राज्य सरकारों की बढती असहष्णुता : तो क्या राजनैतिक दल संगठित अपराधकर्मी गिरोह बन जायेंगे
राज्य सरकारों की बढती असहष्णुता
तो क्या राजनैतिक दल संगठित अपराधकर्मी गिरोह बन जायेंगे
So will political parties become organized crime gangs?
इन दिनों दबंग दिखने और सामनें वाले दल को या व्यक्ति को नीचा दिखानें के लिये गैर कानूनी तरीके से राज्य के संसाधनों का दुरउपयोग कर अपमान करने की कई घटनायें सामनें आ रही है। सबसे पहले पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के सरंक्षण में भाजपा कार्यताओं एवं नेताओं पर आक्रमण की अनेकों घटनायें सामनें है। महाराष्ट्र में शिवसेना के द्वारा भी भाजपा के खिलाफ लगातार यही हो रहा है। पंजाब में स्वयं प्रधानमंत्री के साथ दुव्यवहार कांग्रेस शासन में किया गया । केरल में तो सामाजिक संगठन विषेश के लोगों की चुन चुन कर हत्या तक करदी जाती है।
केन्द्र सरकार को अपनी शक्तियों का उपयोग करना चाहिये , गुण्डागर्दी , धमकी और गैर कानूनी हरकतों को करनें का अधिकार किसी दल को कभी नहीं दिया जा सकता। इन पर कार्यवाही नहीं होगी तो ये राजनैतिक दल नहीं गुण्डों के, माफियाओं के,डकैती के गिरोह बन जायेगें।
शिवसेना के द्वारा 20 फीट नीचे गाड़ देनें की धमकी का क्या अर्थ है। यह अपराध क्यों नहीं है। इस पर कार्यवाही क्यों नहीं हो सकती। सरकार में काई दल है तो उसे अपराध और गुण्डागर्दी की इजाजत कैसे दी जा सकती है।
शिवसेना की राज्य सरकार ने द्वेषतापूर्ण कार्यवाही करते हुये विधायक रवि राणा और सांसद नवनीत राणा के ख़लिफ़ बॉम्बे पुलिस एक्ट की धारा 153।, 35, 37, 135 के तहत थ्प्त् दर्ज़ की गई है। उनके वकील का कहना है कि गिरफ़्तारी गैर क़ानूनी, अवैध और असंवैधानिक है। एक महाराष्ट्र विधानसभा में विधायक और दूसरा सांसद हैं ।
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