यूपी में आयाराम-गयाराम चलता रहेगा, आयेंगे योगी जी ही.....Yogi Adityanath Ji

UP Assembly Election 2022


Yogi Adityanath Ji

Yogi-ji-will-come

यूपी में आयाराम-गयाराम चलता रहेगा, आयेंगे योगी जी ही.....

Aayaram-Gayaram will continue in UP, Yogi ji will come.....

Aaya Ram Gaya Ram

बंगाल में आयाराम गयाराम चलता और ममता जी ही सरकार बनाई
यूपी में आयाराम गयाराम चलता रहेगा और योगी जी ही सरकार बनायेंगे

दिल्ली में नगर निगम चुनावों में भाजपा ने सभी पुरानें चेहरों को बदल दिया था और नये चेहरों को जनता चुना था। भाजपा ने गुजरात में पूरा मंत्रीमण्डल ही बदल दिया बिलकुल नये विधायकों का मंत्रीमण्डल बना दिया गया । काम करोगे तो चलोगे, नहीं तो छुट्टी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने स्वयं केबिनेट में इसी तरह का बडा बदलाव किया था। अब यूपी के चुनावों में कमजोर परफोरमेंस वाले भाजपा विधाकयों के टिकिट कटनें की बात जगजाहिर है। इसलिये अभी और भी भाजपा विधायक पार्टी छोड सकते है। इससे पार्टी को बडा नुकसान नहीं होता बल्कि उसे जनता के बीच में लोकप्रियता खो चुके लोगों से छुटकारा मिल जाता है।

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद बंगाल की ही तरह आयाराम गयाराम को खेल शिरू हो गया, राजनैतिक दल जिताऊ के चक्कर में इस तरह के अवसरवादियों को माथे पर बिठा लेते है। जब वे धोका देकर दूसरे से हाथ मिला लेते हैं तो हाथ मलते रह जाते है। यह बंगाल चुनाव में बहुत जोर से हुआ, दलबदलुओं ने एक समय येशा वातावरण ही बना दिया मानों दल बदलुओं के कारण भाजपा पूर्ण बहूमत से जीत जायेगी। मगर जमीनी हकीकत पर येशा नहीं हुआ दल बदलुओं की करारी हार हुई, ममता बर्नर्जी जीत गईं, इसी तरह योगी जी भी जीतेंगे। बंगाल में हो सकता है दलबदलुओं को इतनी तब्बज्जो नहीं मिलती तो भाजपा की सीटें और भी अधिक होतीं। यही बात अखिलेश के साथ भी होनी है, आयाराम भरोसे का तो है नहीं किन्तु भरोसे वाले की कीमत पर ही तो आ रहा है। याद रहे बेसिक कार्यकर्ताओं का जमीना आधार अलग ही होता है , वह कई वर्षों के काम के आधार पर खडा होता है। इसे तीन दिन पहले आया व्यक्ति नहीं पा सकता है।

 योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य और अब दारा सिंह चौहान के इस्तीफे से उत्तर प्रदेश की सियासत में खलबली मच गई है। इसके अलावा नौ विधायक भी पार्टी छोड़ चुके हैं। कुछ समय पहले भाजपा में भी इसी तरह के अनेकों लोग सम्म्लित हुये थे। अभी भी सम्मिलित होनें और छोडनें का दौर चलेगा।

आने वाले दिनों में यह संख्या और भी बढ़ सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि भाजपा ने इस बार 100 से 150 विधायकों का टिकट काटने का फैसला लिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि मकर संक्राति से पहले कई और विधायक पार्टी का दामन छोड़ सकते हैं।

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

सरदार पटेल प्रथम प्रधानमंत्री होते तो क्या कुछ अलग होता, एक विश्लेषण - अरविन्द सिसोदिया

कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान

Sanatan thought, festivals and celebrations

कांग्रेस की धमकियों से, "आरएसएस" का यह प्रबल प्रवाह नहीं रुकने वाला - अरविन्द सिसोदिया

सरदार पटेल के साथ वोट चोरी नहीं होती तो, वे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री होते - अरविन्द सिसोदिया

‘‘भूरेटिया नी मानू रे’’: अंग्रेजों तुम्हारी नहीं मानूंगा - गोविन्द गुरू

कविता - संघर्ष और परिवर्तन

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश