हिन्दू युग निर्माण परिषद का शुभारम्भ ....Hindu Yug Nirman Parishad
इस समय सम्पूर्ण विश्व हिंसा, अहंकार,आराजकता, अव्यवस्था और अन्याय में लिप्त है। मानव सभ्यता सर्वाधिक अशांती में फंस गई है। इस सम्पूर्ण जगत में जो भी है वह ईश्वर की व्यवस्था से है। उसके निर्माण,अनुसंधान और विकास के विस्तार से है। ज्ञान एवं विज्ञान ईश्वर की व्यवस्थाओं से ही हैं। जो कि उसको पढ़ता है, सोचता है , समझता है। किन्तु विवेक के अभाव में वह भी मानव सभ्यता के अनेकों दुखों का कारण बन गया है।
मनुष्य के मस्तिष्क में शांती सदभाव विचारों से ही आते हैं। अहंकार और अन्याय को सदविचारों से ही दूर किया जा सकता है। इसलिये सद विचारों का विश्व में विविध भाषाओं में प्रचार प्रसार करना ही सबसे बडा पुण्य है। ईश्वर मात्र भक्ति से ही प्रशन्न होते हैं यह गलत है । ईश्वर सद विचारों के प्रचार प्रसार से , रहन सहन से ही प्रशन्न होते है। ईश्वर भाई चारा और सदभाव का समन्वय चाहते है। जो इस मार्ग पर चलते हैं वे ही उन्हे प्रिय हैं।
हिन्दू युग निर्माण परिषद का शुभारम्भ ....
एक प्रयास आप सभी के सहयोग एवं विश्वास से हनुमान जयंती पर प्रारम्भ करनें का संकल्प लिया है। हिन्दू जीवन पद्यती एवं विचार ही विश्व को शांती एवं सदभाव दे सकते हैं। इस दिशा में सम्पूर्ण विश्व को पुनः विचारों के सम्प्रेषण की आवश्यकता है। विराट कार्य में आप और हम राई भर कार्य तो प्रारम्भ करें । समय इसे अपने आप विराट बना लेगा ।
विश्व भर की विविध भाषाओं में हिन्दू विचारों के प्रचार प्रसार में क्या क्या किया जा सकता है। इस संदर्भ में आप भी अपने विचार सम्प्रेषित कर मार्ग दर्शन प्रदान कर सकते है। आपके विचारों का वाट्सएप पर स्वागत है।
भवदीय
संस्थापक
अरविन्द सिसौदिया
9414180151
Hindu Era Nirman Parishad started....
I have resolved to start an effort on Hanuman Jayanti with the cooperation and faith of all of you. Only Hindu way of life and thoughts can give peace and harmony to the world. In this direction, there is a need for communication of ideas again to the whole world. In the vast work, you and I should start the work with a rye. Time will make it immense by itself.
What can be done in propagating Hindu ideas in different languages of the world. In this context, you can also provide guidance by sharing your views. Your thoughts are welcome on WhatsApp.
Sincerely
founded by
Arvind Sisodia
9414180151
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