Hindu is the knower of God and Time - Arvind Sisodia

 

Arvind Sisodia

ईश्वर और काल का ज्ञाता हिन्दू ही है - अरविन्द सिसौदिया
Hindu is the knower of God and Time - Arvind Sisodia
 ईश्वर और काल का ज्ञाता हिन्दू ही है - अरविन्द सिसौदिया

By Arvind Sisodia 

- अरविन्द सिसौदिया 9414180151

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ईश्वर और काल का ज्ञाता हिन्दू ही है - अरविन्द सिसौदिया
Hindu is the knower of God and Time - Arvind Sisodia


 
It is mentioned in Rigveda that once upon a time a golden urn rotating at high speed explodes and it causes swelling of the universe. This illusion is called Big Bang by the people of the western world. From which many galaxies are formed. There are crores of objects in each galaxy. Which we know by the names of Sun, Moon, Stars, Mandakaniyo Niharrikaye, and by attaining a systematic speed, they make up the creation of a very long period of time.

ऋगवेद में आता है कि एक समय एक स्वर्ण कलश तेजगति से घूमत हुये विस्फोट होता है और उससे सृष्ट्रि का सुजन होता है। इसी को पाश्चात्य जगत के लोग बिगबैंग कहते हैं। जिससे अनेकों आकाशगंगायें बनती हैं। प्रत्येक आकाशगंगा में करोडो पिण्ड होते है। जिन्हे हम सूर्य चन्द्र तारे मंदाकनियों निहररिकायें के नामों से जानते है और ये व्यवस्थित गति प्राप्त कर एक बहुत बडे कालखण्ड की सृष्टि को बनाती है।

galaxies

This creation keeps expanding over time on the basis of force and when the force weakens, it shrinks and finally turns into a body again. And this body explodes again after reaching a particular temperature.

यही सृष्टि समयोपनरांत बल के आधार पर विस्तार पाती रहती है और बल के क्षीण होनें पर ये सिकुडते हुये अन्त में पुनः एक पिण्ड में परिवर्तित हो जाती हैं और यही पिण्ड एक तापमान विशेष की ठंड पर पहुंच कर पुनः विस्फोटित हो जाता है।

This sequence has been going on continuously since eternity and will continue till eternity. All this happens just like day and night. The regulator of all creation is temperature, the force of gravity and the energy that causes matter to contract and expand. These are the causes of light and darkness. Their legal origins are different types of conscious and unconscious forms. Their controller is God. Its parts are the life force that creates nature.

 यही क्रम निरंतर अनन्तकाल से चल रहा है और अनन्तकाल तक चलता रहेगा। यह सब ठीक अैसे ही होता है जैसे दिन रात होते है। सम्पूर्ण सृजन का नियामक तापमान,गुरूत्वाकर्ष्णन बल और ऊर्जा है जो पदार्थ को सिकुडन और विस्तार देती है।  ये ही प्रकाश एवं अंधकार के कारण होते हैं। इनकी विधि उत्पत्तीयां विविध प्रकार के चेतन अचेतन स्वरूप हैं। इनका नियामक ही ईश्वर है। उसके अंश ही प्राणां हैं जो प्रकृति का निर्माण करते है।

Hindu civilization is the only civilization in the whole world to which this knowledge and science has been available first and foremost. This sequence of creation and completion of the universe and then creation and completion has been first discovered and known by the Hindu civilization. Various rishis, saints and sages of Hindu civilization have done this great research and have identified the Supreme Supreme God, known him and recognized his system. And scripted this great research, knowledge, science and experience and made it available to the entire mankind.

सम्पूर्ण विश्व में हिन्दू सभ्यता ही एक मात्र सभ्यता है जिसके पास यह ज्ञान एवं विज्ञान सबसे पहले और सबसे प्रमाणित तौर पर उपलब्ध हुआ है। सृष्टि के सृजन और समापन तथा फिर सृजन एवं समापन के इस क्रम को सबसे पहले हिन्दू सभ्यता ने ही खोजा एवं जाना है। हिन्दू सभ्यता के विविध ऋषियों , साधू संतों एवं मुनियों ने यह महान अनुसंधान कर परम बृहम परमेश्वर की पहचान की उसे जाना उसकी व्यवस्था को पहचाना है। तथा इस महान अनुसंधान , ज्ञान , विज्ञान एवं अनुभव को लीपिबद्ध कर सम्पूर्ण मानवजाती को उपलग्ध करवाया है।


Hindu is Sanatan and Sanatan is Hindu. Now for convenience we can call them Indians too. But this is the human civilization which bears the evidence of being born first and also has potential. In which all the cultural literature including time calculation, astronomical research and knowledge till recognizing the form of God is leading not only on earth but also on various other worlds.

