मोदी सरकार के 8 साल : आठ बड़े साहसी निर्णय Modi sarakaar ke 8 saal

 

modee sarakaar ke 8 saal : aath bade saahasee nirnay
मोदी सरकार के 8 साल : आठ बड़े साहसी निर्णय
8 years of Modi government: Eight bold decisions

साभार पत्रिका डॉट कॉम

मोदी सरकार के 8 साल पूरे; 

नोटबंदी, एयर स्ट्राइक, धारा 370 खत्म करने सहित सरकार के 8 बड़े फैसले
Modi Govt 8 years: केंद्र की सत्ता में नरेंद्र मोदी सरकार ने आज 8 साल पूरे कर लिए। आज यानि की 26 मई को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की तीसरी सालगिरह है। इन आठ सालों में मोदी सरकार ने कई काम किए। यहां पढ़िए मोदी सरकार के आठ साल के आठ बड़े फैसलों को।

नई दिल्ली

Published: May 26, 2022

नरेंद्र मोदी सरकार ने आज केंद्र की सत्ता में अपने आठ साल पूरे कर लिए। इस आठ साल की यात्रा में सरकार ने कई अहम फैसले लिए, जिसने मोदी को घर-घर तक पहुंचाया। कई फैसले ऐसे ही लिए गए जिसको लेकर सरकार को आलोचना झेलनी पड़ी। आज जब केंद्र की सत्ता में मोदी सरकार के आठ साल पूरे हो गए हैं तो सरकार की उन योजनाओं पर एक नजर देना प्रासंगिक है, जिससे देश के साथ-साथ विदेशों में भी मोदी सरकार की नई छवि बनी। यहां जानिए मोदी सरकार के आठ अहम फैसलों के बारे में
26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने। भाजपा के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन ने कांग्रेस को हराकर केंद्र की सत्ता संभाली थी। 2019 के आम चुनाव में भाजपा को और बड़ी जीत हासिल हुई। जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का प्रमाण है। आज मोदी सरकार अपने कार्यकाल का 8 साल पूरा कर चुकी है। इन आठ सालों में सरकार ने छोटे-बड़े कई निर्णय लिए। लेकिन यहां हम सरकार की उन आठ बड़े निर्णयों के बारे में आपको बता रहे है, जिनसे देश का लगभग हर तबका जुड़ा।

1. नोटबंदीः 8 नवंबर 2016 को केंद्र सरकार ने देश में पहले से चल रहे 500 और 1000 रुपए के नोट बंद कर किए गए। यह वो फैसला था जिससे देश के सभी लोग प्रभावित हुए। देश में छिपे कालाधन को निकालने के लिए सरकार ने यह मास्टरस्ट्रोक चला था। नोटबंदी के ऐलान के साथ ही पुराने नोट को जमा करने और नए नोट निकालने के लिए लोगों को घंटों तक कतार में लगना पड़ा।

2. जम्मू कश्मीर से धारा 370 समाप्त करना- यह निर्णय देश के एक राज्य से जुड़ा था, लेकिन इससे पूरे देश के लिए जुड़े थे। 2019 में सरकार ने यह अहम फैसला लिया। देश की आजादी के बाद से ही जम्मू कश्मीर को इस धारा के तहत विशेष दर्जा मिला हुआ था। जम्मू कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को समाप्त करने की मांग लंबे समय से हो रही थी, लेकिन कोई भी सरकार हिम्मत नहीं जुटा रही थी।

3. बालाकोट एयरस्ट्राइकः 2019 में जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने सीआरपीएफ जवानों को निशाना बनाते हुए बड़ा हमला किया था। इस हमले में 42 जवान शहीद हुए थे। जवानों की शहादत को लेकर पूरे देश में शोक का माहौल था। लेकिन इसके अगले ही दिन भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर बालाकोट का एयरस्ट्राइक किया। जिससे पाकिस्तान में चल रहे एक बड़े आतंकी नेटवर्क का सफाया हुआ। सरकार ने जो यह त्वरित कार्रवाई की इससे देश के लोगों को लगा कि यह न्यू इंडिया है।

4. कृषि कानूनः पिछले साल मोदी सरकार तीन कृषि कानूनों को लेकर आई। हालांकि इन तीन कानूनों का भारी विरोध हुआ। लंबे समय तक देशभर के किसान संगठनों ने दिल्ली की सीमाओं को घेर दिया। किसानों के आंदोलन के कारण करीब 1 साल बाद सरकार को झुकने पड़ा। और आखिरकार मोदी सरकार को अपने ये कानून वापस लेने पड़े।


5. तीन तलाकः मुस्लिम महिलाओं के लिए यह मोदी सरकार का बड़ा फैसला था। लंबे समय से मुस्लिम महिलाएं इसकी मांग कर रही थी। लेकिन वोटबैंक की राजनीति के कारण कोई सरकार इसे लागू नहीं कर पा रही थी। 1 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने तीन तलाक विधेयक को पारित कराया था। शुरुआत में इसको लेकर थोड़ा विरोध हुआ, लेकिन बाद में समाज के बड़े तबके ने इसका समर्थन किया।

यह भी पढ़ेंः मोदी सरकार के आठ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में भाजपा एक पखवाड़े तक चलाएगी सेवा कार्य

6. जीएसटीः साल 2017 में मोदी सरकार ने तमाम टैक्सों को हटाकर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी जीएसटी को लागू किया। इससे पूरे देश में एक टैक्स सिस्टम लागू हुआ। इस कानून के तहत यह तय कर दिया गया कि आधा जीएसटी केंद्र के हिस्से में और आधा राज्यों को जाएगा। हालांकि जीएसटी को लेकर तमाम जानकारों और विपक्षी दलों ने ये भी कहा कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा।


7. सीएए एनआरसीः 2019 में ही मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून पारित किया। इस कानून के जरिए मोदी सरकार पड़ोस के देशों में रहने अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देना चाहती थी। इसमें हिन्दू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी धर्म को शामिल किया गया था। हालांकि मुस्लिमों के शामिल नहीं किए जाने को लेकर दिल्ली के शाहीन बाग के साथ-साथ पूरे देश में कई जगहों पर इसका लंबे समय तक वरोध चला।

8. कोविड टीकाकरणः वैश्विक महामारी कोरोना जब पूरी दुनिया में कहर ढा रही थी, तब मोदी सरकार ने अपने नागरिकों को इससे बचाव का टीका निःशुल्क लगाने का नियम बनाया। सरकार ने सिलसिलेवार तरीके से देश के लोगों को टीका लगावाया। दूसरी लहर में भले ही इस महामारी के लाखों लोगों की जान ली। लेकिन यह टीकाकरण का ही असर था अब देश में कोरोना को लेकर वैसा खतरा नहीं है।


 

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