महापुरूषों की पुर्न स्थापना पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का भी राष्ट्र कृतज्ञ है - अरविन्द सिसौदिया


 

महापुरूषों की पुर्न स्थापना पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का भी राष्ट्र कृतज्ञ है - अरविन्द सिसौदिया

 देश आजाद होनें के बाद अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध लडनें वाले एवं भारत की प्रथम स्वतंत्र सरकार बनाने वाले आजाद हिन्द फौज के मुख्य सेनानायक नेताजी सुभाषचन्द्र बोस और 565 देशी रियासतों का भारत में विलय करवाने वाले प्रथम उपप्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के अदभुद शौर्य के आगे जो कहीं नहीं लगते हैं । उन्होने सरकार के रूप में काम करते हुये देश के साथ छल किया, देश की आने वाली पीढ़ियों को जानकारी देनें में छल किया । स्वतंत्रता सेनानियों को आतंकवादी कह कर अपमानित किया गया। महाराणा प्रताप की जगह अकबर को महान पढाया गया । विक्रम संवत के प्रणेता महान सम्राट विक्रमादित्य को छुपा दिया गया । इस तरह के अनेकों महान योद्धाओं एवं संतों और देश व संस्कृति के लिये कार्य करने वाले महापुरूषों को बहुत छोटा किया गया । भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इशारों इशारों में इस तथ्य को बेनकाब किया है। इसके लिये उनकी जितनी भी प्रशंसा की जाये उतनी कम है। नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की होलाग्राम प्रतिमा के उदघाटन के द्वारा नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को कृतज्ञ राष्ट्र ने श्रद्धांजलि दी है। 

वहीं कांग्रेस के कपट को एक हद तक समाप्त करनें के लिये मोदी जी का भी राष्ट्र कृतज्ञ है । 

उन्हे कोटि कोटि धन्यवाद ।

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आजादी के बाद अनेक महान व्यक्तित्वों के योगदान को मिटाने का काम किया

ये दुर्भाग्य रहा कि आजादी के बाद देश की संस्कृति और संस्कारों के साथ ही अनेक महान व्यक्तित्वों के योगदान को मिटाने का काम किया गया।

It was unfortunate that after independence, along with the culture and rites of the country, work was done to erase the contribution of many great personalities.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया,
इंडिया गेट, नई दिल्ली पर जहां ब्रिटिश महाराजा जार्ज पंचम की प्रतिमा लगी थी अब बहां लगेगी नेताजी सुभाष की भव्य मूर्ति ।

आजादी के बाद अनेक महान व्यक्तित्वों के योगदान को मिटाने का काम किया , उन गलतियों को डंके की चोट पर सुधारा जा रहा है : प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की प्रतिमा आजादी के महानायक को कृतज्ञ राष्ट्र की श्रद्धांजलि है। नेताजी सुभाष की ये प्रतिमा हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं को, हमारी पीढ़ियों को राष्ट्रीय कर्तव्य का बोध कराएगी।

मुख्य बातें
   1- नेताजी सुभाष कुछ ठान लेते थे तो फिर उन्हें कोई ताकत रोक नहीं पाती थीः पीएम मोदी
   2- नेताजी ने हमें स्वाधीन और समप्रभु भारत का विश्वास दिलाया थाः मोदी
   3- पिछले साल देश ने नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाना शुरू कियाः पीएम

अनेक महान व्यक्तित्वों के इतिहास को सीमित करने की कोशिशें हुईं : मोदी

Attempts were made to limit the history of many great personalities -PM  Modi

प्रधानमंत्री मोदी ने अपरोक्ष रूप से कांग्रेस के द्वारा देश के असली नायकों को छोटा करनें के षडयंत्र को उजागर करते हुये बडी बेवाकी से कहा कि “ आजादी के अमृत महोत्सव का संकल्प है कि भारत अपनी पहचान और प्रेरणाओं को पुनर्जीवित करेगा। ये दुर्भाग्य रहा कि आजादी के बाद देश की संस्कृति और संस्कारों के साथ ही अनेक महान व्यक्तित्वों के योगदान को मिटाने का काम किया गया। स्वाधीनता संग्राम में लाखों-लाख देशवासियों की तपस्या शामिल थी लेकिन उनके इतिहास को भी सीमित करने की कोशिशें हुईं । लेकिन आज आजादी के दशकों बाद देश उन गलतियों को डंके की चोट पर सुधार रहा है, ठीक कर रहा है। ”

