ब्रिटिश महाराजा जॉर्ज पंचम की जगह लगेगी नेताजी सुभाष की प्रतिमा

                इंडिया गेट पर भव्य प्रतिमा नेताजी सुभाष चंद्र बोस - नरेंद्र मोदी
   grand statue Netaji Subhas Chandra Bose at India Gate 

                             - Narendra Modi

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प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर लिखा है, 

 "नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में, इंडिया गेट पर ग्रेनाइट की बनी उनकी भव्य मूर्ति प्रतिष्ठित की जाएगी. ये प्रयास उनके लिए भारत की कृतज्ञता का एक प्रतीक होगा."

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि जब तक उनकी मूर्ति पूरी नहीं होती, तब तक उस जगह पर एक होलोग्राम से बनी मूर्ति रहेगी, जिसका अनावरण 23 जनवरी को नेताजी की जयंती पर प्रधानमंत्री करेंगे.

Narendra Modi-
At a time when the entire nation is marking the 125th birth anniversary of Netaji Subhas Chandra Bose, I am glad to share that his grand statue, made of granite, will be installed at India Gate. This would be a symbol of India’s indebtedness to him.

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नेताजी सुभाषचन्द्र बोस, मास्को जेल में..?
https://arvindsisodiakota.blogspot.com/2010/10/blog-post_25.html

नेताजी सुभाषचन्द्र बोस, मास्को जेल में..?  

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यहां पहले किसकी मूर्ति लगी थी ?

बता दें कि दिल्ली में जहां इंडिया गेट बना है, वहां आसपास एक बड़ा सा पार्क है. इस पार्क में ही ये छतरी बनी है, जो इंडिया गेट के सामने है. बता दें कि जब इंडिया गेट बनकर तैयार हुआ था तब इसके सामने जार्ज पंचम की एक मूर्ति लगी हुई थी. इसे बाद में ब्रिटिश राज के समय की अन्य मूर्तियों के साथ कोरोनेशन पार्क में स्थापित कर दिया गया. यह 1960 के दशक तक यहां लगी थी और 1968 में इसे हटाया गया था. अब जार्ज पंचम की मूर्ति की जगह प्रतीक के रूप में केवल एक छतरी भर रह गई है, जहां अब नेताजी की फोटो लगाई जाएगी. बता दें कि कोरोनेशन पार्क दिल्ली में निरंकारी सरोवर के पास बुरारी रोड़ पर है.

कौन थे जॉर्ज पंचम ?

जॉर्ज पंचम यूनाइटेड किंगडम के किंग थे और ब्रिटिश भारत में 1910 से 1936 तक यहां के शासक भी थे. जॉर्ज के पिता महाराज एडवर्ड सप्तम की 1910 में मृत्यु होने पर वे महाराजा बने. वे एकमात्र ऐसे सम्राट थे जो कि दिल्ली दरबार में, खुद अपनी भारतीय प्रजा के सामने प्रस्तुत हुए. जहां उनका भारत के राजमुकुट से राजतिलक हुआ. जॉर्ज को उनके अंतिम दिनों में प्लेग और अन्य बीमारियों की वजह से मौत हो गई थी. साथ ही उन्होंने पहले विश्व युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी. उस दौरान वो ऐसे किंग थे, जिन्होंने अस्पताल,फैक्ट्रियों का दौरा किया था, जिसके बाद उनका आदर और भी बढ़ गया था. साथ ही इंडिया गेट का भी विश्व युद्ध से कनेक्शन है, इसलिए उनकी मूर्ति यहां लगाई गई थी.

इंडिया गेट क्यों बना ?

इंडिया गेट स्मारक ब्रिटिश सरकार द्वारा 1914-1921 के बीच अपनी जान गंवाने वाले ब्रिटिश भारतीय सेना के सैनिकों की याद में बनाया गया था. करीब अपने फ्रांसीसी समकक्ष के समान, यह उन 70,000 भारतीय सैनिकों को याद करता है, जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना के लिए लड़ते हुए अपनी जान गंवा दी थी. स्मारक में 13,516 से अधिक ब्रिटिश और भारतीय सैनिकों के नाम हैं जो पश्चिमोत्तर सीमांत अफगान युद्ध 1919 में मारे गए थे.

इंडिया गेट की आधारशिला उनकी रॉयल हाइनेस, ड्यूक ऑफ कनॉट ने 1921 में रखी थी और इसे एडविन लुटियन ने डिजाइन किया था. स्मारक को 10 साल बाद तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन ने राष्ट्र को समर्पित किया था.





 

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