नेहरू - गांधी परिवार की हजारों हजारों प्रतिमाएँ,तो बलिदानी सैनिकों की कुछ प्रतिमाएँ लगाने में क्या आपत्ति - अरविन्द सिसोदिया virangnayen

 



नेहरू - गांधी परिवार की हजारों हजारों प्रतिमाएँ,तो बलिदानी सैनिकों की कुछ प्रतिमाएँ लगाने में क्या आपत्ति - अरविन्द सिसोदिया

अहंकार के सातवें आसमान का परिचय देकर गहलोत ने राजस्थान को शर्मिंदा किया -  - अरविन्द सिसोदिया

मुख्यमंत्री गहलोत इस्तीफा दें , वीरांगनाओं से अक्षम्य दुर्व्यवहार मानसिक दिवालियापन - अरविन्द सिसोदिया

कोटा 11मार्च। भाजपा मीडिया संपर्क विभाग के प्रदेश सह संयोजक अरविंद सिसोदिया ने राजस्थान सरकार द्वारा बलिदानी सैनिकों की वीरांगनाओं  के साथ किये गए अभद्र दुर्व्यवहार और अमानवीय घटनाक्रम को गहलोत सरकार की आत्मघाती एवं शत्रुतापूर्ण मानसिकता करार देते हुए कहा राजस्थान वीरों और वीरांगनाओं की वीरसपूता धरा है और ये गहलोत सरकार द्वारा वीरांगनाओं का किया गया अपमान कतई सहन नहीं करेगी। भाजपा राजस्थान वीरांगनाओं के अपमान का पुरजोर विरोध करेगी ।

मीडिया प्रभारी सिसोदिया ने कहा गहलोत सरकार को आधी रात में कार्यवाही की क्या जरूरत थी। उन्होंने प्रश्न उठाते हुए कहा बलिदानी सैनिकों की वीरांगनाओं पर रात्रि में कार्यवाही गहलोत सरकार के मानसिक दिवालियेपन को ही प्रमाणित करती  है।  उन्हें मुख्यमंत्री जैसे जिम्मेवार पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं बचता। वे अविलंब अपने पद से इस्तीफा दें।

सिसोदिया ने कहा  वीरांगनाओं के समर्थन में प्रदेश भाजपा  प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया एवं नेता प्रतिपक्ष  राजेंद्र राठौड़ सहित भाजपा के हजारों  कार्यकर्ताओं को जयपुर में पुलिस द्वारा हिरासत में लेना भी निंदनीय है। इससे भाजपा का जनसंघर्ष नहीं रूकेगा, भाजपा जनहित के सम्मान के लिये हमेशा ही संघर्षरत रही है।

उन्होंने कहा सेना देश की सीमाओं पर शत्रु से सीधा सामना करती है, शौर्य से शत्रु को पराजित करती है और उनके बलिदान से देश सुरक्षित रहता है। गहलोत सरकार के व्यवहार से सेना को लेकर गलत संदेश गया है। इन बलिदानी सैनिकों की वीरांगनाओं से बिना किसी बिचौलिये के सीधे स्वयं मुख्यमंत्री गहलोत को बात सुननी चाहिए थी। किन्तु अहंकार के सातवें आसमान का परिचय देकर गहलोत नें राजस्थान को शर्मिंदा किया है।

सिसोदिया नें कहा मुख्यमंत्री गहलोत को स्वयं विरांगनाओं के मामले को डील करना चाहिये था, उनकी मांगों में इस तरह का कुछ भी नहीं है जिस पर विचार ही नहीं किया जाये। वे राजस्थान की संतान हैं कोई शत्रुराष्ट्र की नागरिक थोड़ी ही थी। उन्होंने कहा बातचीत से ही रास्ते निकलते हैं। बलिदानी सैनिकों और वीरांगनाओं से जुड़े सभी मसले स्वयं मुख्यमंत्री स्तर पर ही हल होनें चाहिए व इनकी मॉनिटरिंग भी मुख्यमंत्री को ही करनी चाहिए।

सिसोदिया ने कहा जब नेहरू - गांधी परिवार की हजारों हजारों  प्रतिमाएँ लग सकती हैं तो बलिदानी सैनिकों की कुछ प्रतिमाएँ लगाने में क्या आपत्ति हो सकती है। ये प्रतिमायें इधर उधर क्यों नगर की प्राइम लोकेशन पर ही होनी चाहिये ताकि जनता उनसे प्रेरणा प्राप्त कर सके। सैनिक के नाम पर स्कूलों का नामकरण भी बहुत ही सामान्य बात है। यह कोई असाध्य कार्य नहीं है। अन्य मांगों को मानना न मानना अलग बात है, किन्तु सुनना और उसमें कोई बाधा हो भी तो बताना मुख्यमंत्री का ही कर्तव्य बनता है। मुख्यमंत्री को इस अहंकार पूर्ण व्यवहार के लिये अबिलम्ब इस्तीफा देना चाहिये।

भवदीय
अरविन्द सिसोदिया, प्रदेश सहसंयोजक
भाजपा मीडिया संपर्क विभाग, राजस्थान.
9414180151

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