उन्होने कहा है कि “ये मेरा सौभाग्य है कि पिछले वर्ष, आज के ही दिन मुझे कोलकाता में नेताजी के पैतृक आवास भी जाने का अवसर मिला था। जिस कार से वो कोलकाता से निकले थे, जिस कमरे में बैठकर वो पढ़ते थे, उनके घर की सीढ़ियां, उनके घर की दीवारें, उनके दर्शन करना, वो अनुभव, शब्दों से परे है। मैं 21 अक्टूबर 2018 का वो दिन भी नहीं भूल सकता जब आजाद हिंद सरकार के 75 वर्ष हुए थे। लाल किले में हुए विशेष समारोह में मैंने आजाद हिंद फौज की कैप पहनकर तिरंगा फहराया था। वो पल अद्भुत है, अविस्मरणीय है।”

प्रधानमंत्री मोदी
ने कहा कि नेताजी, जिन्होंने हमें स्वाधीन और समप्रभु भारत का विश्वास दिलाया था, जिन्होंने बड़े गर्व, आत्मविश्वास और साहस के साथ अंग्रेजों के सामने कहा था कि मैं स्वतंत्रता की भीख नहीं लूंगा, मैं इसे हासिल करूंगा। ये प्रतिमा आजादी के महानायक को कृतज्ञ राष्ट्र की श्रद्धांजलि है। पिछले साल देश ने नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। आज इस अवसर पर सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार भी दिए गए हैं। नेताजी के जीवन से प्रेरणा लेकर ही इन पुरस्कारों को देने की घोषणा की गई थी।

’नेताजी को देश पर विश्वास था’
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के अलग-अलग देशों के बीच में, सेनाओं के बीच में हमने संयुक्त सैन्य अभ्यास बहुत देखे हैं। लेकिन भारत ने पहली बार डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए ज्वॉइंट ड्रिल की परंपरा शुरू की है। उत्तर प्रदेश में जो नए एक्सप्रेस वे बन रहे हैं, उनमें भी आपदा प्रबंधन से जुड़ी बारीकियों को प्राथमिकता दी गई है। आपात स्थिति में ये एक्सप्रेस वे विमान उतरने के काम आ सकें, इसका भी प्रावधान किया गया है। हमारे सामने आजादी के सौंवे साल से पहले नए भारत के निर्माण का लक्ष्य है। नेताजी को देश पर विश्वास था, उनके ही भावों के कारण मैं कह सकता हूं कि दुनिया की कोई भी ताकत नहीं है जो भारत को इस लक्ष्य तक पहुंचने से रोक सके।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर इंडिया गेट पर उनकी होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अंग्रेजों के सामने झुकने से इनकार कर दिया था। जल्द ही होलोग्राम की प्रतिमा को ग्रेनाइट की भव्य प्रतिमा से बदल दिया जाएगा। नेताजी की प्रतिमा लोकतांत्रिक मूल्यों और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी।

आपदाओं में हम ज्यादा से ज्यादा जीवन बचाने में सफल रहेः पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि हमने रिलीफ, रेस्क्यू और पुनर्वास पर जोर देने के साथ ही रिफॉर्म पर भी बल दिया है। हमने छक्त्थ् को मजबूत किया, उसका आधुनिकीकरण किया, देश भर में उसका विस्तार किया। टेक्नोलॉजी से लेकर प्लानिंग और मैनेजमेंट तक सर्वोत्तम संभव अभ्यास को अपनाया गया। पहले एक-एक साइक्लोन में सैकड़ों लोगों की मृत्यु हो जाती थी, लेकिन पिछले दिनों आए साइक्लोन में ऐसा नहीं हुआ। देश ने हर चुनौती का जवाब एक नई ताकत से दिया। इन आपदाओं में हम ज्यादा से ज्यादा जीवन बचाने में सफल रहे। जिन क्षेत्रों में भूकंप, बाढ़ या साइक्लोन का खतरा ज्यादा रहता है, वहां पर पीएम आवास योजना के तहत बन रहे घरों में भी आपदा प्रबंधन का ध्यान रखा जाता है। उत्तराखंड में चारधाम महा परियोजना में भी आपदा प्रबंधन का ध्यान रखा गया है।




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