर सर तन से जुदा होनें देना, जयपुर को खून से रंगने वाले सजायाफता आतंकियों को कमजोर पैरबी से बरी होने देना, पुरातन मंदिर को मशीनों से मय मूर्तियों के ध्वस्त होनें देना और श्रीराम दरबार गिरानें देने सहित अनेकों भेदभाव के उदाहरण इस सरकार के हैं। 


सिसोदिया नें कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी ने हिन्दुओं को दोयम दर्जे का नागरिक बना दिया। पिछले 75 सालों में कांग्रेस की केंद्र और राज्यों की सरकारों ने हिन्दू विरोधी नियमों और कानूनों का निर्माण किया और जबरन थोप दिया। वहीं नियम और कानून हिन्दुओं की धार्मिक स्वतंत्रता में बाधाएं खड़ी कर रहे हैं। कांग्रेस की छद्म धर्मनिरपेक्षता ने हमेशा से हिन्दुओं के साथ भेदभाव किया। धर्मनिरपेक्षता की आड़ में कांग्रेस ने जहां हिन्दुओं को नियम और कानून पालन करने के लिए मजबूर किया, वहीं अल्पसंख्यक समुदायों खासकर मुस्लिमों को सहूलियतें और छूट दीं। 


उन्होनें कहा कांग्रेस जहां सत्ता में होती है वहां भेदभाव देखनें को मिलता ही है कि उस राज्य में दो संविधान लागू होते है। हिन्दुओं के लिए बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का संविधान और मुस्लिमों के लिए अपरोक्ष शरियत का संविधान लागू है। राजस्थान औश्र कर्नाटक में यह सब कुछ परोक्ष अपरोक्ष हो रहा है। इसलिये मुख्यमंत्री गहलोत यह नहीं कह सकते कि विपक्ष धर्म के नाम पर राजीनति करता है। सच यही है कि कांग्रेस ही धर्म के नाम पर भेदभाव करती है। 


हिन्दू धार्मिक रीति,रिवाज, परंपरा और मान्यता के अनुसार एक विवाहित महिला के लिए मंगलसूत्र काफी महत्वपूर्ण होता है। महिला हर वक्त मंगलसूत्र पहनी रहती है। लेकिन कर्नाटक सिविल सेवा परीक्षा में कांग्रेस की भेदभावकारी नीति ने महिलाओं को गले से मंगलसूत्र उतारने के लिए मजबूर कर दिया। यहां तक कि कान के झुमके, चेन और बिछिया समेत अन्य गहने भी उतारने को कहा गया। महिलाओं को स्पष्ट निर्देश दिया गया था कि परीक्षा हॉल में गहना पहनकर परीक्षा देने अनुमति नहीं है। 


टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

पहले दिन से सुपरफ़ास्ट दौड़ रही है भजनलाल शर्मा सरकार - अरविन्द सिसोदिया cm rajasthan bhajanlal sharma

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

युवाओं को रोजगार से जोडने की भाजपा की ऐतिहासिक पहल - राकेश जैन BJP Kota City

जन गण मन : राजस्थान का जिक्र तक नहीं

ईश्वर तो समदर्शी, भेद हमारे अपने - अरविन्द सिसोदिया ishwar

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग

महापुरुषों के शौर्य को पाठ्यक्रम में पर्याप्त स्थान दिया जाये Mahapurushon ko sthan