कोटा के महाराव बृजराज सिंह Maharao Brijraj Singh royal family of Kota
राजस्थान के कोटा के महाराव बृजराज सिंह का 87 साल की उम्र में 29 जनवरी 2022 को देवलोक गमन हो गया है. बृजराज सिंह कोटा के अंतिम शासक महाराव भीमसिंह द्वितीय के पुत्र थे. बृजराज सिंह झालावाड़ लोकसभा से तीन बार सांसद भी रहे. बृजराज सिंह को अंतिम विदाई से पहले अंतिम दर्शनों के लिए बृजराज भवन में रखा गया, जहां बड़ी संख्या में लोग पूर्व महाराव के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे.
महाराजा बृजराज सिंह
बृजराज सिंह का जन्म 21 फरवरी 1934 हो हुआ था. वह एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे. वह झालावाड़ से तीन बार सांसद रहे. वह कोटा के अंतिम शासक महाराव भीम सिंह द्वितीय के इकलौते पुत्र थे.
बृजराज सिंह की शादी
बृजराज सिंह ने शादी 21 मई 1963 को कूचबिहार के महाराज कुमार इंद्रजीतेंद्र नारायण की बेटी महारानी उत्तरा देवी साहिबा से हुई थी.
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कोटा के राजपरिवार के महाराव व पूर्व सांसद बृजराज सिंह (Brijraj Singh, a member of the former royal family of Kota and former MP) का 87 साल की उम्र में निधन (died at the age of 87) हो गया। उनके अंतिम दर्शन (last look) के लिए उनके शव को बृजराज भवन में रखा (The dead body was kept in Brijraj Bhavan.) गया। जहां परिवार के सदस्यों, प्रशासनिक, सेना, पुलिस अधिकारियों व हाड़ौती संभाग से आए ठिकानेदारों ने पुष्प अर्पित किए (Tikadars offered flowers)। दोपहर 4 बजे उनकी बृजराज भवन से क्षार बाग तक अंतिम यात्रा निकाली (The last journey from Brijraj Bhavan to Kshar Bagh was taken out) गई। शाम को उनके बेटे व पूर्व सांसद इज्यराज सिंह ने पिता महाराव बृजराज सिंह को मुखाग्नि दी (Brijraj Singh was lit)। वे पंचतत्व में विलीन (merged into the five elements) हो गए। महाराव बृजराज सिंह की 29 जनवरी 2022 को सुबह 6 बजे तबीयत बिगड़ गई थी। सुबह 8 बजे ह्दयगति रुकने से निधन हो गया।
महाराव की अंतिम यात्रा में कई राजघरानों के सदस्य व जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। वहीं देशभर से कई गणमान्य व्यक्तियों ने शोक संवेदना प्रकट की। वे कोटा रियासत के अंतिम शासक महाराव भीम सिंह द्वितीय के इकलौते पुत्र थे। महाराव बृजराज सिंह 1962, 1967 और 1971 में लोकसभा चुनाव जीते और सांसद रहे। महाराव बृजराज सिंह, पूर्व सांसद इज्यराज सिंह के पिता और भाजपा विधायक कल्पना देवी के ससुर हैं। उनका जन्म 21 फरवरी 1934 को हुआ था। इसके साथ ही वे 20 जुलाई 1991 को महाराव बने थे। वह 1959 से 1961 तक कॉपरेटिव बैंक के चेयरमैन व बोर्ड ऑफ डायरेक्टर रहे।
बेबाकी से रखते थे अपनी बात
महाराव बृजराज सिंह दशहरे के अवसर पर गढ़ पैलेस में आयोजित परंपरागत दरीखाना कार्यक्रम में अक्सर कोटा शहर की स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त करते नजर आते थे। इस दौरान कोटा के जनप्रतिनिधियों से मुलाकात के समय बेबाकी से अपनी बात भी कहते थे। अव्यवस्थाओं के बारे में भी खरी-खरी बात कहते थे। उन्होंने दशहरा मैदान में स्मार्ट सिटी के तहत निर्माण पर भी आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि कोटा के दशहरे मेले का वैभव इससे बिगड़ रहा है। अपने बेबाक अंदाज व कला संस्कृति व पर्यटन के संरक्षण के लिए वे सदैव याद किए जाएंगे।
हाड़ोती के ठिकानेदारों ने किये पुष्प अर्पित
कोटा के राजपरिवार के महाराव बृजराज सिंह की अंतिम यात्रा के दौरान शहर की जनता ने नम आखों से अंतिम दर्शन किए। अंतिम यात्रा बृजराज भवन रोड से विवेकानंद सर्किल, एमबीएस रोड, अग्रसेन चौराहा होते हुए क्षार बाग पहुंची। अंतिम यात्रा में कोटा, बारां, झालावाड़, बूंदी जिलों के ठिकानेदार, विधायक भरत सिंह,पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल, भवानी सिंह राजावत, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द सिसौदिया एवं कांग्रेस के प्रदेश महासचिव पंकज मेहता सहित राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे।
तीन बार झालावाड़ लोकसभा से सांसद चुने गए थे
बृजराज सिंह कोटा के अंतिम शासक महाराव भीम सिंह द्वितीय के पुत्र थे। 21 फरवरी 1934 में जन्मे बृजराज सिंह तीन बार झालावाड़ लोकसभा से सांसद चुने (Elected MP from Jhalawar Lok Sabha thrice) गए थे। तीसरी लोकसभा में वो कांग्रेस व चौथी व पांचवी लोकसभा में जनसंघ से सदस्य चुने गए।
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