हिन्दू को ही समझना होगा,संघ-भाजपा से नहीं अपितु हिंदू उत्थान के विरुद्ध हैं तथाकथित सेक्युलर दल anti-hindutv




 एक आलेख जो वाट्सएप पर चल रहा है। वह यथावत प्रस्तुत है । 
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कल मैं -
*औबेसी का एक इन्टरव्यू देख रहा था-*
वैसे तो सारे विरोधी नेताओं - चाहे पप्पू हो या टोंटी चोर या ममता हो, औबैसी या अन्य कोई -
*यह सभी भाजपा व संघ के विरुद्ध विष वमन करते हैं -और इनके सारे भाषण व संवाद यही होते हैं कि -संघ व भाजपा ही साम्प्रदायिकता फैलाते हैं व हिन्दू - मुस्लिम के मसले उठाकर भाई चारा बिगाड रहे हैं -*

अब मेरा इन सभी राजनीतिक उल्लू सीधा करने के लिये भाजपा व संघ को टार्गेट करना वालों से यह सीधे सवाल हैं - 

*कि तब कौन भाईचारा बिगाड रहा था या इनके पीछे कौनसी भावना काम कर रही थी-?*

•कि जब अयोध्या में मन्दिर तोड कर आज से 500 साल पहले वहां बाबरी मस्जिद बनायी गयी थी -तब भाजपा का अस्तित्व था या संघ का-?

•कि जब काशी विश्वनाथ मन्दिर पर कब्जा कर वहां मस्जिद खडी की गयी तब संघ था या भाजपा-?

•कि जब कृष्ण जन्म भूमि को नष्ट करके व दबाकर उसपर मस्जिद बनायी गयी तब संघ था या भाजपा-?

•कि जब मुगल आक्रान्ता भारत आकर हमारी बहू बेटियों को बलात ले जाकर अरब के बाजार में "दो दो दीनार में बेचते थे- तब संघ था या भाजपा-?

•देश में क्यों मुगलों द्वारा शताब्दियों पूर्व सोमनाथ सहित लाखों मन्दिर तोडे गये थे व हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियों को क्यों खंडित किया गया था- तब संघ था या भाजपा -?

•कि जब सिख बहादुर बलिदानियों व गुरूओं को आरे से काटा' व गर्म तेल के कडाह में तला गया- गुरूजी के साहबजादों को जिन्दा दीवार में चिनवा दिया- तब उनसे क्या उनसे मुस्लिम धर्म स्वीकार करने का दबाव डाला गया था या नहीं-? तब संघ था या भाजपा-?

•हिन्दू मुस्लिम दंगा- 1818 '1835, 1874- 1921 में भी हुवा था -

तब संघ था या भाजपा-?

•धर्म आधारित पाकिस्तान की मांग मुस्लिम लीग ने 1931 से 1939 में ही उठा दी- तब इसके पीछे संघ था या भाजपा-?

•1946 में 94% मुस्लिम मतदाताओं ने पाकिस्तान बनाने के पक्ष में मतदान किया- भले वह बाद में गये नहीं पर उसके पीछे संघ था या भाजपा-?

•स्वामी विवेकानंद 39 वर्ष की उम्र तक जिये 1902 में स्वर्गवासी हुये-
क्या वह संघ के व्यक्ति थे या भाजपा के -?

और नहीं तो -आज कांग्रेस औबेसी या कोई विपक्षी या मुस्लिम उनका नाम श्रद्धा से लेता है या उनकी जयन्ति मनाता है या घर में उनका चित्र लगाता है क्या-?
क्यों नहीं-? केवल इसलिये नहीं ना कि वह हिन्दू व इस देश की सनातन संस्कृति के पक्षधर थे-?

•आजादी के लिये जितनी यातना सावरकर ने सही अन्य किसी ने नहीं सही यह अकाट्य सत्य है - क्या वह संघ व भाजपा से जुडे थे-?

आज उनका विरोध व अपमान केवल इसलिये है ना कि वह भी हिन्दुत्व के पक्षधर थे- 

•क्या सरदार बल्लभभाई पटेल, डा राजेन्द्र प्रसाद ,मदन मोहन मालवीय संघ व भाजपा से जुडे थे-?
तो क्यों नेहरू व इन सभी दलों ने कश्मीर व सोमनाथ तथा बीएचक्यू के कारण इनका विरोध व तिरस्कार किया -? सिर्फ इसलिये ना कि- क्योंकि यह सभी सनातन हिन्दुत्व के पक्षधर थे-

•यह असत्य क्यों फैलाया गया कि- भारत में स्थापत्य कला अरब से मुगल लाये-? चाहे उनके यहां रेत के सिवा कुछ ना हो- तो भारत में मुगलों के आने के पहले जो मन्दिर- बावडियां व देव स्थान पाये जा रहे हैं- जो कि कलात्मकता के बेजोड उदाहरण हैं- यह तथ्य छिपाने के पीछे की भावना क्या सनातन हिन्दुत्व विरोधी नहीं रही है-?

