हमारा हिन्दू नववर्ष 2080


 
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🚩 🚩 *हर घर भगवा* 🚩 🚩
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*हमारा हिन्दू नववर्ष - चैत्र शुक्ल प्रतिपदा*
युगाब्द 5125, विक्रम संवत 2080

Hmara hindu navvarsh 2080
 
   
 
*विश्व के सबसे प्राचीनतम सनातन हिन्दू नववर्ष (चैत्र शुक्ल प्रतिपदा) का धार्मिक, ऐतिहासिक, सामाजिक और वैश्विक महत्व*

🚩इस दिन के सूर्योदय से *जगतपिता ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की l* पुराणों में लिखा है कि जिस दिन सृष्टि का चक्र प्रथम बार विधाता ने प्रवर्तित किया वह चैत्र सुदी एकम का दिन था ।*
🚩वैष्णव दर्शन में *चैत्र मास भगवान नारायण का ही रूप है ।* चैत्र का आध्यात्मिक स्वरूप इतना उन्नत है कि इसने वैकुंठ में बसने वाले ईश्वर को भी धरती पर उतार दिया ।
🚩यह शक्ति और भक्ति के नौ दिन अर्थात् *शारदीय नवरात्र का पहला दिन* है l
🚩मर्यादा पुरुषोत्तम *प्रभु श्री राम के राज्याभिषेक का दिन*
🚩 *धर्मराज युधिष्ठिर का राज्यभिषेक दिवस* भी इसी दिन है l
🚩 *स्वामी दयानंद सरस्वती जी* ने इसी दिन *आर्य समाज की स्थापना* की एवं कृणवंतो विश्वमार्यम का संदेश दिया.*
🚩सम्राट विक्रमादित्य ने इसी दिन राज्य स्थापित किया. इन्हीं के नाम पर *विक्रमी संवत् का पहला दिन* प्रारंभ होता है l विक्रम संवत्सर का संबंध हमारे कालचक्र से ही नहीं, बल्कि हमारे सुदीर्घ साहित्य और जीवन जीने की विविधता से भी है ।
🚩शालिवाहन ने हूणों को परास्त कर दक्षिण भारत में श्रेष्ठतम राज्य स्थापित करने हेतु यही दिन चुना *शक संवत की स्थापना की.*
🚩सिंध प्रान्त के प्रसिद्ध समाज रक्षक वरूणावतार *भगवान झूलेलाल इसी दिन प्रगट हुए.*
🚩सिक्खों के *द्वितीय गुरु श्री अंगद देव जी का जन्म दिवस* भी इसी दिन  है l
🚩 *महर्षि गौतम जयंती* भी इसी दिनआती है l
🚩संघ संस्थापक *प.पू .डॉ केशवराव बलिराम हेडगेवार का जन्म दिन l.*
🚩 *राजस्थान राज्य की स्थापना* भी चैत्र शुक्ल एकम वर्ष प्रतिपदा को हुई (30 मार्च 1949)
    *हिन्दू नववर्ष का प्राकृतिक और वैज्ञानिक महत्व* 
👉बसंत ऋतु का आरंभ वर्ष प्रतिपदा से ही होता है पेड़-पौधों में फूल, मंजरी ,कली इसी समय आना शुरू होते हैं , वातावरण में एक नया उल्लास होता है जो मन को आह्लादित कर देता है। चारों तरफ पुष्पों की सुगंध से भरी होती है l जीवों में धर्म के प्रति आस्था बढ़ जाती है । 
👉चैत्र मास का वैदिक नाम है-मधु मास । मधु मास अर्थात आनंद बांटता वसंत का मास । यह वसंत आ तो जाता है फाल्गुन में ही, पर पूरी तरह से व्यक्त होता है चैत्र में । सारी वनस्पति और सृष्टि प्रस्फुटित होती है ,पके मीठे अन्न के दानों में, आम की मन को लुभाती खुशबू में, गणगौर पूजती कन्याओं और सुहागिन नारियों के हाथ की हरी-हरी दूब में तथा वसंत दूत कोयल की गूंजती स्वर लहरी में ।*
👉नक्षत्र शुभ स्थिति में होते हैं अर्थात् किसी भी कार्य को प्रारंभ करने के लिये यह शुभ मुहूर्त होता है l
👉फसल पकने का प्रारंभ यानि किसान की मेहनत का फल मिलने का भी यही समय होता है घरों में लक्ष्मी अर्थात धन धान्य का आना l
चारो ओर पकी फसल का दर्शन, आत्मबल और उत्साह को जन्म देता है । खेतों में हलचल, फसलों की कटाई , हंसिए का मंगलमय खर-खर करता स्वर और खेतों में डांट-डपट-मजाक करती आवाजें। जरा दृष्टि फैलाइए, भारत के आभा मंडल के चारों ओर। चैत्र क्या आया मानो खेतों में हंसी-खुशी की रौनक छा गई।
👉गौरी और गणेश की पूजा भी इसी दिन से तीन दिन तक राजस्थान में की जाती है । चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन सूर्योदय के समय जो वार होता है वह ही वर्ष में संवत्सर का राजा कहा जाता है , मेषार्क प्रवेश के दिन जो वार होता है वही संवत्सर का मंत्री होता है इस दिन सूर्य मेष राशि में होता है ।
*आओ हम अपना हिन्दू नववर्ष ऐसे मनाएँ :*
1.हम परस्पर एक दुसरे को नववर्ष की शुभकामनाएँ दें. पत्रक बांटें , झंडे, बैनर....आदि लगावें l
2.अपने परिचित मित्रों, रिश्तेदारों को अभी से ही नववर्ष के शुभ संदेश भेजें l
3 .इस मांगलिक अवसर पर अपने-अपने घरों पर भगवा पताका फहराएँ l
4.अपने घरों के द्वार, आम के पत्तों की वंदनवार से सजाएँ l
5. घरों एवं धार्मिक स्थलों की सफाई कर रंगोली तथा फूलों से सजाएँ l
6.वाहन रैली, कलश यात्रा, विशाल शोभा यात्राएं, कवि सम्मेलन, भजन संध्या , महाआरती आदि का आयोजन करें l
7 प्रतिष्ठानों की सज्जा एवं प्रतियोगिता करें ।  झंडी और फरियों से सज्जा करें l
8 इस दिन के महत्वपूर्ण देवताओं, महापुरुषों से सम्बंधित झांकियां सजाए और प्रश्न मंच के आयोजन करें l
9 चिकित्सालय, गौशाला में सेवा, रक्तदान जैसे कार्यक्रम l
10 समाचार पत्र, सोशल मीडिया,  दूरदर्शन में मंगल कामना संदेश आदि संस्था या व्यतिगत नाम से l
11 अपनी  संस्था के सौजन्य से समाज मे एवं संस्था से जुड़े लोगों को नववर्ष के कुछ कार्यक्रम करवाये. जैसे -भारत माता आरती ,अखंड रामचरित मानस, हनुमान चालीसा , भोज, पाठ ,कीर्तन ,कवि समेलन , निबंध लेखन l
इसके अतिरिक्त व्यक्तिगत, पारिवारिक, संस्थागत या सामाजिक स्तर पर बहुत कुछ करे l

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