हामिद अंसारी चीन,पाकिस्तान और अफगानिस्तान पर भी कुछ बोलने की हिम्मत रखते हैं क्या ?
हामिद अंसारी चीन,पाकिस्तान और अफगानिस्तान पर भी कुछ बोलने की हिम्मत रखते हैं क्या ?
Does Hamid Ansari have the courage to speak on Pakistan and Afghanistan as well?
कांग्रेस और कांग्रेस कल्चर के लोगों ने भारत के मुसलमान को हमेशा ही भारी नुकसान पहुंचाया है। उसे अपना वोट बैंक बनाये रखनें के लिये हमेशा ही हिन्दू के विरूद्ध खडा करने की प्रवृति, हिन्दू से दूर रखनें की प्रवृति, हिन्दू - मुसिलम दंगे करवाना, हिन्दू के मामलों में भ्रमित करते रहना, डराना, झूठा भय दिखना यह सब कांगेस की संस्कृति रही है। इस प्रयोग को लगातार वे करते रहे और अब भी कर रहे है। इसी प्रयोग का हिस्सा हामिद अंसारी का हालिया बयान है। जो सिर्फ झूठ की बुनियाद पर खडा है। जब कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान में सबसे बदतर हालात में मानव अधिकार एवं स्वतंत्रता है। अल्पसंख्यकों का जीवन जहां सबसे बदतर है वह देश चीन , पाकिस्तान और अफगानिस्तान है। हामिद अंसारी भले ही उपराष्ट्रपति रहे हों मगर उनकी हिम्मत इन देशों के खिलाफ बोलनें की नहीं है। सच तो यह है कि उनमें मुसलमानों के वास्तविक हित के लिये बोलनें की भी हिम्मत नहीं है। यह राष्ट्रपति चुनाव में भाग्य अजमाना चरहते है। यह मात्र राजनैतिक महत्वाकांक्षा को पूरा करनें के लिये पोलिटिकल स्टंट है।
भारत के मुसलमानों ने कांग्रेस को पहचान भी लिया है। कांग्रेस को लगभग मुसलमान छोड चुका है। वह कांग्रेस के षडयंत्रों को भी पहचान चुका है। वह मजबूरी होनें पर ही कांग्रेस को चुनता है। जहां भी मजबूत क्षैत्रवादी दल है वहां मुसलमानों ने कांग्रेस को छोड दिया है। जैसे कि उत्तर प्रदेश , बिहार, पश्चिमी बंगाल, दिल्ली, केरल, तमिलनाडू,आंघ्र पदेश, तेलंगाना सहित अनेकों प्रदेश है।
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पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पर शाहनवाज का पलटवार,
मुसलमानों के लिए भारत, हिंदू और मोदी ही बेहतर
पटना।
गणतंत्र दिवस पर एक कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल होकर भारत के लिए अपने विचार रखकर पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी विवादों में आ गए हैं। इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल की ओर से आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम में उन्होंने हिंदू राष्ट्रवाद के उभार को लेकर चिंता जताई थी।
उन्होंने भारत के लोकतंत्र की आलोचना करते हुए कहा था कि देश अपने संवैधानिक मूल्यों से दूर होता जा रहा है। अब पूर्व उपराष्ट्रपति के बयान पर बिहार सरकार में मंत्री व बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने पलटवार किया है। शाहनवाज ने गुरुवार को पटना में मीडिया से बात करते हुए कहा कि देश हामिद अंसारी के बयान को पूरी तरह नकारता है। मुसलमानों के लिए भारत से अच्छा देश, हिंदू से अच्छा दोस्त और नरेन्द्र मोदी से अच्छा प्रधानमंत्री नहीं मिल सकता।
पूरी दुनिया में हो रही आज भारत की प्रशंसा
शाहनवाज हुसैन ने कहा कि पूरी दुनिया में आज भारत की प्रशंसा हो रही है। इतने बड़े देश में न दंगा और न फसाद। भारत संविधान से चल रहा है। देश के पूर्व उपराष्ट्रपित हामिद अंसारी ने इन सारी बातों की कदर नहीं की। शाहनवाज ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का जिक्र करते हुए उस दौरान दिए गए अंसारी के बयान को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया। शाहनवाज हुसैन ने कहा कि हामिद अंसारी को तो वंदेमातरम कहने पर भी आपत्ति है।
बीजेपी ने हामिद अंसारी पर किया पलटवार
पूर्व उपराष्ट्रपति ने कहा कि ऐसे ट्रेंड्स को राजनीतिक और कानूनी रूप से चुनौती दिए जाने की जरूरत है। उधर, हामिद अंसारी के इस बयान पर बीजेपी नेता और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने पलटवार किया है। नकवी ने कहा कि मोदी की आलोचना करने का पागलपन अब भारत की आलोचना करने की साजिश में बदल गया है। उन्होंने कहा, 'जो लोग अल्पसंख्यकों के वोट का शोषण करते थे, वे अब देश के सकारात्मक माहौल से चिंतित हैं।
इस कार्यक्रम का आयोजन 17 अमेरिकी संगठनों ने कराया था जिसमें भारतीय अमेरिकी मुस्लिम काउंसिल भी शामिल है। इस समूह को त्रिपुरा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए अपने शपथपत्र में आरोप लगाया था कि उसके आईएसआई और अन्य उग्रवादी गुटों के साथ लिंक हैं। उधर, काउंसिल ने त्रिपुरा सरकार के इस दावे को खारिज किया था और कहा था कि वे एक अमेरिकी नागरिक अधिकार संगठन हैं।
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Hamid Ansari:
आईएसआई से जुड़ी संस्था के कार्यक्रम में हामिद अंसारी के विवादित बोल, भारत में बढ़ी असहिष्णुता
वॉशिंगटन
भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी (Hamid Ansari) का एक और बयान विवादों में आ गया है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ी संस्था के एक कार्यक्रम में हामिद अंसारी ने भारत के लोकतंत्र की आलोचना की और चेतावनी दी है कि देश अपने संवैधानिक मूल्यों से दूर जा रहा है। हामिद अंसारी ने गणतंत्र दिवस पर इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल की ओर से आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम में यह विवादित बयान दिया। उन्होंने हिंदू राष्ट्रवाद के उभार को लेकर चिंता जताई।
हामिद अंसारी ने कहा, 'हाल के वर्षों में हमने ऐसे ट्रेंड्स का उभार और वैसे व्यवहार देखे हैं जो पहले से स्थापित नागरिक राष्ट्रवाद के खिलाफ हैं और ये सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की काल्पनिक व्यवस्था को लागू करते हैं।' अंसारी ने यह भी दावा किया, 'यह वर्तमान चुनावी बहुमत को धार्मिक बहुमत के रूप में पेश करते हैं और राजनीतिक शक्ति पर एकाधिकार करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग चाहते हैं कि नागरिकों को उनकी आस्था के आधार पर अलग-अलग कर दिया जाए और असुरक्षा को बढ़ावा दिया जाए।
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