मोदी जी, योगी जी सहित जरूरी लोगों की सुरक्षा व्यवस्था बडाई जाये - अरविन्द सिसौदिया

 Security system of important people including Modi ji, Yogi ji should be increased - Arvind Sisodia

मोदी जी, योगी जी सहित जरूरी लोगों की सुरक्षा व्यवस्था बडाई जाये - अरविन्द सिसौदिया



देश के राजनैतिक वातावरण में उत्पन्न की जा रही कटुता को देखते हुए, मोदी जी, योगी जी सहित जरूरी लोगों की सुरक्षा व्यवस्था बडाई जाये - अरविन्द सिसौदिया

जब से भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी पुनः प्रधानमंत्री बनें हैं तब से कई दल और कई संगठन तथा कई गुप्तरूप से षडयंत्रकर्ता आपा खो बैठे हैं और असहस्णु हो गये हैं। विरोध के आन्दोलनों का स्वरूप एवं भाषा तथा उकसावे की राजनीति लगातार असहज सामनें आ रही है। इस तरह का राजनैतिक वातावरण जिसमें साम्प्रदायिकता भी सम्मिलित हो, कोई बडी क्षती भी पहुंचा सकता है। कुल मिला कर मोदी जी के नेतृत्व में हो रहे सुधारों से कुछ लोगें की बौखलाहट सामनें लगातार आ रही है। उनके असज और उकसावे वाले कमेन्टस भी देश सुनता है। इसलिये सावधानी की दरकार है।

विदेशों में और भारत में भी इस तरह की अनेकों वारदातें पूर्व में घट चुकी हैं, जिनमें देश ने बडे नेताओं को खोया है। इसलिये बार बार मन कहता है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी एवं यूपी के मुख्यमंत्री योगी जी की सुरक्षा में विशेष सर्तकता बरतनें की जरूरत है। तथा इस पर लगातार विचार विमर्श का भी तंत्र होना चाहिये जो इन्हे सावधान करता रहे।

विदेशों में अमेरिकी राष्ट्रपति लिंकन और कैनेडी,पाकिस्तान के प्रधनमंत्री लियाकत अली और बेनजीर भुट्टो,मिश्र के राष्ट्रपति अनवर सादात, नोबल पुरूस्कार विजेता नस्लवाद के विरूद्ध संर्घष करनें वाले मार्टिन लूथर किंग आदि कि सुरक्षा में सेंध लगनें से ही असमय निधन हो गया था।

भारत में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी एवं राजीव गांधी, पंजाब के मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह कैरो और बेअंत सिंह, रेल मंत्री रहे ललित नारायण मिश्र भी सुरक्षा में सेंध के कारण ही असमय मृत्यु की कोख में समा गये।

हाल ही में भारत के प्रथम सी डी एस बिपिन रावत की जिस तरह दुर्घटना की शक्ल में असामायिक मृत्यु हुई है, उससे भी बहुत से सवाल खडे हुये है।

अर्थात भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी सहित महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों की सुरक्षा में सेंध न लगे इस तरह की पुख्ता व्यवस्था होनी चाहिये। इस हेतु चाहे कुछ ओैर प्रबंध सम्मिलित करने हों तो करना चाहिये। तकनीकी स्मार्टनेश और कठोर अनुशासित सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता महसूस हो रही है। पंजाब में पी एम की सुरक्षा में जो गलती तत्कालीन कांग्रेस सरकार से हुई थी,वैसी चूक कतई नहीं होनी चाहिये थी।

भारत के प्रधानमंत्री,मुख्यमंत्री गण एवं मंत्री गण सहित न्यायपालिका,अधिकारीवर्ग राजनैतिक दलों के प्रमुखों सहित सभी की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देनें की जरूरत देश में राजनैतिक वातावरण में बडती कटुता के कारण आवश्यक प्रतीत हो रही है। 

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