हिन्दुत्व का पुर्नजन्म सिद्यांत फिर से प्रमाणित हुआ Hindutva's reincarnation theory reaffirmed

  पुनर्जन्म एक भारतीय सिद्धांत है जिसमें जीवात्मा के जन्म और मृत्यु के बाद पुनर्जन्म की मान्यता को स्थापित किया गया है। विश्व के सब से प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद से लेकर वेद, दर्शनशास्त्र, पुराण, गीता, योग आदि ग्रंथों में पूर्वजन्म की मान्यता का प्रतिपादन किया गया है। इस सिद्धांत के अनुसार शरीर का मृत्यु ही जीवन का अंत नहीं है परंतु जन्म जन्मांतर की श्रृंखला है। ८४ लाख या ८४ प्रकार की योनियों में जीवात्मा जन्म लेता है और अपने कर्मों को भोगता है। आत्मज्ञान होने के बाद जन्म की श्रृंखला रुकती है; फिर भी आत्मा स्वयं के निर्णय, लोकसेवा, संसारी जीवों को मुक्त कराने की उदात्त भावना से भी जन्म धारण करता है। ईश्वर के अवतारों का भी वर्णन किया गया है। पुराण से लेकर आधुनिक समय में भी पुनर्जन्म के विविध प्रसंगों का उल्लेख मिलता है।

बहूनि मे व्यतीतानि जन्मानि तव चार्जुन।
तान्यहं वेद सर्वाणि न त्वं वेत्थ परन्तप ॥ ५ ॥


" अर्थात-श्रीभगवान बोले- हे अर्जुन ! मेरे और तेरे अनेक जन्म हो चुके हैं; उन सबको मैं जानता हूँ, किंतु हे परंतप ! तू (उन्हें) नहीं जानता।
इसमें श्रीकृष्ण ने पुनर्जन्म के सिद्धांत का प्रतिपादन किया है और स्वयं (कृष्ण) को अपने पिछले कई जन्मों की जानकारी होने की बात भी रखी है। "

हिन्दुत्व का पुर्नजन्म सिद्यांत फिर से प्रमाणित हुआ
Hindutva's reincarnation theory reaffirmed

 

पूरे विश्व में सिर्फ सनातन हिन्दू धर्म ही पुर्न जनम की बात कहता है। एक बार फिर से पुर्न जन्म प्रमाणित हुआ है। दैनिक भास्कर उदयपुर से प्रकाशित समाचार इस प्रकार से है।

पुनर्जन्म का ये किस्सा हैरान कर देगाः4 साल की बच्ची बोली- 9 साल पहले जलकर मरी; जो कहानी बताई, पास के गांव में वह सच निकली
उदयपुर - लेखकः  सतीश शर्मा

 पुनर्जन्म

पुनर्जन्म की ये कहानी आपको हैरान कर देगी। राजस्थान के राजसमंद में एक 4 साल की बच्ची ने अपने पुनर्जन्म को लेकर जो दावे किए, वो चौंकाने वाले हैं। बच्ची की बातों से मां-बाप से लेकर रिश्तेदार और गांव वाले सब चकित हैं। मासूम पिछले जन्म की जो बातें और किस्से बता रही है, वह सच निकले हैं। पहली जिंदगी में उसकी मौत कब और कैसे हुई, बच्ची यह सब बताती है। दैनिक भास्कर की टीम राजसमंद पहुंची और बच्ची और माता-पिता को साथ लेकर उसके पिछले जन्म के बताए परिवार से बातचीत की।...तो अब इंतजार किस बात का आप खुद ही पढ़िए यह रहस्यमयी कहानी।

कहानी शुरू होती है नाथद्वारा से सटे गांव परावल से। रतनसिंह चूंडावत की 5 बेटियां हैं। वह एक होटल में नौकरी करते हैं। पिछले एक साल से उनकी सबसे छोटी बेटी किंजल (4) बार-बार अपने भाई से मिलने की बात कह रही थी। उन्होंने पहले तो इस पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन दो महीने पहले जब एक बार किंजल की मां दुर्गा ने उससे अपने पापा को बुलाने को कहा तो वह बोली पापा तो पिपलांत्री गांव में हैं। पिपलांत्री वही गांव है, जहां ऊषा नाम की एक महिला की जलने से मौत हो गई थी। किंजल के अभी के गांव से करीब 30 किलोमीटर दूर। बच्ची कहती है, वही ऊषा है।

दावा- नौ साल पहले आग से जलकर मरी थी
यहीं से शुरू होती है किंजल के पुनर्जन्म की कहानी। बच्ची के जवाब और दावे से पूरा परिवार सन्न रह गया। मां दुर्गा के बार-बार पूछने पर किंजल आगे बताती है कि उसके मां-बाप और भाई समेत पूरा परिवार पिपलांत्री में ही रहता है। वह 9 साल पहले जल गई थी। इस हादसे में उसकी मौत हो गई और एंबुलेंस यहां छोड़कर चली गई। दुर्गा ने यह बात बच्ची के पिता रतन सिंह को बताई तो वह बच्ची को मंदिर और थान पर ले गए। उसे डॉक्टरों को भी दिखाया तो बच्ची को कोई समस्या नहीं थी। बच्ची सामान्य थी। बस अब वह बार-बार अपने पहले जन्म के परिवार से मिलने की जिद करने लगी। किंजल ने बताया कि उसके परिवार में दो भाई-बहन हैं। पापा ट्रैक्टर चलाते हैं। पीहर पीपलांत्री और ससुराल ओडन में है।

किंजल की कहानी सुनकर ऊषा का भाई मिलने पहुंचा, देखकर रोने लगी
किंजल की कहानी जब पिपलांत्री के पंकज के पास पहुंची तो वह परावल आया। पंकज ऊषा का भाई है। बकौल पंकज जैसे ही उसे देखा तो किंजल की खुशी का ठिकाना न रहा। फोन में मां और ऊषा का फोटो दिखाया तो वह फूट-फूटकर रोने लगी। 14 जनवरी को किंजल अपनी मां और दादा सहित परिवार के साथ पिपलांत्री पहुंची।

ऊषा की मां गीता पालीवाल ने बताया कि जब किंजल हमारे गांव आई तो ऐसा लगा जैस बरसों से वह यहीं रह रही हो। जिन महिलाओं को वह पहले जानती थी, उनसे बात की। यहां तक कि जो फूल ऊषा को पसंद थे, उसके बारे में किंजल ने पूछा कि वो फूल अब कहां है। तब हमने बताया कि 7-8 साल पहले हटा दिए थे। दोनों छोटी बेटियों और बेटों से भी बात की और खूब दुलार किया। गीता ने बताया कि उनकी बेटी ऊषा 2013 में घर में काम करते वक्त गैस चूल्हे से झुलस गई थी। ऊषा के दो बच्चे भी हैं।

अब ऊषा के परिवार से भी बन गया रिश्ता
इस घटनाक्रम के बाद किंजल और ऊषा के परिवार के बीच अनूठा रिश्ता बन गया। किंजल रोजाना परिवार के प्रकाश और हिना से फोन पर बात करती है। ऊषा की मां कहती हैं, 'हमें भी ऐसा लगता है कि मानों हम ऊषा से ही बात कर रहे हों। ऊषा भी बचपन में ऐसे ही बातें करती थी।'

 

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