ओएसडी कक्ष की आग , गहलोत सरकार की विदाई का संकेत - सिसोदिया bjp rajasthan
ओएसडी कक्ष की आग , गहलोत सरकार की विदाई का संकेत - सिसोदिया
सीएम गहलोत के ओएसडी कक्ष में लगी आग, गहलोत सरकार की विदाई का संकेत - अरविन्द सिसोदिया
कोटा 3 नवंबर। भारतीय जनता पार्टी के मीडिया संपर्क विभाग के प्रदेश सहसंयोजक अरविंद सिसोदिया ने कोटा में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आरोप लगाया कि गहलोत सरकार लाल डायरी में छुपे भ्रष्टाचार के कारनामों से जहां डरी सहमी हुई है, वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आनन - फानन में अपनी सरकार के भ्रष्टाचार और षड्यंत्रों के सबूत भी मिटाने में जुट गई है। ओएसडी लोकेश शर्मा के कक्ष में लगी आग इसी का सबूत है और इसी के साथ, यह कांग्रेस सरकार की राजस्थान से विदाई संकेत भी है, संदेश भी है।
सिसोदिया नें कहा है कि राजस्थान की जनता जानती है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलेट के बीच चली उठा पटक के समय गहलोत अपने ओएसडी के माध्यम से सोसल मीडिया पर काफ़ी सक्रिय रहे थे और उन्होंने सोसल मीडिया पर मुख्यमंत्री गहलोत के पक्ष अतिरेक सक्रियता दिखाई थी। इस दौरान इसी ओएसडी नें विधायकों के इधर-उधर होनें पर, विशेष रूप से सचिन पायलेट के साथ गये विधायको को लेकर खरीद फरोख्त होनें की कुछ संदिग्ध ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर जारी करवाईं थी और उन्हें एक विशिष्ट व्यक्ति से जोड़ा था।
प्रदेश सह संयोजक सिसोदिया ने आरोप लगाया है कि संदिग्ध ओडियो क्लिपों के विरुद्ध दिल्ली में रिपोर्ट हुई और दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच उसकी जांच कर रही है। इस मामले में मुख्यमंत्री गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने दिल्ली हाई कोर्ट से पुलिस को स्वतंत्र पूछताछ करने पर रोक लगवाई हुई है। जिससे पुलिस पूरी स्वतंत्रता से पूछताछ नहीं कर पा रही है। किन्तु यह रोक अब बहुत समय तक नहीं रहेगी ।
सिसोदिया ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस अपने ढंग से पूछताछ करें और उसमें बहुत कुछ निकल कर आए, इससे पहले लोकेश शर्मा के कक्ष को आग के हवाले कर दिया गया है । यह आग जानबूझकर लगाई गई प्रतीत हो रही है , आग इस कक्ष से जो षड्यंत्र और अपराध हुए उनके सबूत नष्ट करने के लिए लगाई गई है । हैरानी की बात यह है कि सचिवालय के चौथी मंजिल पर आग लगने के बाद लाखों रुपए की सरकारी संपत्ति जल कर राख हो गई। लेकिन सचिवालय की ओर से आग को कंट्रोल करने के लिए दमकल को नहीं बुलाया गया। ना ही बनीपार्क और ना ही 22 गोदाम स्थित फायर स्टेशन को इसकी जानकारी दी गई।
उन्होनें कहा है कि इस घटनाक्रम की सही-सही जांच राजस्थान की गहलोत सरकार के रहते नहीं हो सकती। इसलिए यह बहुत आवश्यक हो गया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी के कक्ष में लगी आग और उसमें नष्ट किये गये सबूतों की और इस अपराध में सम्मिलित लोगों की पहचान के लिए निष्पक्ष जांच आवश्यक है। उसके पीछे जो मकसद है वह सामने आने चाहिए ।
सिसोदिया नें कहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नें अपनी सरकार को बनाए रखने के लिए समर्थक विधायकों को खुली छूट दे दी थी और उन्हे साथ रखने के लिए लगातार इच्छापूर्तियां की गई थी जिसका रिकॉर्ड इसी कक्ष में होना संभावित था। ये सभी समर्थक विधायक अपने-अपने क्षेत्र के अघोषित मुख्यमंत्री बन गये थे। इस कारण पूरे राजस्थान में लूटपाट और भ्रष्टाचार का कुशासन व्याप्त हो गया था, जनता त्रस्त हो गई थी, इसमें जो कुछ भी लेनदेन हेरा फेरी, नियुक्तियां सौदेबाजी आदि हुई, वे सब इसी कक्ष में स्थापित सिस्टमों में होना संभावित था , जिन्हे नष्ट कर दिया गया।
कक्ष में लगाई गई आग स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार जनता द्वारा ठुकराई जा रही है सत्ता से बाहर होने वाली है । सत्ता से बाहर जाने के बाद उनका डाटा, उनके दस्तावेज , उनकी जानकारियां किसी दूसरे दल के हाथ ना लगे, इसलिए यह आग षड्यंत्र पूर्वक लगाई जाना महसूस किया जा रहा है।
उन्होनें कहा है कि इस घटना के सही तथ्य सामनें आनें चाहिए उसके लिए जरूरी हो गया है , लोकेश शर्मा ओएसडी के कक्ष में लगी आग की जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच करे अथवा केंद्रीय जांच एजेंसी करें ताकि सत्य राजस्थान की जनता जान सके और वह झूठ सामने आ सके जिसे अशोक गहलोत सरकार छुपाना चाहती हैं ।
भवदीय
अरविन्द सिसोदिया
9414180151
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