सभी दलों की एक विशिष्ट आचार संहिता होनी चाहियेAll parties should have a specific model code of conduct
सभी दलों की एक विशिष्ट आर्दश आचार संहिता होनी चाहिये
हाल ही में अंग्रेजी नववर्ष 2020 के प्रारम्भ पर चीन ने सीमा पर स्थित अपने कब्जे वाले भूभाग पर चीन का ध्वज फहराया । गोलमोल तरीके से यह वीडियो अपलोड किया गया। उसमें स्पष्टता कुछ भी नहीं थी। वह जगह मूल रूप से भारत-चीन सैनिक टकराव वाली जगह भी नहीं है और सेना की मानें तों वह चीन के नियंत्रण वाले क्षेत्र में ही फहराया गया है। सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच सदभाव भी बना हुआ है नववर्ष पर आपस में मिठाईयां ka आदान प्रदान भी हुआ है। किन्तु एक न्यूसेंस उत्पन्न करनें एक टिविट आया और देश में हल्ला हो गया। यूं तो जब युद्ध होगा तो उसे न तो टिविटर लडेगा न ही कोई राजनेता...उसे देश के वीर जवान ही लडेंगे।
राहुल गांधी ने एक ट्वीट में लिखा - "गलवान पर हमारा तिरंगा ही अच्छा लगता है. चीन को जवाब देना होगा. मोदी जी, चुप्पी तोड़ो!"
चीन ने निश्चित ही भारत सरकार की चिन्ताओं को बढाया है। किन्तु उसे फोलो कांग्रेस करे यह बात ठीक नहीं है। कांग्रेस या कोई भी अन्य दल, देश की सीमा से बाहर किसी भी अन्य देश में भारत की हित चिन्तक ही होनी चाहिये। उसकी गरिमा और सम्मान को संभालने वाला होना चाहिये। देश किसी भी दल को, देश से बार जाकर उसकी गरिमा को ध्वस्त करनें का, उसे नुकसान पहुंचाने वाली कोई हरकत की अनुमित नहीं देता । विदेशी मामलों में नैतिकता का पालन होना चाहिये। किन्तु कांग्रेस अपने आप को देश और उसकी नैतिकता से ऊपर मानती आ रही है, यही उसके पतन का कारण भी है। कभी पाकिस्तान के फोलाअप करना, कभी चीन का फोलोअप करना क्या है। ये क्या है ? आप विपक्षा दल हैं मगर आपको भारत की गरिमामय और देश का नेतृत्वकर्ताओं की गरिमा को ठेस पहुंचानें एवं कुछ तो भी बोलनें का अधिकार नहीं है।
प्रत्येक राजनैतिक दल को विश्वस्तर के प्रचार प्रसार माध्यमों पर देश की गरिमा बढानें वाली वृति से काम करना चाहिये। विरोधी होने के मतलब रोज रोज गरियानें का अधिकार किसनें दिया । भाषा संयत एवं व्यवहार सदभवी होना ही चाहिये। घटिया भाषा और झूठ परोशना अपराध होता है, अनैतिकता होती है एवं कम से कम श्रेष्ठ कार्य कुशलता नहीं है।
सभी दलों की एक विशिष्ट आर्दश आचार संहिता होनी चाहिये। चुनाव आयोग अभी तक नहीं बनाई है तो उ से बनाना चाहिये। जो दल आर्दश आचार संहित का पालन नहीं करे उसकी मान्यता समाप्त होनी चाहिये।
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