कश्मीर में पंण्डितों के पक्ष में बहुआयामी कदम उठायें जायें- अरविन्द सिसौदिया
कश्मीर में पंण्डितों के पक्ष में बहुआयामी कदम उठायें जायें- अरविन्द सिसौदिया
Multi-dimensional steps should be taken in favor of Pandits in Kashmir- Arvind Sisodia
कश्मीर घाटी से लगभग 8 लाख हिन्दू पण्डित निर्वासित किये जा चुके हैं। हजारों की संख्या में हत्यायें की जा चुकीं हैं। उनकी सम्पत्तीयां हडपी जा चुकी हैं एवं मंदिरों को तोड दिया गया अथवा क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। वे देश के दूसरे हिस्सों में रह कर जीवन बसर कर रहे हैं। इसका एक मुस्त हल निकालना बहुत जरूरी है।
About 8 lakh Hindu Pandits have been deported from the Kashmir Valley. Thousands of murders have been done. Their properties have been confiscated and temples have been demolished or damaged. They are living in other parts of the country. It is very important to find a solution to this.
The sequence of intimidation of Kashmiri Pandits has started again, in this some political people of Kashmir are also involved indirectly, their motivation is there. Instead of Pakistan, attention should be paid to sending the traitors sitting in the house to Pakistan.
कश्मीर में भारत विरोधी किसी को भी नहीं रहने दिया जायेगा,इस तरह के संकल्प की जरूरत है। आतंकियों को ढेर करने से अपना व्यक्ति वापस नहीं आ जाता। अपने व्यक्ति पर हाथ डालनें की हिम्मत ही न हो इस तरह का माहौल उत्पन्न करना होगा।
No one anti-India will be allowed to stay in Kashmir, such a resolution is needed. Killing terrorists does not bring back one's person. Do not have the courage to lay hands on your person, such an atmosphere will have to be created.
1- कश्मीरी पण्डितों का अपना मजबूत संगठन बनाना चाहिये।
2- कश्मीरी पण्डितों का आत्मरक्षा के उपाय सीखना चाहिये। कश्मीरी पण्डितों को स्वयं भी सुरक्षा मामलों में पराक्रमी बनना होगा ।
3- कश्मीरी पण्डितों को सुरक्षा हेतु हथियारों के लायंसेंस दिये जाना चाहिये एवं उन्हे चलानें की ट्रेनिंग भी दी जानी चाहिये।
4- कश्मीरी पण्डितों के रहन सहन एवं सुरक्षा के विशेष उपाय किये जानें चाहिये।
5- कश्मीरी पण्डितों के अलग नगर बसानें चाहिये, उन्हे उनकी सुरक्षा के लिये अलग से सुरक्षा बल रखनें का अधिकार दिया जाना चाहिये।
6- कश्मीरी पण्डितों के कार्यस्थलों पर विशेष सुरक्षा उपाय करने चाहिये।
7- कश्मीरी पण्डितों के निर्वासन में जिन कश्मीरियों की भूमिका है, उन्हे चिन्हित कर देश छोडने के लिये कहा जाना चाहिये।
8- कश्मीरी पण्डितों को देश के किसी भी हिस्से में रहनें पर भी कश्मीर के सभी चुनावों में मताधिकार दिया जाना चाहिये।
9- कश्मीरी पण्डितों की सम्पत्ती 1970 से अहस्तांतरणीय घोषित की जानी चाहिये।उसे वापस लेकर उन्हे सौंपा जाना चाहिये, वे वापस न लेना चाहें तो उसके बदले उन्हे अपने इक्छित स्थान पर कश्मीर में कहीं ओर वैक्लपिक व्यवस्था करनी चाहिये।
10- कश्मीर में जिस नागरिक का मन पाकिस्तान के साथ है, उसे तुरन्त भारत छोडने को कहा जाना चाहिये। पाकिस्तान भारत का शत्रु राष्ट्र है, उसके प्रति छुकाव भारत के प्रति शुत्रता है।
11- भारत और संविधान विरोधी लोगों के नये मिनी पाकिस्तान बनाने के अधिकार कतई नहीं दिये जा सकते। चाहे वे आतंकी हों , राजनैतिक हों या अन्य संगठन के । इस तरह के लोग चिन्हित हैं,उन पर कार्यवाही कीजियेगा।
12- भारत सरकार घोषणा करे कि आतंकवादियों को साथ देना, उन्हे सहायता पहुंचाना, उन्हे उकसा कर देश के विरूद्ध कार्यवाही करवाना आदि कार्यों में लिप्त नागरिकों को भी आतंकवादी ही माना जायेगा और उन पर भी वही कार्यवाही होगी।
भारत सरकार एवं जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल को कश्मीर में पंण्डितों के पक्ष में बहुआयामी कदम उठायें जानें चाहिये।
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जम्मू और कश्मीर में 6000 हजार कश्मीरी पंण्डित मारे गये,7 लाख 50 हजार ने पलायन किया,600 कश्मीरी पण्डितों के गांवों का नाम बदल कर इस्लामी कर दिये गये,1500 मंदिर नष्ट कर दिये गये। 26 साल से चल रहे इस आतंकी अभियान के कारण, लाखों कश्मीरी पंण्डितों के परिवारों को निर्वासित जीवन जीना पड रहा है।
केन्द्र सरकार की मानें तो वहां मात्र 808 परिवार घाटी में रह रहे हैं,लगभग 60 हजार निर्वासित परिवार वाहर निवास कर रहे हैं। घाटी में 430 मंदिर थे,260 सुरक्षित बचे है। 170 मंदिर क्षती ग्रस्त है।
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