*क्या इससे ही यह अपने देश के स्वाभिमान तक पर चोट कर अपने को देशद्रोही या देश विरोधी सिद्ध नहीं कर रहे हैं-*

यह सूची जितनी बड़ी चाहें -हो सकती है -अनन्त है ऐसे उदाहरण -

जिनसे सिद्ध होता है कि -
*यह जो हिन्दू विरोधी मानसिकता है, वह भाजपा व संघ के पैदा होने से हजारों साल पहले से है-*
इन सभी को हजारो साल से असली दिक्कत सनातन हिन्दू व हिन्दुत्व से ही है - 
*और शिवाजी,महाराणा प्रताप व गुरू गोविंदसिंह जी से तब रही- क्योंकि वह सनातन हिन्दुत्व के ही पक्षधर थे व सनातन हिन्दुत्व व देश विरोधियों का डटकर मुकाबला करते रहै-*
*और यही कारण है कि जब आज -कांग्रेस,सपा, बसपा, ममता, औबेसी के जैसे सारे  ही दल मुस्लिम परस्त हैं - उनके सामने भाजपा व संघ जब प्रतिकार करता है व सनातन हिन्दुत्व के संरक्षण का प्रयास करता है -* 

*तो*- इन तमाम देश तोड़क स्वयं में *"पूर्ण धृणित साम्प्रदायिक"* दलों व चेहरों को- 
*भाजपा वैसी ही दुश्मन दिखती है- जैसे -राणा,शिवा, गुरूगोविन्द व विवेकानन्द व बन्दा बैरागी दिखते थे-*
आखिर इनके पूर्वजों द्वारा तोडे गये मन्दिर जो आज पुनःबनने जो लगे हैं -इन्होने 1947 के बाद सत्ता को बंधक बनाकर जो विशिष्ट अधिकार व सहूलियतें व मलाई चाटने की व्यवस्था बना ली थी- वह दरकने जो लगी हैं -
*कल के औबेसी के इन्टरव्यू में एक बात और वह बार कह रहे थे -*
देश के संविधान को मानने की बात करते हुये कहते थे कि -योगी बार बार केवल हिन्दुत्व की बात करते हैं- क्या यह संविधान सम्मत है- वह मुख्यमंत्री हैं उन्होने संविधान के नाम पर शपथ ली है या नहीं -
*यही बात मैं औबेसी से पूछना चाहता हूं-*
कि आप भी तो सांसद हो -शपथ तो तुमने भी संविधान के नाम पर ही ली है- कभी संसद या चर्चा तक में तुमने कभी हिन्दू के पक्ष में कोई बात की-? -या केवल मुस्लिम मुस्लिम करते हुये अपने दल का नाम भी मुस्लिम नाम पर रखकर किस संविधान की शपथ की रक्षा कर रहे हो -?
मतलब तुम मुस्लिम मुस्लिम बोलो तो संविधान सम्मत और वह हिन्दू ही नहीं सबका साथ सबका विकास की भी बात करें तो संविधान विरोधी -?
इसे छल पूर्ण कुतर्क ना कहा जाये तो क्या कहा जाये- ?

*और एक बात साफ कर देना चाहता हूं कि-*
यह सारे दल कतई इमानदारी से मुस्लिम पक्षधर नहीं हैं, केवल भाजपा व संघ का डर दिखा कर अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेकने में लगे हैं-

इस का जीवन्त उदाहरण यह है कि -
क्या - *केरल की बाड हो, या कहीं समुद्री चक्रवात आये या मोरवी व केदारनाथ त्रासदी हो- क्या यह त्रासदी केवल हिन्दुओं का विनाश करती है मुस्लिम का नहीं -?*
तो ऐसे समय पर यह सारे मुस्लिम परस्ती का ढिंढोरा पीटने वाले दल व चेहरे या संगठन कहां छुप जाते हैं-? 

केवल मीडिया में बहस व बयानों के अलावा इनको उस त्रासदी से ग्रस्त परेशान जनता की कभी मदद करते देखा क्या - ?

*पर वहां हमेशा भाजपा/संघ पहुंचता है- और बिना इस बात की परवाह किये कि सहायता पाने वाला हिन्दू है या मुस्लिम अपनी जान जोखिम में डालकर भी वह सबकी सहायता में जुट जाते हैं -*

आज केन्द्र व राज्य की भाजपा सरकार की सारी सहायता की योजनाओं में किसी मुस्लिम को इस आधार पर रोका है कि- वह मुस्लिम है-?

*वरन तथ्य यह है कि- वहां गैस, मकान, चिकित्सा, पेन्शन,अनाज आदि की सहायता का लाभ लेने वालों की संख्या में मुस्लिमों की तादाद 40% से अधिक है- जब चाहो आरटीआई लगाकर तस्दीक कर सकते हो-*
तो यह सिर्फ झूंठ आधारित नैरेटिव बनाकर भाजपा व संघ को बदनाम करने की यह इनकी साजिश नहीं है तो और क्या है-?

*सच यह है कि -*
*देश ही नहीं दुनियां में यही लोग हैं जो- सांप्रदायिकता का जहर आज से नहीं हजारों साल से घोल रहे हैं -क्योकि इनका जन्म ही  सांप्रदायिक आधार पर हुवा है -*
*इरान- अफगानिस्तान और कई अफ्रीकन व लातिन अमेरिकन देश इसके ज्वलंत उदाहरण हैं -यही लोग भारत में नकाब बदल बदल कर भारत को बर्बाद करने व यहां अपनी सत्ता पुनः स्थापित करने के लिये के लिये तमाम हथकंडे अपनाते हैं। -चीन, पाकिस्तान तक से सहायता लेते हैं तथा दोष भाजपा व संघ पर मंढने की सुनियोजित साजिश रचते रहे हैं । *

*वन्देमातरम-*

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