भारत को पाक के नापाक मंसूबों के विरूद्ध आक्रामकता में वृद्धि करनी होगी

 Arvind Sisodia

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पाकिस्तान घटनाक्रम : भारत को पाक के नापाक मंसूबों के विरूद्ध आक्रामकता में वृद्धि करनी होगी

 India will have to increase aggression against the nefarious designs of Pakistan


पाकिस्तान भारत के विरूद्ध 1947 से ही नापाक इरादे रखे हुये है। यह उनके तब लगने वाले नारों से भी स्पष्ट होता था कि “हंस के लिया है पाकिस्तान, लड के लेंगे हिन्दुस्तान ।” और प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से प्रति पल यह लडाई जारी है। इसमें कुछ गद्दार तत्व जो हमारे देश में रहते हैं, वे भी सहयोगी बन जाते है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान जिस दिन रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मिल रहे थे । तभी यह लग रहा था कि इमरान नें मुसीबत को दावत देदी है। क्यों कि पुतिन से उनकी मुलाकात न तो चीन को पशंद आई होगी, न ही अमेरिका को और न ही सेना को  और इमरान को जाना पडा ।

इमरान जब आये थे तब भारत के विरूद्ध आक्रमक थे और जाते जाते उन्हे भारत याद आ रहा था, भारत की मजबूती याद आ रही थी। खैर उनकी जगह लेनें वाले शहबाज को भी इमरान की तरह भारत ही याद आया। भारत से सम्बंध नहीं बनायेंगे, ये वे कह चुके हैं। उनके कहने से कुछ नहीं होता किन्तु जब जब पाकिस्तान में आंतरिक संकट आता है वह भारत पर कपट या छदम आक्रमण तेज कर ध्यान हटानें की कोशिश करता है।

शहबाज के पास बहूमत कितना होगा, इससे ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि उनका बहूमत शर्तों के साथ साथ उनके विरोधी दलों के साथ देनें तक ही सीमित है। अर्थात वे टिकाऊ नहीं काम चलाऊ हैं। उनकी पार्टी के पास न तो बहूमत था, ना ही चुनाव होनें की स्थिती में वह आता दिख रहा है। इसलिये उनकी चिल्लाचौंट भारत के विरूद्ध लगातार होती रहेगी। वे अपने आप को महान देश भक्त दिखानें की कोशिश करेगें। हो सकता है वे काई बडा षडयंत्र भी सम्पादित करना चाहें ताकि सब का ध्यान भारत की तरफ चला जाये। उनकी भ्रट शक्ल ओ सूरत देश भक्त में बदल जाये।

इसलिये भारत की सेना एवं अन्य सुरक्षा बलों को सीमा और सीमा के अन्दर अब अधिक सर्तकर्ता रहनें की जरूरत है। वहीं कूटनीति कहती है कि भारत को भी पाक के विरूद्ध अपनी आक्रमकता में वृद्धि करनी चाहिये,ताकि वह अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देनें  की तरफ बड ही न पाये। विचार ही न कर पाये।

यूं तो भारत की पाक नीति बेहद कसी हुई एवं कारगर जबावी है। इसे बनाये रखनें के साथ समय समय पर ओर धार देते रहनें की जरूरत है।

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