स्वामी प्रसाद मौर्य : पार्टीयां बदलने की आदत swami-prsad-maurya

स्वामी प्रसाद मौर्य

 

स्वामी प्रसाद मौर्य: पार्टीयां बदलने की आदत 

जिस तरह नेताओं को अलग अलग रंग की जॉकट पहनने की आदत होती है। वैसे ही स्वामी प्रासाद मौर्य को भी जॉकट की तरह दल बदलने की आदत है। कोई बडी बात नहीं हुई है। उनके स्वाभाव के अनुसार यह सामान्य बात है। जिस थाली में खाना उसमें इेद करना इनकी राजनैतिक आदत है।

स्वामी प्रसाद मौर्य अभी तक भाजपा सरकार में मंत्री थे और अब वे सपा में जा चुके है। अससे पहले भी वे राजनैतिक दलों को बदलते रहे है। लोक दल, जनता दल, बसपा, भाजपा और अब सपा में ....! अपनी ढपली अपना राब की तरह चलने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य हवा के रूख के साथ चलने के अलावा दबाव की राजनीति भी करते है। अर्थात अपना गुट बनाना उसके द्वारा अपनी बाते मांगे मनवाना । उन्हे ज्यादातर दल झेल नहीं पाते हैं इसी लिये वे दल बदल करते रहते है। अभी तक उनका दांव सही बैठता रहा है, वे विधायक भी बनते रहे और मंत्री भी बनते रहे है। पांच बार विधायक बन चुके हैं। देखना सिर्फ इतना ही है कि अबकी बार उनका दावं कहीं ऊलटा नहीं पड़ जाये। यूं तो वे 4 बार मायावती मंत्रीमण्डल में मंत्री रहे है। कल्याणसिंह मंत्रीमण्डल और योगी आदित्यनाथ मंत्री मण्डल में भी मंत्री रहे है। वे भाजपा में 2016 में ही आये थे । यू भी भाजपा के अनुशासन में उनका रहना असंभव था । 

उनकी गिनती सौदे बाज टाईप के नेताओं में होती है। भाजपा ने उन्हे तब लिया था जब वह कमजोर थी, मायावती का जोर था। किन्तु महाराज जी ने भाजपा को बहुत मजबूती दी है। यूं भी भाजपा जैसी अनुशासित पार्टी में स्वामी प्रसाद करा रहना मुस्किल ही था।

 

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