संघ जैसा अनुशासन , अपनत्व और समता अन्य किसी भी संगठन में नहीं है

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय सरसंघचालक श्री बालासाहब देवरस ने अपने स्वास्थ्य कारणों से सरसंघचालक पद का त्याग कर, सरसंघचालक का दायित्व प्रो. रज्जू भैया को सौंप दिया था. इसी बीच उस समय के कम्युनिष्ट पत्रकार बिल्टिज साप्ताहिक के संम्पादक "रूसी करंजिया" "रज्जू भैया" से मिलने नागपुर पहुंचे.
कुछ समय उनकी रज्जू भैया से चर्चा हुई. तभी भोजन की घंटी बज गई. रज्जू भैया ने रूसी करंजिया से कहा चलो पहले भोजन कर लेते हैं. भोजन कक्ष में बिछी हुई टाटपट्टी पर वे बैठ गए. कुछ अन्य लोग भी उनके साथ बैठ गए. अचानक "रूसी करंजिया" ने रज्जू भैया के बगल में बैठे व्यक्ति से उसका परिचय पूछ लिया. उस व्यक्ति ने बताया कि - मैं माननीय रज्जू भैया का कार चालक हूँ. यह सुनते ही "रूसी करंजिया" चौक गए कि- इतने बड़े संगठन का मुखिया और उनका ड्राइवर एक साथ जमीन पर बैठकर एक जैसा भोजन कर रहे हैं. भोजन के उपरान्त रज्जू भैया ने "रूसी करंजिया" से कहा- पूँछिये , आप हमारे संगठन के बारे में क्या जानना चाहते हैं.
तब "रूसी करंजिया" ने बहुत ही श्रद्धापूर्वक रज्जू भैया से कहा - मेरी सारी भ्रांतियां दूर हो गईं है , अब मुझे आपके संगठन के बिषय में अब कुछ नहीं पूंछना है. यही एक ऐसा संगठन है जहाँ सरसंघचालक और कारचालक एक साथ टाटपट्टी पर बैठ कर भोजन कर सकते हैं.
उसके बाद रूसी करंजिया संघ के समर्थक बन गए...
आज आवश्यकता है एसे देशभक्त सेवा भावी संगठन को एक हो कर मजबूत करने की  ।। संघ को समझने के लिए। जो लोग संघ से जुड़े हैं वह जरूर शेयर करें और जो लोग संघ से नही जुड़े हैं वह तो जरूर शेयर करें ताकि आम लोगो तक भी संघ के बारे में पता चल सके। 
धन्यवाद
🙏🚩🙏
*क्या संघ जैसा संगठन विश्व में है ?*

जी नहीं , संघ जैसा अनुशासन , अपनत्व और समता अन्य किसी भी संगठन में नहीं है ।

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

संघ नें हिंदुत्व को नई प्राणशक्ति दी हैँ - अरविन्द सिसोदिया

रामराज के सिद्धांत को जिला प्रशासन को अपनाना ही चाहिए - अरविन्द सिसोदिया

हिन्दु भूमि की हम संतान नित्य करेंगे उसका ध्यान

कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग

ऋषि, मुनि, साधु और संन्यासी

"जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है"।