हिन्दू ही सनातन है और सनातन ही हिन्दू है। अब हम सुविधा के लिये इन्हे भारतीय भी कह सकते है। किन्तु यह वह मानव सभ्यता जो सर्वप्रथम उत्पन्न होनें का साक्ष्य भी रखती है तथा सामार्थ्य भी रखती है। जिसमें कालगणना, खगोलीय शोध और ज्ञान सहित ईश्वर के स्वरूप को पहचानने तक का तमाम संस्कृति साहित्य युगों युगों से पृथ्वी पर ही नहीं वरन विविध अन्य लोकों पर भी नेतृत्व कर रहा है।हिन्दू संस्कृति न केबल काल की गणना को सम्पूर्ण व्यवस्थित प्रकार से करती है बल्कि उसके सम्पूर्ण सृष्टि परिभ्रमण की भी सही जानकारी देती है। हिन्दुओं में महाकाल के रूप में भगवान शंकर उज्जैन में स्थापित हैं। समय के देवता के रूप में देवों के देव महादेव का यह स्वरूप समय के देवता के रूप में स्थापित है।


Mahakal

Hindu culture not only calculates the time in a completely systematic way, but also gives correct information about its entire world tour. Lord Shankar is established in Ujjain in the form of Mahakal among Hindus. This form of Mahadev, the god of gods, is established as the god of time.


Hindu civilization is the only civilization which tells the whole world that the controller of the universe is Tridev. Which is also accepted by the whole world. Lord Brahma is the God of creation, Lord Vishnu is the God of operation and Lord Shankar is the God of destruction. Under his leadership, the universe passed through the era of creation, operation and destruction countless times. Is passing the time. enjoying the time. The word God is also derived from this. G to generate, O to operate and D to destroy.

Godes Tridev

हिन्दू सभ्यता ही एक मात्र वह सभ्यता है जो सम्पूर्ण विश्व को बताती है कि सृष्टि के नियामक त्रिदेव है। जिसे पूरे विश्व ने भी माना है। सृजन के देव भगवान बह्मा, संचालन के देव भगवान विष्णु और संहार के देव भगवान शंकर है। इन्ही के नेतृत्व में सृष्टि सृजन, संचालन एवं संहार के दौर से अनगिनित बार गुजरते हुये । समय को गुजार रही है। समय का आनन्द ले रही है। इसी से गॉड शब्द भी बना है। जी से जनरेट,ओ से ओपरेट और डी से डिस्ट्राय ।


Science also tells the proof of Hindu Trinity by finding it in an atom. The trinity is present even in the tiniest part of matter. One in the form of electron, second in the form of proton and third in the form of neutron. This is an irrefutable evidence of Tridev power. Hindu civilization itself tells first of all that God has a cabinet, an administration. There is a great and comprehensive administration system to fulfill their work with full commitment. Not even a single hair of a body is free from its influence.

हिन्दू त्रिदेव का सबूत विज्ञान भी एक परमाणु में खोज कर बताता है। पदार्थ के सबसे सूक्ष्म अंश परमाणु में भी त्रिदेव हैं। एक इलेक्ट्रान के रूप में , दूसरा प्रोटान के रूप में और तीसरा न्यूट्रान के रूप में । यह त्रिदेव सत्ता का अकाट्य साक्ष्य है। हिन्दू सभ्यता ही सबसे पहले बताती है कि ईश्वर का मंत्रीमण्डल है, प्रशासन हैं । उनके कार्य को पूरी पूरी प्रतिबद्धता से पूरा करने वाला एक महान और व्यापक प्रशासन तंत्र है। जिसके प्रभाव से एक देह का एक बाल भी मुक्त नहीं है।

Hindu civilization and its knowledge is the father of western science. Hindu literature and knowledge is not imaginary but researchable. Many researches have been done on this in the western world and are also being done. A lot of knowledge of Hindus has also been served by putting its own label. Hindus should also make the world benefit properly with their advanced knowledge.

हिन्दू सभ्यता और उसका ज्ञान ही पाश्चात्य विज्ञान का जनक है। हिन्दू साहित्य एवं ज्ञान काल्पनिक नहीं है अल्कि अनुसंधानीय है। इस पर पाश्चात्य जगत में अनेकानेक शोध हुये भी हैं और हो भी रहे है। हिन्दुओं के बहुतेरे ज्ञान को अपना लेबिल लगा कर परोसा भी जाता रहा है। हिन्दुओं को भी अपने उन्नत ज्ञान से विश्व को ठीक प्रकार से लाभावान्वित करवाना चाहिये।

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