मधुर वाणी आनंद की औषधि sweet voice, medicine of happiness



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        *"खराब शब्दों की शक्ति से बड़े-बड़े युद्ध और तलाक तक हो जाते हैं। और अच्छे शब्दों की शक्ति से महापुरुषों/देवताओं से आशीर्वाद भी मिल जाते हैं।"*

        *"शब्दों में बहुत शक्ति होती है। जब दो देशों की सेनाओं में युद्ध होता है तो सेनाओं के नायक अपनी सेनाओं में जोश उत्पन्न करते हैं। उसका साधन उनके शब्द ही होते हैं।"* उन शब्दों को सुनकर सैनिक लोग पूरी तरह से उत्साहित हो जाते हैं, और युद्ध लड़ने को तैयार हो जाते हैं। मरने की भी चिंता नहीं करते। शब्दों में इतनी शक्ति होती है। यह तो शब्दों का सदुपयोग है, कि न्याय धर्म और देश की रक्षा के लिए सैनिकों को युद्ध के लिए उत्साहित करना।

        परन्तु अनेक बार इन शब्दों का दुरुपयोग भी होता है। *"जब कहीं दो व्यक्ति शब्दों का दुरुपयोग करते हैं, तो उनमें बड़े बड़े झगड़े हो जाते हैं। चाहे वे दो व्यक्ति मित्र हों, या पड़ोसी हों, ग्राहक और दुकानदार हों, चाहे पति पत्नी हों।"* यदि इनमें शब्दों का दुरुपयोग हो जावे, तो कितने ही संबंध टूट जाते हैं। पति पत्नी के तलाक तक हो जाते हैं। और भी न जाने कितनी हानियां शब्दों का दुरुपयोग करने से होती हैं। 

        *"यदि आप इन हानियों से बचना चाहते हों, तो शब्दों के दुरुपयोग से बचें। बल्कि शब्दों का सदुपयोग करें।" "वेद मंत्रों का पाठ करें। उत्तम श्लोकों का गान करें। आपस में मीठी भाषा बोलें। अच्छी बातें करें। धर्म ईश्वर मुक्ति इत्यादि अध्यात्मिक विषयों पर चर्चा करें। सत्य बोलें। मीठा बोलें। नम्रता सभ्यता से बोलें। कठोर भाषा न बोलें। निंदा चुगली न करें। कभी भी किसी पर झूठे आरोप न लगाएं।"* 

स्मरण रहे, "शब्दों में बहुत शक्ति होती है." कहते हैं, *"तलवार का घाव भर जाता है, परंतु वाणी का नहीं।" 

"कठोर या कड़वे शब्द दूसरों के हृदय पर घाव उत्पन्न कर देते हैं। परन्तु मीठे मधुर शब्द औषधि का भी काम करते हैं। वे दूसरों के हृदय में आनन्द को उत्पन्न करते हैं।"*

         *"आप इस वाणी के सदुपयोग से संसार के लोगों का हृदय जीत सकते हैं, और एक उत्तम कलाकारी का प्रदर्शन कर सकते हैं। अतः दूसरों का हृदय जीतने के लिए, अपना और सब का सुख बढ़ाने के लिए शब्दों का सदुपयोग करें। कभी भी दुरुपयोग न करें।"*

---- *स्वामी विवेकानन्द परिव्राजक, रोजड़ गुजरात।*

*🍃🌻देवभूमि भारतम🌻🍃*

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