अद्भुत है ईश्वर का पक्षी विज्ञान pakshiyon ka vigyan

 विज्ञान सिर्फ मनुष्य की थाती हैं??

बाज को यह ज्ञान किसने दिया जिसे सीखने में पायलटों को वर्षों लग जाते हैं....

ईश्वर विज्ञान और ज्ञान को उत्पन्न कर्ता है, उसकी विविध कौशलता को सबसे आश्चर्य चकित करने वाली स्थिति पक्षी हैं, तितलियां हैं। फूल हैं। एक उदाहरण आपको ईश्वर की परम सत्ता को मानने के लिये विवश कर देगा...
एक बाज़ को उपकरणों से सुसज्जित कर दक्षिण अफ्रीका से उड़ाया गया। फिनलैंड तक उन  उपकरणों से मिली यह तस्वीर सैटेलाइट से उसकी यात्रा मार्ग को दिखाती है। उस छोटे पक्षी ने यह 10,000 किलोमीटर की दूरी 42 दिनों में तय की। वायुमार्ग से उसने औसतन 230 किमी प्रतिदिन उड़ान भरी है। । दर्शाये मार्ग के समानांतर उसने उड़ान भरी। यदि हम उपग्रह पर उसके मार्ग को करीब से देखें, तो हम देखेंगे कि जब वह पानी या समुद्र के एक बड़े हिस्से के सामने आता है, तो वह वहाँ से रास्ता बदल लेता है जैसे कि वह आराम करना चाहता है और जमीन खोजना चाहता है।
फिर मिस्र-सूडान के रेगिस्तान को भी छोड़ते हुए उसने उड़ान भरी ताकि पानी के अभाव में प्यासा न रहे।

ये अतिजटिल और कठिन मैपिंग,रूटिंग, एल्टीट्यूड नॉलेज वैज्ञानिकों ने युगों-युगों के प्रयास और अध्ययन से  िवकसित किया है, इन बातों को,ज्ञान को सीखने में पायलटों ं को बरसों  लग जाते हैं, इस नन्हीं चिड़िया को इतना ज्ञान और कौाशल किसने सिखाया?

अधिक दिलचस्प बात यह है कि वे उच्च ऊंचाई पर उड़ते समय अपनी ऊर्जा का 1% भी खर्च नहीं करते हैं, वे तैरते हुए, कभी-कभी सोते हुए भी सैकड़ों मील की यात्रा कर सकते हैं। यह उत्तम तकनीक उनके शरीर में कैसे आई?
इसे हम ईश्वर की कृपा,प्रकृति का चमत्कार या  सृजन का खेल ही कह सकते हैं!

नवीन कुमार सिंह जी

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

पहले दिन से सुपरफ़ास्ट दौड़ रही है भजनलाल शर्मा सरकार - अरविन्द सिसोदिया cm rajasthan bhajanlal sharma

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

युवाओं को रोजगार से जोडने की भाजपा की ऐतिहासिक पहल - राकेश जैन BJP Kota City

जन गण मन : राजस्थान का जिक्र तक नहीं

ईश्वर तो समदर्शी, भेद हमारे अपने - अरविन्द सिसोदिया ishwar

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग

महापुरुषों के शौर्य को पाठ्यक्रम में पर्याप्त स्थान दिया जाये Mahapurushon ko sthan