आतकंवाद की जन्मस्थली पाकिस्तान में 2021 में आतंकी हमले बढ़े Terrorist-attacks-increase-in-Pakistan

आतंकी हमले पाकिस्तान में
Terrorist Attacks in Pakistan:
तालिबान सरकार बनने के बाद पाकिस्तान में बढ़े आतंकी हमले, पिछले 4 साल का रिकॉर्ड टूटा
 

आतकंवाद की जन्मस्थली पाकिस्तान में 2021 में आतंकी हमले बढ़े
Terrorist attacks increase in 2021 in Pakistan, the birthplace of terrorism


आतकंवाद की जन्मस्थली पाकिस्तान में 2021 में 56 प्रतिशत बढ़े आतंकी हमले

सारी दुनिया में आतंकवाद के जन्मदाता के नाम से जाना जाने वाला पाकिस्तान बाहर कितनी भी गीदड भवकी देता हो मगर उसकी आंतरिक स्थिती बहुत खराब है। कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। वहीं आतंकी गुटों पर उसका कोई नियंत्रण नहीं है। आये दिन आतंकी घटनायें हो रही है। यह तब है जब कि पाकिस्तान की 95 फीसदी आबादी मुस्लिम है। वहीं भारत में लगातार सरकार की आतंक विरोधी मुहिम / सक्रीयता से आतंकी घटनाओं पर नियंत्रण बना हुआ है। जबकि मनमोहनसिंह सरकार में आतंकी घटनाओं का बोल वाला था। भारत सरकार का कोई भय ही नहीं था।

बताया जाता है कि
1-  2021 में पाकिस्तान में हर महीने औसत 25 आतंकी घटनाएं दर्ज की गई हैं।
यह भी बताया जा रहा है कि
2- में 2021 में आतंकवादी हमलों में 56 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
इस्लामाबाद के थिंकटैंक की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक,
3- 2021 में आतंकवादियों ने 294 हमले हुये । जिसमें 388 लोगों की मौत हुई और 606 लोग घायल हुए। अगस्त में सबसे ज्यादा 45 आतंकवादी हमलों हुए थे।
4- पाकिस्तान में हर महीने औसत 25 आतंकी घटनाएं दर्ज की गई हैं।

माना जा रहा है कि पाकिस्तान तालिबान के साथ अफगानिस्तान तालिबान भी इमरान सरकार के लिए आफत का सबब बना हुआ है।

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भारत - पाकिस्तानी सीमा पर अब पहले से कम आक्रमकता
पाकिस्तान तथा भारत के बॉर्डर पर प्रदेश में इन दिनों शांति बनी हुई है। अब एलओसी पर फायरिंग के मामले कम देखने को मिल रहे है। इस साल अभी तक पाक की तरफ से बॉर्डर पर कुल 33 बार अशांति फैलाने की कोशिश की गई है। इस दौरान हुई घुसपेठ की कोशिशों को नाकाम करते हुए 11 आतंकवादियों को मार गिराया गया, 20 को अरेस्‍ट किया गया है।

जानकारी के अनुसार इस साल दोनों मुल्कों के बीच में ताजा सीजफायर हुआ था। जिसमें फैसला लिया गया था कि बॉर्डर पर शांति बनाए रखने के लिए दोनों की तरफ से प्रयास किया जाएगा। कुछ समय तक तो पाक की तरफ से कोई हरकत नहीं की गई लेकिन उसके बाद पाक की तरफ से ड्रोन उडाने के मामले सामने आने लगे। जिसमें नशे की खेप के अलावा हथियारों को इस तरफ भेजने का प्रयास किया गया।

इसके अलावा कश्मीर की एलओसी पर आतंकियों की घुसपैठ भी करवाई गई। लेकिन उसे नाकाम कर दिया गया। सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने बताया कि कई घुसपैठ के प्रयास विफल हुए हैं। जिसमें 11 आतंकियों को मार गिराया गया है। अभी स्वतंत्रता दिवस को लेकर आईबी से लेकर एलओसी पर सुरक्षा को और कड़ा किया गया है ताकि पाक की तरफ से इस दौरान कोई बड़ी घुसपैठ करवाकर हमला ना किया जा सके। अधिकारियों का कहना है कि इस साल अभी तक 20 आतंकियों को गिरफ्तार किया जा चुका है जोकि पाक से घुसपैठ करके इस तरफ आ रहे थे। पूछताछ के दौरान कई खुलासे हुए है।

पिछले साल हुई थीं 5100 घटनाएं
पिछले साल यानि 2020 में पाक की तरफ से फायरिंग की 5100 घटनाएं हुई थी। इनमें 36 लोगों की जान गई थी और सैकडों घायल हुए थे। यानि औसतन प्रतिदिन 14 घटनाएं हुईं जा ेकि अब तक की सबसे ज्यादा घटनाएं रिकार्ड की गई हैं।
- वर्ष 2019 में 3289 फायरिंग की घटनाएं हुई थीं।
- वर्ष 2018 में 2936 घटनाएं हुई थीं।
- वर्ष 2017 में 971 घटनाएं हुई थीं।
- इस साल यह संख्‍या बहुत कम रही।

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चीनी निवेश एवं मौजूदगी से बलूचिस्तान में हिंसक झडपें बडीं
पाकिस्तान के दक्षिण पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान में एक साल पहले की तुलना में साल 2021 के दौरान आतंकवादी घटनाओं की संख्या में 90 प्रतिशत की वृद्धि हुई. इस प्रांत के गृह विभाग ने यह जानकारी दी है. आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 में अब तक आतंकवाद की 137 घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिनमें 130 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. मरने वालों में सुरक्षा बलों के सदस्य भी शामिल थे.

पाकिस्तानी सुरक्षा विश्लेषक आमिर राना ने जर्मन समाचार एजेंसी डीपीए को बताया, “हाल के महीनों में छोटे हमले कई गुना बढ़ गए हैं.“ उन्होंने कहा कि हमलों के पीछे धार्मिक चरमपंथी और बलूच अलगाववादी थे, जिनके बारे में दावा किया जाता है कि उन्हें अफगानिस्तान में सुरक्षित पनाह मिली हुई थी.

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से पाकिस्तानी क्षेत्र में सैकड़ों हमले किए हैं. आतंकवादी समूह ने टीटीपी और पाकिस्तानी सरकार के बीच एक महीने के संघर्ष विराम के समाप्त होने के बाद से कम से कम 16 हमलों की जिम्मेदारी ली है. टीटीपी ने 10 दिसंबर को संघर्ष विराम की समाप्ति की घोषणा की.

बलूचिस्तान क्षेत्रफल की दृष्टि से पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है जो आंतरिक विवादों का शिकार है. यह अफगानिस्तान और ईरान के साथ सीमा साझा करता है और अक्सर यहां धार्मिक चरमपंथियों, नस्लवादी समूहों और अलगाववादियों द्वारा हिंसा की जाती है.

अधिकांश हिंसा को विद्रोहियों द्वारा बीजिंग के निवेश की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जाता है. चीन की क्षेत्र में निवेश की योजना है, चीन सी-पैक परियोजना के जरिए अपने शिनजियांग प्रांत को बलूचिस्तान प्रांत के जरिए अरब सागर से जोड़ना चाहता है.  इसके लिए विशेष रूप से बलूचिस्तान में पाकिस्तानी क्षेत्र में एक सड़क नेटवर्क और अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जा रहा है.

एए/सीके (डीपीए, एएफपी)





 

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